कुछ ही क्षण पहले
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आंकड़ों में विदेश मंत्रालय ने 41 देशों के नाम सामने रखे, जहां 1 या उससे अधिक स्टूडेंट्स की मौत सामने आई।
विदेश में पढ़ने गए भारतीय छात्रों में से पिछले 5 साल में 633 स्टूडेंट्स की मौत हो गई है। ये सभी मौतें 41 देशों में हुईं। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को लोकसभा में इसकी जानकारी दी। इनमें से सबसे ज्यादा 172 स्टूडेंट्स कनाडा में मारे गए। इसके बाद दूसरे नंबर पर अमेरिका है, जहां 108 स्टूडेंट्स की मौत हुई।
वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी 1 भारतीय छात्र ने जान गंवाई है। दरअसल, लोकसभा के मानसून सेशन में केरल से सांसद कोडिकुनिल सुरेश ने विदेश में भारतीय स्टूडेंट्स की मौत को लेकर सवाल किया था। इसके जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लिखित रूप में ये जानकारी दी।
2024 में 13 लाख से अधिक भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं।
हमलों में 19 छात्र मारे गए, सबसे अधिक कनाडा में
कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया कि ये मौतें अलग-अलग वजहों से हुई है। कुछ मौतें प्राकृतिक थीं तो कुछ की किसी हादसे में मौत हो गई। 19 भारतीय स्टूडेंट्स की मौत अलग-अलग हमलों में भी हुई है। इसमें सबसे अधिक 9 स्टूडेंट्स की मौत कनाडा में हुई है। वहीं, 6 स्टूडेंट्स की मौत अमेरिका में हुई। ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, चीन और किर्गिस्तान में एक-एक स्टूडेंट की हमले में मौत हुई।
मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि विदेश में भारतीय छात्रों को सुरक्षा मुहैया कराना भारत सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि विदेशों में भारतीय मिशन भारतीय छात्रों के साथ नियमित संपर्क बनाए रखते हैं।
विदेश में 13 लाख से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे, सबसे अधिक कनाडा में
विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि फिलहाल 13 लाख से अधिक भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 3 सालों में ये आंकड़ा और बढ़ा है। 2022 में 7.5 लाख, 2023 में 9.3 लाख और अब 2024 में 13.35 लाख छात्र उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं। ये छात्र 101 देशों में फैले हुए हैं।
विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि सबसे अधिक लाख छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे हैं। इसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, यूएई और रूस का नंबर आता है। उन्होंने बताया कि 8 हजार से अधिक छात्र चीन में पढ़ाई कर रहे हैं। युद्ध के बावजूद यूक्रेन में 2510 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। 14 छात्र ऐसे भी हैं जो पाकिस्तान में पढ़ाई कर रहे हैं।
एक अलग सवाल के जवाब में कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि पिछले 3 सालों में कुल 48 भारतीय छात्रों को अमेरिका से निकाला किया गया है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह अभी तक अमेरिकी अधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर नहीं बताई है।
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