3 दिन पहले
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तस्वीर जनवरी के शुरुआत की है, जब मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू चीन के दौरे पर गए थे।
मालदीव में 2 प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत विरोधी नीति का विरोध किया है। मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) और डेमोक्रैट्स ने कहा- भारत सबसे ज्यादा समय से हमारा सहयोगी रहा है। ऐसे किसी देश को दरकिनार करना देश के विकास के लिए सही नहीं है।
MDP के अध्यक्ष फैयाज इस्माइल, मालदीव की संसद के उपाध्यक्ष अहमद सलीम, डेमोक्रैट पार्टी के मुख्य सांसद हसन लतीफ और संसदीय समूह के नेता अली अजीम ने बुधवार को एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा- देश की सरकार को मालदीव के लोगों के फायदे और विकास के लिए सभी भागीदारों के साथ काम करना चाहिए। ऐसा हमेशा से होता आया है।
तस्वीर में मालदीव के विपक्षी नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करते दिख रहे हैं।
विपक्षी नेता बोले- देश की सुरक्षा के लिए हिंद महासागर में शांति जरूरी
नेताओं ने कहा- सरकार की नीतियां क्षेत्र में तनाव पैदा कर सकती हैं। मालदीव में सुरक्षा और स्थिरता के लिए हिंद महासागर में शांति होना बेहद जरूरी है। मालदीव की विपक्षी पार्टियों का यह बयान तब सामने आया है, जब भारत से तनाव के बीच 2 दिन पहले ही मुइज्जू सरकार ने चीन के जहाज को मालदीव में रुकने की इजाजत दी थी।
मालदीव की संसद में MDP और डेमोक्रैट्स के सांसदों के पास 87 में से 55 सीटें हैं। जनवरी में राष्ट्रपति मुइज्जू ने चीन का राजकीय दौरा किया था। यह उनका पहला राजकीय दौरा था, जबकि आमतौर पर मालदीव के राष्ट्रपति पहला राजकीय दौरा भारत का करते हैं।
चीन से लौटने के बाद मुइज्जू ने उसकी तारीफ की थी। कहा था- चीन हमारे आंतरिक मसलों में दखल नहीं देता। उन्होंने यह भी कहा था कि हमारा देश छोटा है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं की किसी को हमें धमकाने का लाइसेंस मिल गया है।
इंडिया आउट कैंपेन से जीते मुइज्जू
दरअसल, मोहम्मद मुइज्जू ने अपनी चुनावी कैंपेन में इंडिया आउट का नारा दिया। उन्होंने सत्ता में आने के बाद मालदीव में मौजूद भारत के सैनिकों को निकाल लेने के आदेश दिए। भारत के साथ हाइड्रोग्राफिक सर्वे एग्रीमेंट खत्म करने की घोषणा की। इसके बाद मालदीव के दो मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप विजिट को लेकर उनके और भारत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी।
इसके बाद 14 जनवरी को मालदीव में हुई कोर कमेटी की बैठक में मुइज्जू सरकार ने वहां मौजूद 88 भारतीय सैनिकों को हटाने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया। 15 नवंबर 2023 को मालदीव के नए राष्ट्रपति और चीन समर्थक कहे जाने वाले मोहम्मद मुइज्जू ने शपथ ली थी। इसके बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आई है।
ये तस्वीर अप्रैल 2016 की है, जब भारत ने मालदीव को दूसरा हेलिकॉप्टर गिफ्ट किया था। मालदीव की राजधानी माले के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दोनों देशों के सेना अधिकारी इस तस्वीर में नजर आ रहे हैं।
‘भारतीय सैनिकों को हटाना मालदीव के लोगों की इच्छा है’
जनवरी की शुरुआत में टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू राष्ट्रपति मुइज्जू से भारत की सैन्य मौजूदगी के मुद्दे पर सवाल पूछा गया था। सवाल था कि भारत अपने सैनिकों को बाहर निकालने की आपकी जिद से चिंतित है।
इस पर मुइज्जू ने जवाब दिया था- इस साल के राष्ट्रपति चुनावों में मालदीव के लोगों ने यह साफ कर दिया था कि वो देश में विदेशी सैनिकों की मौजूदगी नहीं चाहते हैं। फिलहाल, भारत ही ऐसा देश है, जिसके सैनिक यहां मौजूद हैं। मालदीव के नागरिकों की इच्छा को देखते हुए ही मैंने भारत से अपने सैनिकों को हटाने के लिए कहा है।