16 घंटे पहले
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फुटेज में मलबे से निकाले गए युवक को देखा जा सकता है।
इजराइल-हमास जंग साढ़े तीन महीने बाद भी जारी है। इस बीच एक फिलिस्तीनी युवक को मलबे से जिंदा बाहर निकाला गया। वो 8 दिनों से मलबे में दबा था।
अल जजीरा के मुताबिक खान यूनिस में रहने वाला यह युवक 19 जनवरी को हुई इजराइली बमबारी का शिकार हो गया था। वो अपने घर पर था जब हमला हुआ। हमले में उसका घर तबाह हो गया और वो मलबे में दब गया। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 26 जनवरी को उसे जिंदा बाहर निकाला गया। इसके बाद उसे फौरन अस्पताल ले जाया गया।
इधर, मीडिल ईस्ट मॉनिटर ने वीडियो शेयर किया। इसमें इजराइली सैनिक एक इस्लामिक यूनिवर्सिटी में डांस करते और जश्न मनाते नजर आए। यह यूनिवर्सिटी अब तबाह हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक सैनिकों ने यूनिवर्सिटी को तबाह करने के पहले यहां जश्न मनाया था। वहीं, साउथ गाजा के खान यूनिस में इजराइली सैनिकों ने दो बच्चों को गोली मार दी।
गोली लगने के बाद जमीन पर पड़े बच्चों की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सैनिकों ने 13 साल के बच्चे को गोली मारी
अल जजीरा मुबाशीर की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइली सैनिकों ने खान यूनिस में तस्वीर में दिख रहे बच्चों को गोली मार दी। बच्चों की पहचान 13 साल के नाहिद और 20 साल के रमेज के तौर पर हुई। रिपोर्ट के मुताबिक सैनिकों ने पहले एक बच्चे को गोली मारी। दूसरा बच्चा मदद के लिए आया तो उसे भी गोली मार दी।
मारे गए बच्चों के परिजनों का कहना है कि बच्चों के पास सफेद रंग का कपड़ा था, इसके बावजूद उन पर गोली चलाई गई। दरअसल, इजराइली सेना के नियमों के मुताबिक जो लोग सफेद रंग का कपड़ा दिखाते हैं सैनिक उन पर गोली नहीं चला सकते हैं। अगर सैनिक ऐसा करते हैं तो ये नियमों के खिलाफ होता है। परिजनों ने कहा- बच्चों के हाथ में सफेद कपड़ा, उनका बचपन उनकी रक्षा नहीं कर पाया।
सोशल मीडिया पर गाजा में रहने वाली एक बच्ची की यह तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें इजराइली हमले का शिकार हुई बच्ची की आंखों की नसें फटने से उसकी आंखें लाल नजर आ रही है।
खाना लेने पहुंचे फिलिस्तीनियों पर इजराइली सैनिकों ने गोली चलाई
गाजा में 26 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। जो लोग जिंदा हैं उनके पास जरूरत का समान नहीं है। मदद पहुंचाने में समस्याएं आ रही है। ऐसे में जरूरत का सामने लेकर पहुंचे एक ट्रक पर भीड़ ने हल्ला बोल दिया।
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक जिस समय लोग ट्रक से सामने उठा रहे थे उस दौरान इजराइली सैनिकों ने भीड़ पर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। गोली की आवाज सुनते ही फिलिस्तीनी लोगों के बीच भगदड़ मच गई। हालांकि इस दौरान किसी के मारे जाने की खबर सामने नहीं आई है।
फुटेज में इजराइली सैनिकों की फायरिंग के बाद मची भगदड़ को देखा जा सकता है।
अस्पताल से निकल रहे लोगों को भी गोली मार रहे स्नाइपर्स
अल जजीरा के मुताबिक इजराइली सैनिक गाजा के अस्पतालों से निकल रहे लोगों की गोली मारकर हत्या कर रहे हैं। गाजा के लोगों का कहना है कि इजराइल के स्नाइपर्स अस्पतालों के बाहर तैनात हैं। दरअसल, इजराइली सेना का कहना है कि अस्पतालों के नीचे हमास के ठिकाने हैं। अस्पताल से निकलने वाले लोग हमास से जुड़े हैं इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
वर्ल्ड कोर्ट की सुनवाई के बाद हमास ने बंधकों का वीडियो जारी किया
हमास ने बंधकों का नया वीडियो जारी किया है। इसमें 3 महिलाएं दिख रही हैं। इनमें से दो महिलाएं सैनिक हैं और एक सिविलियन। यह वीडियो वर्ल्ड कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद सामने आई है।दरअसल, इजराइल-हमास जंग को लेकर 26 जनवरी को वर्ल्ड कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान कोर्ट ने इजराइल से गाजा पट्टी में नरसंहार रोकने के लिए कोशिश और इस मामले पर ठोस उपाय ढूंढने का आदेश दिया था। इसके लिए इजराइल को एक महीने का समय दिया गया है।
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने कहा था कि इजराइल को गाजा में नरसंहार को बढ़ावा देना वाली एक्टिविटीज को रोकना होगा और ऐसा करने वालों को सजा देनी होगी। इसके अलावा कोर्ट ने कहा था- गाजा में मानवीय सहायता पहुंच सके इसके लिए इजराइल को अनुमति देनी चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि इजराइल को फिलिस्तीनियों की सुरक्षा करनी होगी। हालांकि कोर्ट ने गाजा में चल रहे इजराइल के सैन्य अभियान को खत्म करने का का आदेश नहीं दिया।
हमास ने तीन महिला बंधकों का वीडियो जारी किया है।
‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।