LS speaker om birla announce committee under Maharashtra legislative speaker rahul Narwekar to review anti-defection law | दल बदल कानून पर पुनर्विचार के लिए बनेगी समिति: मुंबई में लोकसभा अध्यक्ष ने घोषणा की; महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर इसके अध्यक्ष होंगे


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नई दिल्ली44 मिनट पहले

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मुंबई में हुए 84वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र में मौजूद थे। - Dainik Bhaskar

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मुंबई में हुए 84वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र में मौजूद थे।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार (28 जनवरी) को दल बदल कानून पर पुनर्विचार करने के लिए समिति बनाने का ऐलान किया। महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर इसके अध्यक्ष होंगे। बिरला 84वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में मौजूद थे।

ओम बिरला ने कहा कि विधान मंडल के संरक्षक के तौर पर पीठासीन अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे राजनीतिक दलों से चर्चा कर ऐसे फैसले लें, जो सदस्यों की कार्यकुशलता बढ़ाए। हमारा फैसला ऐसा हो जो भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन सके।

क्या है दल-बदल कानून
संविधान की दसवीं अनुसूची निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों को उनके राजनीतिक दल से दल-बदल की रोकथाम का प्रावधान करती है। इस कानून में विधायकों के पाला बदलने के खतरे को रोकने के लिए कड़े प्रावधान बनाए गए हैं।

राहुल नार्वेकर का नाम क्यों?
जनवरी की शुरुआत में ही नार्वेकर ने शिवसेना गुटों द्वारा एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए दायर क्रॉस-याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है। दरअसल 2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद से ही दोनों गुट दलबदल विरोधी कानून के तहत एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग कर रहे हैं।

नार्वेकर वर्तमान में एनसीपी के अजित और शरद गुटों की इसी तरह की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं।

सदन का जबरन और नियोजित स्थगन चिंता का विषय
सम्मेलन के दौरान ओम बिरला ने कहा कि लोकतंत्र जनता के भरोसे और विश्वास पर चलता है। लोकतांत्रिक संस्थाओं की यह जिम्मेदारी है कि वे अपनी कार्यशैली में जरूरी बदलाव लाए। इतना ही नहीं अगर जरूरत पड़े तो नियमों में संशोधन भी करें ताकि इन संस्थाओं में जनता का विश्वास बढ़े।

संसद में सुरक्षा व्यवस्था के जरिए जोखिम और सदस्यों की गरिमा का ध्यान रखा जाएगा
लोकसभा अध्यक्ष ने संसद की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कहा कि 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। आगंतुकों और उनके सामान की तलाशी के लिए कैंपस में 140 CISF जवानों की एक टुकड़ी तैनात की गई है।

नए संसद भवन तक पहुंचने वालों को एक्स-रे मशीनों, हाथ से पकड़े जाने वाले डिटेक्टरों से गुजरना होगा। साथ ही उनके सामानों, यहां तक कि जूते, भारी जैकेट आदि को भी स्कैन किया जाएगा। बेल्टों को एक ट्रे पर रखकर और उन्हें एक्स-रे स्कैनर से जांचा जाएगा।



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