30 मिनट पहले
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फिल्ममेकर और कोरियोग्राफर फराह खान ने फिल्म इंडस्ट्री में हावी स्टार कल्चर पर बात की है। उन्होंने 20 साल में फिल्म इंडस्ट्री में आए बदलावों पर भी बात की है।
साथ ही उन्होंने स्टार्स की उल जलूल डिमांड्स पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इससे प्रोड्यूसर्स पर काफी लोड पड़ता है क्योंकि स्टार्स की टीम पर भी करोड़ों का खर्च होता है।
एक इंटरव्यू में फराह बोलीं, ‘फिल्म का बजट इसलिए बढ़ता है क्योंकि स्टार्स उल जलूल डिमांड करते हैं। एक एक्ट्रेस के साथ नौ लोगों की टीम आती है, एक एक्टर के साथ आठ लोग और आते हैं, ये रिसोर्सेज की बर्बादी है। इन लोगों पर लगने वाले पैसे से फिल्म को कोई फायदा नहीं होता है।’
फराह की फिल्म ‘तीस मार खां’ में अक्षय कुमार और कटरीना कैफ ने काम किया था।
फराह ने आगे कहा, ‘इनके साथ आने वाले स्पॉट बॉय का एक दिन का चार्ज 25 हजार, पर्सनल सिक्योरिटी का एक दिन का चार्ज 15 हजार और स्टाइलिस्ट का एक दिन का चार्ज 1 लाख रुपए तक रहता है। इस तरह एक स्टार की प्रति दिन की कास्टिंग 20-22 लाख रुपए तक पड़ती है तो अगर 70 दिन फिल्म की शूटिंग चली तो 15-20 करोड़ की एक्स्ट्रा कॉस्टिंग तो स्टार्स के पीछे ही खर्च हो जाती है। इसे कम किया जाना चाहिए। ये सब प्रोड्यूसर्स पर बहुत भारी पड़ता है। मैं चाहती हूं कि बॉलीवुड में ये चीज बदले।’
अब कोई किसी का पैसा नहीं खा सकता: फराह
फराह खान ने बॉलीवुड में आए अच्छे बदलावों पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘अच्छी बात ये है कि इंडस्ट्री अब पहले से ऑर्गेनाइज हो गई है। लोग समय पर आटे हैं। सारे कॉन्ट्रैक्ट प्रॉपर होते हैं, किसी का पैसा कोई खा नहीं सकता। बुरी बात ये है कि पहले इंडस्ट्री संबंधों पर चलती थी तो अगर मुझे कुछ चाहिए होता था तो मैं डायरेक्ट एक्टर से बात कर लेती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब मुझे पहले मैनेजर के सब मैनेजर से, फिर मैनेजर से, फिर एजेंसी से मिलना पड़ता है। सब कुछ बहुत क्लिनिकल हो गया है। इससे लोगों के आपसी संबंध नहीं बचे हैं।’
फराह ने तीन फिल्में शाहरुख खान के साथ बनाई हैं।
फराह डायरेक्ट कर चुकीं चार फिल्में
फराह खान ने बीते तीन दशक में 80 से ज्यादा फिल्मों में कोरियोग्राफी की है। 6 फिल्मफेयर और एक नेशनल अवॉर्ड अपने नाम कर चुकीं फराह ने अपने करियर में 4 फिल्में डायरेक्ट भी की हैं। इसमें से तीन फिल्में हिट रहीं।
फिल्म ‘मैं हूं ना’ (2004) से डायरेक्शन से की शुरुआत करने वाली फराह ने ‘ओम शांति ओम’ (2007), ‘तीस मार खां’ (2010) और ‘हैप्पी न्यू ईयर’ (2014) जैसी फिल्में डायरेक्ट की हैं।
‘मैं हूं ना’ के लिए उन्हें बेस्ट डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था। साल 2012 में रिलीज हुई ‘शिरीन फरहाद की तो निकल पड़ी’ के जरिए उन्होंने बतौर एक्ट्रेस डेब्यू किया।
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