नई दिल्ली8 मिनट पहले
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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार (29 जनवरी) को कोर्टरूम में गलत व्यवहार करने पर एक वकील की जमकर क्लास ली। CJI ने कहा- ये कोई रेलवे प्लेटफॉर्म नहीं कि आप आएं और किसी भी ट्रेन में चढ़ जाएं। पहले किसी सीनियर से सीखें कि कोर्टरूम में किस तरह से व्यवहार किया जाता है।
दरअसल, अपनी बारी आने के पहले एक वकील अचानक से कोर्टरूम में खड़ा हो गया और बहस करने लगा। वकील ने कहा कि उसने न्यायिक सुधारों के लिए एक जनहित याचिका दायर की है। वह इस पर तत्काल सुनवाई चाहता है। मामला आज की सुनवाई वाली लिस्ट में नहीं है।
इस बात पर CJI चंद्रचूड़ नाराज हो गए। उन्होंने वकील को फटकार लगाते हुए कहा- कोर्टरूम कोई रेलवे प्लेटफॉर्म नहीं है कि आप आएं और किसी भी ट्रेन में चढ़ जाएं। फटकार के बाद भी वकील अपनी बात पर अड़ा रहा। उसने कहा कि न्यायिक व्यवस्था के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसमें सुधार चाहता है।
CJI ने वकील से पूछा कि वह कहां प्रैक्टिस करता है। वकील ने कहा कि वह HC और लोअर कोर्ट में प्रैक्टिस करता है। इस पर CJI ने कहा कि आप (वकील) किसी सीनियर एडवोकेट के साथ काम क्यों नहीं करते जो आपको कोर्टरूम के शिष्टाचार और तौर-तरीकों में बारे में सिखाए।
पिछले तीन केस जब वकीलों पर नाराज हुए CJI…
पहला केस (अक्टूबर 2023) : मोबाइल पर बात कर रहे वकील से बोले- यह कोई बाजार है
16 अक्टूबर 2023 को एक वकील के फोन पर बात करने से CJI नाराज हो गए थे। उन्होंने वकील को टोकते हुए कहा- इधर आओ, यह कोई बाजार है? CJI ने अपने स्टाफ को वकील का मोबाइल लेने को भी कह दिया। बाद में वकील ने माफी मांगी। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकील को चेतावनी देते हुए कहा कि अगली बार ध्यान रखना, दोबारा ऐसी गलती मत करना।
दूसरा केस (मार्च 2023) : वकील से बोले- चुप रहो, नहीं तो कोर्ट से बाहर हो जाओ
मार्च 2023 में भी जस्टिस चंद्रचूड़ कथित तौर पर एक वरिष्ठ वकील विकास सिंह पर जोर से चिल्लाए थे। विकास सिंह सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के लिए भूमि से संबंधित एक मामले को आगे बढ़ाने की बात कर रहे थे। तब CJI ने नाराज होकर सिंह से बोला- चुप रहो, नहीं तो कोर्ट से बाहर हो जाओ। तुम हमें डरा नहीं सकते।
तीसरा केस ( जनवरी 2024) : CJI बोले- वकील साहब धीरे बोलें, वर्ना बाहर कर दूंगा
3 जनवरी 2024 को एक वकील याचिका की लिस्टिंग को लेकर CJI से तेज आवाज में बोल बैठे थे। CJI ने वकील से कहा- एक सेकेंड, पहले अपनी आवाज धीमी करें। आप सुप्रीम कोर्ट में खड़े होकर अपनी बात रख रहे हैं। अगर आपको लगता है कि ऊंची आवाज में बातकर आप कोर्ट को डरा सकते हैं, तो आप गलत हैं। मेरे 23 साल के करियर में इस तरह से किसी ने मुझसे बात नहीं की। करियर के बचे हुए एक साल में भी ऐसा नहीं होने दूंगा।
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CJI चंद्रचूड़ बोले- इतिहास में लीगल सिस्टम का मिसयूज हुआ: इसे अन्याय-भेदभाव के लिए हथियार बनाया, हाशिए पर रहे समुदायों को नुकसान पहुंचा
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि लीगल सिस्टम को हाशिए पर रहे समुदायों को दबाने के हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा था कि अमेरिका में भेदभाव करने वाले कानूनों के बनने से गुलामी प्रथा को बढ़ावा मिला। जिम क्रॉ के कानूनों के जरिए स्थानीय लोगों को निशाना बनाया गया। पूरी खबर पढ़ें…
न्याय का ध्वज लहराता रहे, ताकि पीढ़ियां याद रखें: CJI ने कहा- लोग पहले SC नहीं, जिला कोर्ट जाते हैं, उनका भरोसा बनाए रखें
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ अपनी पत्नी के साथ 6 जनवरी को द्वारिकाधीश मंदिर पहुंचे थे। इस दौरान वह पीले कपड़े पहने हुए नजर आए थे।
गुजरात में CJI ने कहा था कि जिस तरह से मंदिरों के शिखर पर लगे झंडे (ध्वज) हम सभी को एक साथ बांधे रखते हैं। उसी तरह डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के वकीलों को इस तरह से काम करना चाहिए, जिससे आने वाली पीढ़ियों तक न्याय का ध्वज (Dhwaja of Justice) फहराता रहे। पूरी खबर पढ़ें…