Halimulton Hall was occupied by protesters for 17 hours | 17 घंटे तक प्रदर्शनकारियों के कब्जे में रही अमेरिकी यूनिवर्सिटी: प्लानिंग के तहत छात्रों ने किया था कब्जा; अब तक 2000 से ज्यादा फिलिस्तीन समर्थक गिरफ्तार


11 मिनट पहले

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कलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में पुलिस कार्रवाई में किसी के घायल होने की खबर नहीं है। - Dainik Bhaskar

कलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में पुलिस कार्रवाई में किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में फिलिस्तीन के समर्थन में छात्र आंदोलन जारी है। पुलिस ने अब तक 2000 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। गुरुवार को पुलिस ने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी को प्रदर्शनकारियों के कब्जे से आजाद करवाया। इस दौरान 100 से ज्यादा छात्रों को गिरफ्तार किया गया।

यूनिवर्सिटी के हैमिल्टन हॉल को प्रदर्शनकारियों के कब्जे से छुड़वाने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। जानकारी के मुताबिक करीब 17 घंटे तक यूनिवर्सिटी का हैमिल्टन हॉल प्रदर्शनकारियों के कब्जे में था। अब इसे लेकर नई जानकारियां सामने आईं हैं। पुलिस ने कोलंबिया में गिरफ्तार किए गए आधे से ज़्यादा छात्रों को रिहा कर दिया गया। वहीं हैमिल्टन हॉल पर कब्जे करना के आरोप में 14 छात्रों को गिरफ्तार किया गया है।

प्रदर्शनकारियों ने हैमिल्टन हॉल के दरवाजों पर कई चीजें लगा दी थी, जिससे पुलिस हॉल में एंट्री न ले सके।

प्रदर्शनकारियों ने हैमिल्टन हॉल के दरवाजों पर कई चीजें लगा दी थी, जिससे पुलिस हॉल में एंट्री न ले सके।

प्लानिंग के तहत प्रदर्शनकारी छात्रों ने हॉल पर कब्जा किया

पुलिस के मुताबिक छात्रों ने हैमिल्टन हॉल पर कब्जा बुधवार 1 मई से शुरू कर दिया था। इसके लिए पूरा प्लान तैयार किया गया था। 1 मई की सुबह से ही छात्रों की भीड़ यूनिवर्सिटी के सेंट्रल कैंपस में इकट्ठा होने लगी थी। कुछ समय बाद यूनिवर्सिटी के मेन कैंपस में प्रदर्शन तेज होने लगा। इसी बीच छात्रों का एक छोटा ग्रुप हैमिल्टन हॉल के पास पहुंच गया और सामने वाले लॉन में टेंट लगाने लगा।

छात्रों ने ऐसा इसलिए किया ताकि पुलिस अधिकारियों का ध्यान भटकाया जा सके। जैसे ही पुलिस हैमिल्टन हॉल के सामने वाले लॉन में टेंट को हटाने पहुंची। उसी समय बड़ी भीड़ हैमिल्टन हॉल के पास इकट्ठा हो गई। प्रदर्शनकारियों का एक साथी पहले से ही हैमिल्टन हॉल में छिपकर बैठा था। उसी ने बाकी प्रदर्शनकारी छात्रों की हॉल में एंट्री करवाई। प्रदर्शनकारी छात्रों ने अपने मुंह पर मास्क पहना हुआ था।

पुलिस ने प्रदर्शनकारी के खिलाफ एक्शन लेते हुए यूनिवर्सिटी कैंपस से सारे टेंट उखाड़ दिए।

पुलिस ने प्रदर्शनकारी के खिलाफ एक्शन लेते हुए यूनिवर्सिटी कैंपस से सारे टेंट उखाड़ दिए।

प्रोटेस्टर्स ने एंट्री लेने के बाद सिक्योरिटी गार्ड को हैमिल्टन हॉल से बाहर कर दिया। छात्र जैसे ही हॉल में घुसे , उन्होंने दरवाजों के सामने बैरिकैड्स लगा दिए और कैमरों को ढक दिया।छात्रों ने हॉल की खिड़कियों पर मेटल चेन्स डाल दी , जिससे उन्हें खोला न जा सके।

इसके अलावा दरवाजों को मजबूत करने के लिए छात्र अपनी क्लासेस से लकड़ी के डेस्क और टेबल ले आए। वहीं हॉल के दूसरा गेट को प्रदर्शनकारियों ने वेंडिंग मशीन से सुरक्षित किया।

