नई दिल्ली/ओटावा4 मिनट पहले
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खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या केस का एक आरोपी को कनाडा पुलिस ने शुक्रवार(3 मई) को गिरफ्तार कर लिया है। 18 जून, 2023 की शाम को एक गुरुद्वारे से बाहर निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पिछले साल सितंबर में भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था।
कनाडा की न्यूज एजेंसी CBC की रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपी पर पुलिस कई महीनों से नजर रखी हुई थी। हालांकि, पुलिस ने अभी उसकी पहचान उजागर नहीं की है। CBC ने पहले बताया था कि इस वारदात में कुल 6 लोग शामिल थे और यह ‘कॉन्ट्रैक्ट किलिंग’ का मामला था।
90 सेकंड में दिया था वारदात को अंजाम
द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ दिन पहले जारी किए गए 90 सेकेंड के निज्जर की हत्या के CCTV वीडियो में आरोपी निज्जर के ग्रे पिकअप ट्रक को पार्किंग से बाहर निकलते ही रोकते नजर आ रहे हैं। वे निज्जर की गाड़ी को घेरते दिखे।
फायरिंग करने आए दोनों आरोपियों ने अपने मुंह ढ़ंके हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार आरोपी गुरुद्वारा के साथ रास्ते हाईवे के जरिए फरार होते हैं। वहीं, मौके पर आरोपियों ने ऑटोमेटिव वेपन से करीब 50 से ज्यादा गोलियां चलाईं। यह बयान पुलिस को दो युवकों ने दिया, जोकि घटना के वक्त पास ही ग्राउंड में खेल रहे थे। कनाडा पुलिस ने साफ किया था कि निज्जर के शरीर पर करीब 34 गोलियां लगी थीं।
खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर के ट्रक पर गोलियां चलाते हुए शूटर।
एक सिख और दूसरा विदेशी था आरोपी
युवकों ने पुलिस को बताया कि गोलियां चलाने वाला एक आरोपी सिख गेटअप में आया था। वहीं, दूसरा व्यक्ति विदेशी लग रहा था। सिख युवक के सिर पर पग थी। उसने हुडी और पजामा पहना हुआ था। उसके चेहरे पर छोटी दाढ़ी थी। चेहरा ढका हुआ था। कद पांच फीट से अधिक और भारी शरीर था। दो हमलवार को वह ध्यान से नहीं देख पाया, जिसके चलते उसका हुलिया नहीं पता चल पाया था।
रास्ता रोककर निज्जर को मारीं गोलियां
वीडियो में निज्जर को गुरुद्वारा की पार्किंग से कार लेकर बाहर निकलते दिखाया गया है। जैसे ही वह बाहर पहुंचने वाला होता है कि तभी एक सफेद सेडान कार उसके सामने आ गई, जिससे उसका रास्ता रुक गया। जिसमें से दो लोग निकलते ही निज्जर पर गोलियां दागना शुरू कर देते हैं।
दो गवाह, जो घटना के समय पास के मैदान में फुटबॉल खेल रहे थे। उन्होंने खुलासा किया है कि वारदात के बाद सबसे पहले वे निज्जर की ओर भागे थे। उन्होंने हमलावरों का पीछा करने की भी कोशिश की, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा।
ट्रूडो ने भारत पर आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से भारत और कनाडा के रिश्ते में तनाव बढ़ा है। 18 जून, 2023 की शाम को एक गुरुद्वारे से बाहर निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पिछले साल सितंबर में भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था।
उनकी सरकार ने भारत के एक सीनियर डिप्लोमैट को देश से निकाल दिया था। इसके बाद से भारत-कनाडा के बीच विवाद बढ़ता चला गया। हालांकि बाद में ट्रूडो ने खुद कई बार भारत से रिश्ते बनाए रखने की बात कही थी।
भारत बोला- हत्या के सबूत दें
भारत ने निज्जर की हत्या के कनाडा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। सरकार ने कनाडा के आरोपों के खिलाफ एक्शन लेते हुए वहां के लोगों के लिए वीजा सेवाएं भी सस्पेंड कर दी थीं। साथ ही भारत से 41 कनाडाई डिप्लोमैट्स को भी हटा दिया गया था। हालांकि बाद में डिप्लोमैटिक लेवल पर कई बातचीत हुई और कुछ महीनों बाद वीजा सेवाएं शुरू कर दी गई थीं।
भारत ने कनाडा को हत्या में शामिल होने के सबूत देने को कहा था जो कनाडा ने अभी तक नहीं दिए हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्रूडो सरकार पर खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाया था। हालांकि कुछ दिन पहले कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग कर रहा है।
कौन था हरदीप सिंह निज्जर, जिस पर पूरा बवाल मचा
- पंजाब के जालंधर जिले में एक गांव है भार सिंह पूरा। 11 अक्टूबर 1977 को यहीं पर हरदीप सिंह निज्जर का जन्म हुआ। 1984 में निज्जर सिर्फ 7 साल का था, जब देश में दो बड़ी घटनाएं हुई…
- 1. ऑपरेशन ब्लू स्टार 2. इंदिरा गांधी की हत्या।
- इन दोनों ही घटनाओं का असर पंजाब के हर गांव तक पहुंचा। इस समय राज्य में खालिस्तान आंदोलन चरम पर था। 12 से 15 साल के लड़के खालिस्तान आंदोलन से जुड़ रहे थे। इसी उम्र में हरदीप सिंह निज्जर भी इससे जुड़ गया।
- जल्द ही निज्जर की पहचान चरमपंथी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स यानी KTF के एक एक्टिव मेंबर के रूप में होने लगी। धीरे-धीरे वह इस संगठन का मास्टरमाइंड बन गया था। 1995 में पंजाब पुलिस पूरे राज्य में खालिस्तानी उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही थी। इस समय निज्जर की भी गिरफ्तारी हुई।
- जेल से निकलते ही वह कनाडा भागने की तैयारी में लग गया। कनाडा के अखबार टोरंटो सन की रिपोर्ट के मुताबिक 1997 में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के टारगेट पर आने के बाद निज्जर ने देश छोड़ा। 9 जून 1998 को इमिग्रेशन आवेदन में निज्जर ने अपने कनाडा पहुंचने के बारे में बताया है।
- निज्जर ने आवेदन में बताया कि भारत में गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान उसके साथ मारपीट हुई और उसे प्रताड़ित किया गया। इसके बाद मौका मिलते ही रवि शर्मा के नाम से एक फर्जी पासपोर्ट के सहारे वह कनाडा पहुंच गया। निज्जर के दोस्त और खालिस्तान के समर्थक गुरप्रीत सिंह पन्नू ने एक इंटरव्यू में बताया था कि शुरुआत में निज्जर के आवेदन को खारिज कर दिया गया।
- इसके ठीक 11 दिन बाद निज्जर ने कनाडा की महिला से शादी कर ली। इसके बाद उसकी पत्नी ने निज्जर के वीजा के लिए आवेदन किया। इस आवेदन में पूछा गया था कि क्या वह किसी सशस्त्र संघर्ष या हिंसा से जुड़े रहने वाले राजनीतिक, धार्मिक या सामाजिक संगठनों का हिस्सा रहा है?
- जवाब में उसकी पत्नी ने नहीं लिखा था। हालांकि, इस बार भी उसके आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया।
- कनाडा की नागरिकता पाने के लिए निज्जर ने वहां की अदालतों का रुख किया, लेकिन 2001 में कोर्ट ने भी उनकी अपील को खारिज कर दिया। हालांकि, बाद में निज्जर को नागरिकता कैसे मिली, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं है।
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