नई दिल्ली3 मिनट पहले
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से फोन पर बात कर यह सुनिश्चित किया था कि युद्ध प्रभावित इलाकों में से भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाला जा सके।
मुंबई में मीडिया हाउस के संपादकों से बातचीत में जयशंकर ने बताया कि भारतीय छात्रों को वहां से निकालने का घटनाक्रम कैसे चला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने खार्किव और सुमी से भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए पुतिन को दो बार और जेलेंस्की को एक बार कॉल किया था।
जयशंकर बोले- पीएम ने पुतिन से पूछा कि आप सेफ जोन पर कैसे फायरिंग की सकते हैं
जयशंकर ने कहा कि दो घटनाएं थीं। एक खार्किव में और एक सुमी में। खार्किव वाले घटनाक्रम में हमने स्टूडेंट्स से कहा था कि वे शहर से बाहर आकर एक तय जगह पर पहुंच जाएं जहां से उन्हें पिक किया जा सके। सब कुछ सेट था, स्टूडेंट्स ने उस जगह पहुंचना शुरू कर दिया। लेकिन तभी किसी गलतफहमी की वजह से रूसी सेना ने उस जगह पर फायरिंग शुरू कर दी, जहां हमने अपने छात्रों को जुटने के लिए कहा था।
जयशंकर ने बताया कि तब पीएम मोदी ने पुतिन को फोन किया और उन्हें बताया कि हमारे लोगों ने एक सेफजोन बनाया है और मोदी ने पुतिन से पूछा कि आप सेफ जोन पर फायर कैसे कर सकते हैं। इसके बाद पुतिन ने कहा कि इसे लेकर वे कुछ करेंगे। दो-तीन घंटे बाद हमें मैसेज मिला कि फायरिंग रुक गई है।
जयशंकर बोले- सुमी ऑपरेशन बड़ा और कठिन था
जयशंकर ने बताया कि सुमी ऑपरेशन बड़ा ऑपरेशन था। एक शहर है सुमी, जहां पर रुक-रुक फायरिंग हो रही थी और ऑटोमैटिक फायरिंग भी हो रही थी। वहां जो लोग फंसे हुए थे, वे परेशान थे। उन्हें लगा वे वहां फंस चुके हैं। ये जगह उत्तर की तरफ थी और युद्धक्षेत्र के करीब थी।
हम स्टूडेंट्स को भरोसा दिलाते रहे कि आप घबराइए नहीं, हम आपको बाहर निकाल लेंगे। हमने वहां बसें भेजीं। हमें अपने स्तर पर यह पता था कि स्टूडेंट्स निकल जाएंगे और उस दौरान कोई फायरिंग नहीं होगी। जैसे ही स्टूडेंट्स बस में चढ़े, फायरिंग शुरू हो गई।
रूस ने कहा कि यूक्रेन ने फायरिंग शुरू की है और यूक्रेन ने कहा कि रूस ने फायरिंग शुरू की है। तो हमारे स्टूडेंट्स वापस चले गए और वे काफी उदास हो गए। उन्होंने कहा कि उन्हें सेफ पैसेज चाहिए और वे तब तक बाहर नहीं आएंगे जब तक कोई आकर उन्हें नहीं जाएगा।
जयशंकर बोले- सुमी से छात्रों को निकालने के लिए पीएम ने पुतिन और जेलेंस्की को फोन किया
इसके बाद हमने दिल्ली से दो रूसी वॉलंटियर्स भेजे। इन वॉलंटियर्स ने कहा कि वे स्टूडेंट्स से मिलेंगे और उन्हें बाहर निकालेंगे लेकिन उन्हें एक रास्ते की जरूरत होगी। इसके लिए हमें पूरे रास्ते पर फायरिंग न होने के एग्रीमेंट की जरूरत थी, न कि किसी एक जगह पर फायरिंग रुकने की।
इसके बाद पीएम मोदी ने पुतिन और जेलेंस्की दोनों को फोन किया और उन्हें बताया कि हमने ये रास्ता बनाया है और उन्हें स्टूडेंट्स को वहां से निकालना है। पुतिन और जेलेंस्की दोनों इसके लिए तैयार हो गए। जब पीएम ने इन नेताओं से बात की, तो मैं वहीं था इसलिए मुझे पता है।
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