The stars of the film ‘Humare Barah’ are in trouble | मुसीबत में पड़े फिल्म ‘हमारे बारह’ के स्टार्स: मौत और बलात्कार की धमकियां मिल रहीं; अन्नू कपूर और मनोज जोशी फिल्म के लीड एक्टर

2 मिनट पहले

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अन्नू कपूर स्टारर अपकमिंग फिल्म ‘हमारे बारह’ के प्रोड्यूसर और एक्टर्स ने मुंबई के वर्सोवा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। इस फिल्म में मनोज जोशी भी हैं। इस फिल्म के एक्टर्स और क्रू मेंबर्स को लगातार अज्ञात लोगों से मौत और बलात्कार की धमकियां मिल रही हैं। यह फिल्म 7 जून को दुनिया भर के सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। इसका प्रीमियर 77वे कांस फिल्म फेस्टिवल में भी हुआ। बता दें, पहले इस फिल्म का नाम ‘हम दो हमारे बारह था।’ अब फिल्म का नाम सेंसर बोर्ड के कहने पर ‘हमारे बारह’ कर दिया गया है।

फिल्म 'हमारे बारह' के स्टारकास्ट और क्रू।

फिल्म ‘हमारे बारह’ के स्टारकास्ट और क्रू।

स्टारकास्ट को जलाने की धमकी मिली

फिल्म ‘हमारे बारह’ के स्टारकास्ट ने बताया कि उन्हें जलाने की धमकी दी गई है। वहीं मुंबई पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया है कि हमारे रहते आपको कोई भी फिजिकली हार्म नहीं पहुंचा पाएगा। आप महाराष्ट्र में हैं, मुंबई पुलिस के रहते आप पूरी तरह से सुरक्षित हैं। स्टारकास्ट ने पुलिस के सामने वो सबूत भी पेश किए जिसमें उन्हें धमकी मिल रही है। उस वीडियो को 2 लाख से ज्यादा लोगों ने शेयर किया है।

बता दें कि ‘हमारे बारह’ का ऑफिशियल ट्रेलर रिलीज होने के बाद से इस पर एक्टर्स और मेकर्स को धमकियां मिलनी शुरू हुई हैं। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे कट्टरपंथी मौलानाओं के प्रभाव में आकर मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार होता है, उनकी स्थिति क्या हो जाती है।

फिल्म के मेकर्स की डिटेल्स हुई लीक

फिल्म के मेकर्स की डिटेल्स सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं। उनकी तस्वीरें, फोन नंबर और घर का पता सोशल मीडिया पर लीक कर दिया गया है। फिल्म मेकर्स और अन्नू कपूर के नाम पर कई तरह के पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट पर एक नजर डालते हैं-

कई तरह के सवाल उठाती है फिल्म

डायरेक्टर कमल चंद्रा की यह फिल्म अपने अलग कंटेंट के कारण चर्चा में है। फिल्म सवाल उठाती है कि इस्लाम धर्म की कौन सी व्याख्या सही है? बुनियादी सवाल यह है कि क्या औरत और मर्द के लिए इस्लाम अलग-अलग मानदंड अपनाता है?

फिल्म का नायक एक सच्चा मुसलमान है और अपनी धार्मिक आस्थाओं से बंधा हुआ है। उसे जिंदगी ने अवसर ही नहीं दिया कि धर्म गुरुओं से आगे इस्लाम की प्रगतिशील परंपराओं को जान सके, समझ सके और अपना सके। इसलिए वह फिल्म का खलनायक तो कतई नहीं है।

जब उसकी मूर्खतापूर्ण कट्टरता से उसकी बीवी बारहवें बच्चे को जन्म देने के दौरान मर जाती हैं तो उसकी कब्र पर वह एकालाप करता है कि उसे इस्लाम के बारे में कुछ नया सीखने का मौका ही नहीं मिला। यहीं पर रुखसाना का वॉइस ओवर है कि मैं तो मरकर आजाद हो गई पर कई औरतों को दर्द की कैद में छोड़ गई।

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