Beating retreating ceremony 2024 vijay Chowk president droupadi murmu | कर्तव्य पथ बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी: तीनों सेनाओं के बैंड 31 धुनें बजा रहे; राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मौजूद


नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले

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तीनों सेनाओं और CAPF के बैंड ने मिलकर 31 क्लासिकल धुनें पेश कीं। - Dainik Bhaskar

तीनों सेनाओं और CAPF के बैंड ने मिलकर 31 क्लासिकल धुनें पेश कीं।

राजधानी दिल्ली में रायसीना हिल्स के विजय चौक बीटिंग बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी समारोह शुरू हो गया है। इसे गणतंत्र दिवस के समापन समारोह के तौर पर मनाया जाता है।

कार्यक्रम की चीफ गेस्ट सेनाओं की प्रमुख राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, PM मोदी, NSA अजीत डोभाल, तीनों सेनाओं के चीफ, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट समारोह में मौजूद हैं। तीनों सेनाओं के बैंड ने सेरेमनी की शुरुआत ‘शंखनाद’ की धुन बजाकर की।

इन धुनों की दी गई प्रस्तुति
शंखनाद के बाद इसके बाद पाइप और ड्रम बैंड के जरिए वीर भारत, संगम दूर, देशों का सरताज भारत, भागीरथी और अर्जुन धुन बजाई गईं। CAPF बैंड भारत के जवान और विजय भारत का संगीत पेश किया।

इंडियन एयरफोर्स के बैंड ने टाइगर हिल, रेजोइस इन रायसीना और स्वदेशी म्यूजिक बजाया। इंडियन नेवी के बैंड ने INS विक्रांत, Mission चंद्रयान, जय भारती और हम तैयार हैं की धुनें पेश कीं।

इंडियन आर्मी के बैंड ने फौलाद का जिगर, अग्निवीर, कारगिल 1999 और ताकत वतन का म्यूजिक बजाकर समा बांधा।

सेरेमनी के शुरुआत के पहले की तस्वीरें

सेरेमनी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पीएम मोदी ने स्वागत किया।

सेरेमनी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पीएम मोदी ने स्वागत किया।

300 साल से भी ज्यादा पुराना इतिहास
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी की परंपरा राजा महाराजाओं के समय चली आ रही है। जब सूर्यास्त के बाद जंग बंद होने का ऐलान होता था। बिगुल बजाते ही सैनिक युद्ध बंद कर पीछे हट जाते थे। यब परम्परा 300 साल से भी ज्यादा पुरानी है। भारत के अलावा ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी होती है। भारत में इसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी।



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