मैनेजमेंट ने सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स से सलाह ली

छात्रों का प्रदर्शन धीरे धीरे उग्र होते जा रहा था। हैमिल्टन हॉल को उन्होंने कब्जे में ले लिया था। इसे देखते हुए यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने रात भर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स से चर्चा की, जिसके बाद न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट को एक्शन लेने के लिए कहा गया। पुलिस ने भी सूचना मिलते ही प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्लान बनाना शुरू किया।कोलंबिया यूनविर्सिटी के प्रेसिडेंट निमत शफीक ने एक लेटर के जरिए इस बात का खुलासा किया।

कुछ समय बाद पुलिस हैमिल्टन हॉल के बाहर एक बियरकैट ट्रक लेकर आई , जिसमें रैंप लगा था। पुलिस ने इसके जरिए हैमिल्टन हॉल के दरवाजों को बायपास कर ऊपरी मंजिल की खिड़की में चढ़ना शुरू किया। रात 9:30 बजे के बाद, पुलिस का एक ग्रुप दंगा रोकने वाले गियर्स पहनकर बियरकैट के प्लेटफॉर्म पर लाइन में खड़ा होने लगा। जानकारी के मुताबिक पुलिस को अंदर आता देख छात्रों ने उन पर चीजें फेंकना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद पुलिस ने हैमिल्टन हॉल को अपने कब्जे में ले लिया।

पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारी लंबे समय तक हैमिल्टन हॉल में रूकने वाले थे। पुलिस ने कुछ तस्वीरें भी जारी की है, जिसमें देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों के पास एक माइक्रोवेव, एक इलेक्ट्रिक टीकेटल और स्लीपिंग बैग था।

हैमिल्टन हॉल को कब्जे में लेने के कुछ प्रदर्शनकारी गेट के सामने खड़े हो गए।

हैमिल्टन हॉल को कब्जे में लेने के कुछ प्रदर्शनकारी गेट के सामने खड़े हो गए।

कार्रवाई के दौरान किसी को नहीं पहुंचा नुकसान

न्यूयॉर्क पुलिस के चीफ़ मैड्रे ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए “फ्लैश-बैंग” ( स्टन ग्रेनेड) का इस्तेमाल किया है । पुलिस ने एंट्री लेने के बाद खिड़कियों पर लगी चेन्स को काटा और दरवाजों के सामने लगी चीजों को तेजी से हटाया।

वहीं कई प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारियों पर गिरफ्तारी के दौरान धक्का देने और घसीटने का आरोप लगाया।

हॉल को कब्जे से छुड़ाने के बाद न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने कहा है कि पुलिस कार्रवाई में किसी को भी चोट नहीं आई है। पुलिस ने किसी के खिलाफ हिंसा का प्रयोग नहीं किया है। हालांकि एक पुलिसकर्मी से गलती से गोली चला दी थी। लेकिन इस फायरिंग से कोई घायल नहीं हुआ। फायर डिपार्टमेंट ने भी कहा है कि कोलंबिया के आस-पास के किसी भी व्यक्ति को अस्पताल नहीं ले जाया गया है।

प्रदर्शनकारियों ने दिलाई वियतनाम जंग की याद

अमेरिका में फिलिस्तीन के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों ने लोगों को वियतनाम जंग के समय हुए प्रदर्शनों की याद दिला दी है। दरअसल 1964 में नॉर्थ वियतनाम और साउथ वियतनाम में बंटा था। नॉर्थ वियतनाम के साथ कम्युनिस्ट समर्थक यानी की रूस और चीन जैसे देश थे, वहीं साउथ वियतनाम की ओर से कम्युनिस्ट विरोधी अमेरिका और उनके सहयोगी लड़ रहे थे। अमेरिकी लोगों को बताया जा रहा था कि वे जंग जीत रहे है।

लेकिन 1971 में डेनियल एलसबर्ग नाम के एक अधिकारी ने सेना की एक रिपोर्ट लीक कर दी, जिसमें बताया गया कि वियतनाम जंग में अमेरिका के सैनिक बेवजह मारे जा रहा है। इस रिपोर्ट के बाहर आने के बाद पूरे अमेरिका में प्रदर्शन शुरू हो गए। लोग बड़ी संख्या में सड़को पर उतर आए और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। अंत में सरकार को लोगों के आगे झुकना पड़ा और वियतनाम से सैनिकों को वापस बुलाना पड़ा।



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