3 दिन पहले
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पिछले साल सितंबर में G20 समिट के लिए भारत आए थे। यह तस्वीर उसी समय की है।
कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार बताया था। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्तों में तनाव है। अब वहां के चुनाव में विदेशी दखल की जांच कर रहे कमीशन ने कहा है कि इस मामले में भारत का नाम भी आया है। कमीशन ने ट्रूडो सरकार से इस मामले की जानकारी मांगी है।
दरअसल, पिछले साल सितंबर में सामने आई रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कनाडा में 2019 और 2021 में हुए 2 संघीय चुनाव में चीन ने दखल दिया था। इसमें जस्टिन ट्रूडो को जीत दिलाने में मदद की गई थी। चीन ने आरोप खारिज कर दिए थे। तब प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मामले की जांच के लिए इंडिपेंडेंट कमीशन बनाया था।
कमीशन जांचेगा कि सरकार को जानकारी थी या नहीं
कमीशन ने बुधवार को बताया कि उन्होंने सरकार से इन चुनावों में भारत के तथाकथित दखल से जुड़े दस्तावेज पेश करने को कहा है। इसके अलावा कमीशन इस बात की भी जांच करेगा कि पूरे मामले की सरकार को कितनी जानकारी थी और इस पर क्या कदम उठाए गए। फिलहाल इस मामले में कनाडा में मौजूद भारतीय हाई कमीशन या भारत सरकार ने कुछ नहीं कहा है।
कनाडा के संघीय चुनाव में विदेशी दखल की जांच कर रहे कमीशन का अध्यक्ष जज मैरी-होसे होग को बनाया गया है। (फाइल फोटो)
भारत, चीन और रुस पर लगे चुनाव में दखल देने के आरोप
पिछले साल कनाडा के चुनाव में दखल से जुड़ी जो रिपोर्ट सामने आई थी, उसमें कहा गया था कि चीन ने 2019 के चुनावों में 11 उम्मीदवारों का समर्थन किया था। एक मामले में 2.5 लाख डॉलर से ज्यादा दिए गए थे। चुनाव में दखल के मामले में भारत और चीन के अलावा रूस का भी नाम है। कनाडाई मीडिया के मुताबिक कमीशन 3 मई तक पहली जांच रिपोर्ट पेश कर सकता है। फाइनल रिपोर्ट साल के आखिर तक आएगी।
चीन पर आरोप- प्रॉक्सी कैंपेन के लिए पैसे दिए गए मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि 2021 के चुनाव में भी चीनी राजनयिकों और प्रॉक्सी कैंपेन के लिए अघोषित तौर पर पैसे दिए गए थे। चुनावी दखल का ऑपरेशन टोरंटो में चीन के वाणिज्य दूतावास से चलाया जा रहा था। इसके पीछे का मकसद सांसदों के ऑफिस में अपने लोगों को रखे जाने और नीतियों को प्रभावित करना था।
2022 में बाली में हुए G20 समिट के दौरान चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग और कनाडाई PM ट्रूडो के बीच बहस हो गई थी।
ट्रूडो ने भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था
आतंकी निज्जर की हत्या 18 जून 2023 को कनाडा में हुई थी। इसके बाद सितंबर में PM ट्रूडो ने भारत पर इसका आरोप लगाया था। उनकी सरकार ने भारत के एक सीनियर डिप्लोमैट को देश से निकाल दिया था। इसके बाद से भारत-कनाडा के बीच विवाद बढ़ता चला गया। हालांकि, बाद में ट्रूडो ने खुद कई बार भारत से रिश्ते बनाए रखने की बात कही थी।
भारत ने कनाडा के आरोपों के खिलाफ एक्शन लेते हुए वहां के लोगों के लिए वीजा सेवाएं भी सस्पेंड कर दी थीं। साथ ही भारत से 41 कनाडाई डिप्लोमैट्स को भी हटा दिया गया था। हालांकि, बाद में डिप्लोमैटिक लेवल पर कई बातचीत हुई और कुछ महीनों बाद वीजा सेवाएं वापस से शुरू कर दी गई थीं।
भारत के विदेश मंत्रालय ने निज्जर मामले में कई बार कनाडा से सबूत भी मांगे। विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्रूडो सरकार पर खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाया था।
पुलिस का दावा- निज्जर की हत्या के 2 आरोपियों की पहचान हुई
दिसंबर के आखिर में कनाडा की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने निज्जर की हत्या के मामले में 2 आरोपियों की पहचान करने का दावा किया था। कनाडाई मीडिया ग्लोब एंड मेल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कुछ हफ्तों में दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है। दोनों पर चार्जशीट फाइल होने के बाद निज्जर की हत्या के मामले में भारत सरकार की भूमिका के बारे में जानकारी दी जाएगी।