4 मिनट पहले
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पाकिस्तान में 8 फरवरी को होने जा रहे आम चुनाव के लिए प्रचार शुरू हो गया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) प्रमुख नवाज शरीफ अपने भाई शाहबाज के साथ रोज रैलियां कर रहे हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) भी अभियान शुरू कर चुकी है।
इस बीच देश की सबसे लोकप्रिय पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) मैदान से गायब है। उसके नेता सत्ता-सेना के डर से चुनाव प्रचार के लिए ही नहीं उतर रहे हैं। इस कारण अदियाला जेल में बंद PTI के लीडर इमरान खान ने पार्टी के उम्मीदवारों को चेतावनी दी है। इमरान ने कहा कि पार्टी उम्मीदवार रविवार से चुनाव अभियान शुरू करें, नहीं तो उनका टिकट काटकर दूसरे उम्मीदवारों को दे देंगे।
तस्वीर में PTI के कार्यकर्ता पार्टी चिन्ह बैट के साथ नजर आ रहे हैं। (फाइल)
इमरान ने छिना पार्टी चिन्ह
PTI ने नेशनल असेंबली की 272 सीटों में से 266 पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इमरान को पिछले साल मई में जेल भेज दिया गया। पार्टी के चुनावी चिह्न बल्ला इस महीने छीन लिया गया। बल्ला चुनाव चिह्न छीने जाने के कारण PTI के सभी उम्मीदवार अलग-अलग चुनाव चिह्नों के साथ चुनाव लड़ेंगे।
PTI के एक उम्मीदवार ने नाम न छापने की शर्त पर दैनिक भास्कर को बताया कि अच्छा होगा कि सेना का पार्टी सामना न करे। पार्टी अध्यक्ष चाहते हैं कि हम रैलियां करें, लेकिन यह लगभग असंभव है। सेना हमें कोने में बैठकें तक नहीं करने दे रही है।’
एक बात इमरान के विरोधी भी मानते हैं, वह माइंड गेम खेलने में बेजोड़ हैं। इमरान का मानना है कि भले ही चुनाव प्रचार से उम्मीदवारों को रोका जाए या उन पर लाठीचार्ज किया जाए, लेकिन पुलिस की तरफ से की गई ऐसी हरकतें सबसे अच्छा चुनाव प्रचार हैं।
27 मार्च 2022 को इस्लामाबाद की रैली में इमरान के हाथ में एक कागज नजर आया था। खान का दावा है कि इसमें उनकी सरकार गिराने की अमेरिकी साजिश का जिक्र है। इस कागज को ही सायफर कहा गया और इसी में खान फंसे, क्योंकि यह नेशनल सीक्रेट था।
इमरान की बहन बोलीं- भाई के साथ भुट्टो जैसा न हो
इमरान की बहन अलीमा खान ने बताया कि हमारे परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है। हमें इमरान पर थोपे गए आपराधिक मामलों की चिंता है। उन्होंने कहा कि परिवार को इस बात का डर है कि कहीं इमरान के साथ वैसा बर्ताव न हो, जैसा भुट्टो के साथ हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि नवाज अब सत्ता में किसी को आने नहीं देना चाहते।
नवाज की रैलियों में भीड़ नहीं, घोषणा पत्र जारी
वरिष्ठ पत्रकार इलियास ने बताया कि बिलावल भुट्टो की रैलियों में भारी भीड़ जुट रही। विश्लेषक आमिर का कहना है कि नवाज शरीफ की रैलियों में वैसी भीड़ नहीं है, जैसी 2013 और यहां 2018 की रैलियों में हेाती थी। नवाज ने शनिवार को घोषणा पत्र भी जारी किया। इसमें बिजली बिल घटाने, युवाओं की खेलो, सियासत, आईटी में भागीदारी बढ़ोने का वादा किया है।