तेल अवीव/वॉशिंगटन8 मिनट पहले
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अमेरिका के फैसले का विरोध करते हुए नेतन्याहू ने कहा है कि उनकी सेना आतंकियों से लड़ रही है। (फाइल)
इजराइल-हमास जंग के बीच अमेरिका इजराइल की डिफेंस फोर्स (IDF) की एक बटालियन पर बैन लगाने की तैयारी में है। नेत्जाह येहुदा नाम की इस टुकड़ी पर वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों के खिलाफ मानवाधिकार के उल्लंघन के आरोप हैं।
अमेरिकी मीडिया एक्सियोस न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन जल्द ही बटालियन को ब्लैक लिस्ट भी कर सकते हैं। दरअसल, नेत्जाह येहुदा इजराइल के कट्टरपंथ सैनिकों का एक दस्ता है, जो वेस्ट बैंक में तैनात रहता है।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के इस फैसले पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा, “IDF पर बैन नहीं लगना चाहिए क्योंकि वे आतंकियों से लड़ रहे हैं। सेना की एक यूनिट पर प्रतिबंध लगाना बहुत ही बेतुका है। हमारी सरकार इस फैसले के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
शनिवार को जंग के बीच वेस्ट बैंक में नूर अल-शम्स शरणार्थी शिविर में IDF के ऑपरेशन के दौरान 14 लोग मारे गए। (फाइल)
बेन ग्विर बोले- अमेरिका के सामने नहीं झुकेंगे
नेतन्याहू के अलावा इजराइल के नेशनल सिक्योरिटी मिनिस्टर बेन ग्विर ने भी अमेरिका के फैसले की आलोचना की है। ग्विर ने कहा, “हमारे सैनिकों पर बैन लगाना हद पार करने जैसा है। यह बेहद गंभीर मामला है। हम अपनी सेना और नेत्जाह येहुदा बटालियन की रक्षा करते रहेंगे।”
बेन ग्विर ने इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट को भी अमेरिकी आदेशों के सामने झुकने से मना किया है। इसके अलावा इजराइल के वित्त मंत्री बेजेल स्मोट्रिच ने भी सेना पर बैन की बात का विरोध किया। स्मोट्रिच ने कहा, “नेत्जाह येहुदा पर अमेरिकी प्रतिबंध के फैसले का हम मजबूती से सामना करेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “इजराइल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। ऐसे में IDF की टुकड़ी पर बैन लगाना पागलपन है। यह सब एक साजिश का हिस्सा है, जिससे फिलिस्तीन एक आजाद देश बन जाए।”
इस साल 22 मार्च को इजराइली वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच ने घोषणा की थी कि कब्जे वाले वेस्ट बैंक में 800 हेक्टेयर के लैंड को सरकार अपने अंडर ले रही है।
जंग से पहले वेस्ट बैंक में हुए अत्याचारों की वजह से लिया फैसला
एक्सियोस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सेना की टुकड़ी पर बैन का यह फैसला 7 अक्टूबर की जंग से पहले के मामलों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, नेत्जाह येहुदा पर वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों पर अत्याचार करने का आरोप है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि यह बैन सेना की दूसरी टुकड़ियों या पुलिस पर नहीं लगेगा क्योंकि उन्होंने जांच में पूरा सहयोग दिया है।
IDF की बटालियन नेत्जाह येहुदा का गठन साल 1999 में हुआ था। इसे इसलिए बनाया गया था ताकि रूढ़िवादी सैनिक बिना भेदभाव के काम कर सकें। नेत्जाह येहुदा के सैनिक किसी भी महिला से बात नहीं करते है। इन्हें पूजा-पाठ और धर्म से जुड़ी पढ़ाई के लिए ज्यादा समय दिया जाता है।
UN में फिलिस्तीन की सदस्यता पर अमेरिका का वीटो
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र (UN) में 18 अप्रैल को फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्यता देने के प्रस्ताव पर अमेरिका ने वीटो लगा दिया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अल्जीरिया ने यह प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर वोटिंग हुई थी। अमेरिका के वीटो के बाद फिलिस्तीन UN का परमानेंट मेंबर नहीं सका।
अमेरिका इससे पहले 2011 में फिलिस्तीन की परमानेंट मेंबरशिप पर वीटो लगा चुका है।
UNSC में किसी प्रस्ताव को पारित करने के लिए कम से कम 9 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी। 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद में फिलिस्तीन के पक्ष में 12 वोट पड़े, जबकि ब्रिटेन और स्विट्जरलैंड वोटिंग से दूर रहे।
UN में पूर्ण सदस्यता हासिल करने के लिए फिलिस्तीन की यह दूसरी कोशिश थी। इससे पहले 2011 में भी फिलिस्तीन को मेंबरशिप देने को लेकर UNSC में वोटिंग हुई थी। उस समय भी अमेरिका ने प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया था।
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