Israel Hamas War Situation Update; Benjamin Netanyahu | Gaza Ceasefire | हमास 5 साल के सीजफायर को तैयार: कहा- तभी हथियार डालेंगे जब फिलिस्तीन आजाद देश बनेगा; जंग में बेघर हुए फिलिस्तीनियों को फिर बसाया जाए


3 मिनट पहले

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हमास के अधिकारी खलील अल-हैय्या ने कहा है कि इजराइल हमास को मिटान नहीं पाएगा। (फाइल) - Dainik Bhaskar

हमास के अधिकारी खलील अल-हैय्या ने कहा है कि इजराइल हमास को मिटान नहीं पाएगा। (फाइल)

गाजा में जंग के 6 महीने बाद हमास के एक सीनियर अधिकारी ने 5 साल के सीजफायर की इच्छा जाहिर की है। न्यूज एजेंसी AP को दिए इंटरव्यू में खलील अल-हैय्या ने कहा है कि अगर फिलिस्तीन एक अलग और आजाद देश बनता है तो हम हथियार डाल देंगे और एक साधारण राजनीतिक पार्टी के तौर पर काम करेंगे।

हालांकि, 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास का खात्मा करने की कसम खा चुका इजराइल इस समझौते के लिए सहमत हो इसकी संभावना न के बराबर है। अल-हैय्या का कहना है कि अगर फिलिस्तीन को 1967 की जंग से पहले के इलाके दिए जाते हैं तो वो इजराइल के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ेगा।

मैप में देखिए 1967 से पहले के फिलिस्तीन का नख्शा…

1967 में इजराइल ने वेस्ट बैंक पर कब्जा किया था
1967 में 6 दिन तक चले युद्ध में इजराइल ने अरब देशों की सेना को हराकर वेस्ट बैंक और गाजा पर कब्जा कर लिया था। वेस्ट बैंक को चलाने के लिए फिलिस्तीन अथॉरिटी बनाई गई थी। इसकी बागडोर इजराइल के हाथ में है। वहीं, 2007 में गाजा की सत्ता हमास के पास आ गई थी।

अब हमास चाहता है कि सीजफायर के बाद वेस्ट बैंक और गाजा को मिलाकर एक आजाद फिलिस्तीन देश बनाया जाए। इस पर इजराइल का किसी तरह से कोई कंट्रोल नहीं हो। इस्तांबुल में दिए इंटरव्यू में अल-हैय्या ने कहा कि हमास फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर गाजा और वेस्ट बैंक की सत्ता संभालने के लिए तैयार है।

हमास बोला- हम देश की सत्ता संभालेंगे
हमास के अधिकारी अल-हैय्या ने कहा, “कई देशों ने अलग-अलग समय पर कब्जा करने वालों के खिलाफ लड़ाई लड़ी गई है। जब वे आजाद हो गए तब लड़ाई का नेतृत्व करने वाले लोगों ने राजनीतिक पार्टी बनाई है। वहीं जंग लड़ने वाले बाद में देश की रक्षा के लिए सेना में शामिल हो गए। हम भी यही चाहते हैं।”

हमास की एक और मांग यह है कि जंग के चलते फिलिस्तीन छोड़कर गए लोगों को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के तहत फिर से बसाया जाए। इजराइल ने फिलहाल इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

तस्वीर में फिलिस्तीन अथॉरिटी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास, तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन और हमास के लीडर इस्माइल हानिए।

तस्वीर में फिलिस्तीन अथॉरिटी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास, तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन और हमास के लीडर इस्माइल हानिए।

जंग में 34 हजार फिलिस्तीनियों की मौत
इजराइल-हमास जंग के बीच पिछले 6 महीने से जंग जारी है। इसमें अब तक 34 हजार फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, इनमें 14,500 बच्चे शामिल हैं। वहीं गाजा के करीब 80% लोग बेघर हो गए। यह जंग अब मिस्र बॉर्डर के करीब गाजा के राफा शहर पहुंच गई है।

दरअसल, जंग की शुरुआत में इजराइल की कार्रवाई से बचते हुए लोगों ने उत्तरी गाजा छोड़कर राफा में शरण ली थी। अलजजीरा के मुताबिक इस इलाके में 10 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। अब इजराइल की सेना यहां भी हमले की योजना बना रही है।

इजराइल का तर्क है कि उन्होंने अब तक हमास की 24 बटालियन को खत्म कर दिया है। लेकिन अब भी 4 बटालियन राफा में छिपी हुई हैं। इनके खात्मे के लिए राफा में ऑपरेशन चलाना जरूरी है।

‘हमास को मिटाया नहीं जा सकता’
हालांकि, अल-हैय्या ने कहा है कि ऐसे किसी भी हमले से हमास को मिटाया नहीं जा सकता। जंग की वजह से एक बार भी गाजा के बाहर मौजूद हमास की पॉलिटिकल लीडरशिप और गाजा में युद्ध लड़ रही मिलिट्री लीडरशिप के बीच संपर्क में कोई दिक्कत नहीं आई है। दोनों मिलकर ही सभी फैसले लेते हैं।

हमास के अधिकारी ने दावा किया है कि इजराइल अब तक हमास को 20% से ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाया है। अगर वो हमास को मिटा ही नहीं सकते तो इस जंग का कोई मतलब नहीं है। हमें आम सहमति से ही मसले को सुलझाना होगा।

1967 की जंग के बाद फिलिस्तीन का नख्शा…

इजराइल की स्थापना के बाद कैसे बदला फिलिस्तीन का नख्शा
1922 से 1935 के बीच फिलिस्तीन में यहूदियों की आबादी 7% से बढ़कर 22% हो गई थी। 1936 में फिलिस्तीन में यहूदियों के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू हुआ था, जिसे ब्रिटेन ने कुचल दिया था। इसके बाद 1940 के दशक में यूरोप में हिटलर के अत्याचारों से बचने के लिए रिकॉर्ड संख्या में यहूदी फिलिस्तीन पहुंचने लगे थे।

1944 में हथियारबंद यहूदी लड़ाकों ने इजराइल बनाने के लिए फिलिस्तीन की अंग्रेज सरकार के खिलाफ जंग छेड़ दी। इसके बाद यह मुद्दा UN चला गया। UN ने फिलिस्तीन को 2 टुकड़ों में बांटने का सुझाव दिया। एक यहूदियों और एक अरब मुस्लिमों के लिए। 1948 में डेविड बेनगुरिअन नाम के एक यहूदी नेता ने फिलिस्तीन में इजराइल बनने की घोषणा कर दी।

इसके बाद फिलिस्तीन गाजा और वेस्ट बैंक तक सिमट गया। 1967 में इजराइल पर मिस्र, जॉर्डन और सीरिया हमला किया था। अरब देश और इजराइल 6 दिनों तक जंग लड़ते रहे। जंग में अरब देशों की हार हुई और इजराइल ने वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी, यरुशलम और गोलान हाइट्स पर कब्जा कर लिया। ये वो घटना थी जब पूरे फिलिस्तीन पर इजराइल का कब्जा हो गया था।

1993 में अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के नेतृत्व में इजराइल और फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (PLO) के बीच समझौता हुआ था। इसे ऑस्लो एग्रीमेंट कहा जाता है। इसके तहत इजराइल ने कुछ शर्तों के साथ वेस्ट बैंक का शासन PLO को सौंप दिया था।

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