रियाद3 दिन पहले
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सऊदी अरब के प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने लिकर स्टोर खोलने की मंजूरी दी है। (फाइल)
सऊदी अरब में 1952 के बाद पहली बार शराब की बिक्री के लिए स्टोर खुल गया है। फिलहाल, सिर्फ गैर मुस्लिम डिप्लोमैट ही यहां से शराब, बीयर या वाइन खरीद सकेंगे। इसके लिए उन्हें आईडेंटिटी कार्ड दिखाना होगा।
1951 में सऊदी किंग अब्दुलअजीज के बेटे ने एक पार्टी के दौरान ब्रिटिश डिप्लोमैट को नशे में गोली मार दी थी। ब्रिटिश डिप्लोमैट की मौत हो गई थी। उस पर कत्ल का केस चला था। साल 2000 में उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद से शराब की बिक्री पर बैन है।
MBS की मंजूरी
- सऊदी अरब के प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने राजधानी के सबसे पॉश इलाके में इस स्टोर को खोलने की मंजूरी दी थी। इसकी एक वजह यह है कि MBS सऊदी अरब को 2030 तक बिजनेस और टूरिज्म का हब बनाना चाहते हैं और इस मामले में उनका मुकाबला पड़ोसी इस्लामिक देश UAE से है।
- सितंबर 2022 में MBS ने विजन 2030 का ऑफिशियल अनाउंसमेंट किया था। हालांकि, इस पर काम कुछ वक्त पहले ही शुरू कर दिया गया था। इसके तहत कट्टर इस्लामी और शरिया कानून वाले मुल्क में कई बदलाव देखने मिल रहे हैं। शराब स्टोर को मंजूरी देना इन्हीं में से एक है।
- यहां शराब खरीदने के लिए जाने वाले डिप्लोमैट्स को ऑफिशियल आईडेंटीफिकेशन कार्ड दिखाना होगा। इसके आधार पर ही उन्हें परमिट जारी होगा। कोई भी नॉन मुस्लिम डिप्लोमैट शराब नहीं खरीद सकेगा।
पाकिस्तान, ओमान और कतर में गैर मुस्लिम स्टोर्स से शराब खरीद सकते हैं। इसके अलावा कुछ रेस्टोरेंट्स और होटल्स में भी शराब सर्व की जाती है। (प्रतीकात्मक)
मुस्लिम देशों में अलग-अलग तरह की पाबंदियां
- कुवैत : ‘टाइम मैगजीन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां 1965 से शराब की बिक्री पर पाबंदी है। दरअसल, इसके पहले कुवैत में कई लोगों ने शराब की जगह परफ्यूम पी लिया था। कुछ लोगों ने लैब्स में इस्तेमाल होने वाला अल्कोहल भी पिया था। कई लोगों की मौत हो गई थी और कुछ गंभीर तौर पर बीमार हो गए थे। इसके बाद यहां हर तरह की शराब बैन कर दी गई।
- पाकिस्तान, ओमान और कतर : यहां गैर मुस्लिम स्टोर्स से शराब खरीद सकते हैं। इसके अलावा कुछ रेस्टोरेंट्स और होटल्स में भी शराब सर्व की जाती है। इसके लिए परमिट और लाइसेंस हासिल जारी किए जाते हैं।
- सोमालिया और ब्रुनेई : यहां प्राईवेट स्पेस (मसलन घर) में शराब पी सकते हैं। हालांकि, ये मंजूरी गैर मुस्लिमों के लिए नहीं है। सोमालिया ने 2021 में शराब से जुड़े कानून काफी सख्त कर दिए हैं।
- लीबिया, बांग्लादेश और ईरान : यहां शराब पर पाबंदी है, लेकिन सच्चाई ये है कि स्मगलिंग और ब्लैक मार्केटिंग के जरिए यहां काफी शराब बिकती है। इसके अलावा कई लोग तो घर में ही शराब बनाकर बेचते हैं।
- सूडान : यहां 2020 तक लिकर यानी शराब पर पाबंदी थी। इसके बाद नॉन मुस्लिम्स के लिए नियम बदले गए। हालांकि, जब ये लोग शराब पी रहे हों तो वहां को मुस्लिम नहीं होना चाहिए।
सऊदी में शराब खरीदने के लिए जाने वाले डिप्लोमैट्स को ऑफिशियल आईडेंटीफिकेशन कार्ड दिखाना होगा। इसके आधार पर ही उन्हें परमिट जारी होगा। (प्रतीकात्मक)
सऊदी में शराब क्यों बैन हुई थी
- किंग अब्दुलअजीज ने 1952 में शराब पीने और इसकी खरीदी-बिक्री पर रोक लगा दी थी। इसकी वजह एक घटना थी। दरअसल, उनके बेटे प्रिंस मिशारी की एक पार्टी में ब्रिटिश डिप्लोमैट सिरिल ओसमैन से बहस हो गई थी। दोनों नशे में थे। बहस झगड़े में तब्दील हुई और मिशारी ने सिरिल को गोली मार दी। उनकी मौत हो गई।
- प्रिंस मिशारी को कत्ल का दोषी पाया गया। लेकिन, सऊदी में ‘ब्लड मनी’ कानून है। इसके तहत अगर मारे गए व्यक्ति का परिवार दोषी के परिवार या उससे समझौता कर लेता है तो उसे माफ किया जा सकता है। इसके लिए दोषी की तरफ से पीड़ित को आपसी समझौते के तहत एक तय रकम दी जाती है।
- सिरिल ओसमैन की पत्नी ने ‘ब्लड मनी’ के तहत मोटी रकम लेकर प्रिंस मिशारी को माफ कर दिया था। हालांकि, इसके बाद मिशारी करीब-करीब गुमनामी में रहे और साल 2000 में उनकी मौत हो गई।