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14 जून को इटली में G7 समिट से पहले PM मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की थी।
रूस-यूक्रेन जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगस्त में यूक्रेन के दौरे पर जा सकते हैं। न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी के दौरे को लेकर दोनों देशों की सरकारों के बीच बातचीत चल रही है। हालांकि, अब तक किसी भी देश ने आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
अगर PM मोदी यूक्रेन जाते हैं, तो 1991 में यूक्रेन के अलग देश बनने के बाद यह किसी भारतीय PM की वहां पहली यात्रा होगी। इससे पहले PM मोदी 8-9 जुलाई को 5 साल बाद रूस के दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी।
मोदी के दौरे के बीच ही यूक्रेन मनाएगा स्वतंत्रता दिवस
रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी यूक्रेन के बाद पोलैंड के दौरे पर भी जा सकते हैं। उनकी यह यात्रा 23-24 अगस्त के बीच होने की संभावना है। मोदी का यह दौरा उस वक्त होगा जब 24 अगस्त को यूक्रेन अपना स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। 1991 में इसी दिन यूक्रेन सोवियत यूनियन से अलग हुआ था।
इससे पहले 8-9 जुलाई को रूस में पुतिन से मुलाकात के दौरान मोदी ने उन्हें गले भी लगाया था। दोनों नेताओं की बैठक ऐसे समय पर हुई थी, जब दूसरी तरफ नाटो देशों का सम्मेलन चल रहा था। अमेरिका ने मोदी के रूस दौरे की टाइमिंग की आलोचना भी की थी।
PM मोदी 8 जुलाई को रूस के दौरे पर गए थे। जंग शुरू होने के बाद यह उनकी पहली रूस यात्रा थी।
मोदी के पुतिन को गले लगाने पर जेलेंस्की ने की थी आलोचना
वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर लिखा था, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नेता का दुनिया के सबसे खूनी नेता को गले लगाना निराशाजनक है।” दरअसल, जिस दिन मोदी और पुतिन की मुलाकात हुई थी, उसी दिन रूस के कीव में बच्चों के एक अस्पताल पर हमला किया था, जिसमें 41 लोगों की मौत हुई थी।
पुतिन से मुलाकात के दौरान मोदी ने बातचीत और कूटनीति के जरिए जंग का हल निकालने की बात कही थी। जॉइंट स्टेटमेंट जारी कर उन्होंने कहा था कि जंग के मैदान में समस्या का हल नहीं निकाला जा सकता। मोदी ने जंग में बच्चों के मरने पर भी दुख जताया था।
इटली में जेलेंस्की से मिले थे PM मोदी
इससे पहले PM मोदी ने 14 जून को इटली में G7 समिट से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की थी। दोनों नेता गले भी मिले थे। इस दौरान PM मोदी ने बातचीत और कूटनीति के जरिए जंग का समाधान निकालने की बात कही थी।
वहीं 20 मार्च को PM मोदी ने पुतिन और जेलेंस्की दोनों से फोन पर बात की थी। उन्होंने रूस-यूक्रेन जंग पर चर्चा करते हुए भारत का रुख दोहराया था। तब जेलेंस्की ने PM मोदी को लोकसभा चुनाव के बाद यूक्रेन आने का न्योता दिया था।
मोदी ने पुतिन से कहा था- यह युद्ध का युग नहीं है
रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से PM मोदी कई बार पुतिन और जेलेंस्की से फोन पर बातचीत कर चुके हैं। जेलेंस्की और मोदी 2 बार G7 समिट में मिले भी हैं। हालांकि, अब तक दोनों में से कोई भी एक-दूसरे के देश नहीं गया है। युद्ध को लेकर भारत ने हमेशा से आम नागरिकों की हत्या की निंदा की है और टकराव को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करने की बात की।
PM मोदी ने साल 2022 में उज्बेकिस्तान में SCO समिट के मौके पर राष्ट्रपति पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। उनके इस बयान को पूरी दुनिया ने सराहा था। इसे पिछले साल भारत की अध्यक्षता में G20 के घोषणा पत्र में भी लिखा गया था।
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