2 मिनट पहले
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फुटेज उस वक्त की है जब ईरान की सेना ने भारत आ रहे जहाज को कब्जे में लिया था।
ईरान ने ओमान की खाड़ी से जब्त किए जहाज पर मौजूद पाकिस्तान के दोनों नागरिकों को रिहा कर दिया है। पाकिस्तान के मीडिया हाउस जियो टीवी के मुताबिक पाकिस्तानी नागरिक मुल्क लौट सकते हैं। दोनों पाकिस्तानी नागरिकों में से एक जहाज पर चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के तौर पर काम कर रहा था।
दरअसल, इजराइल पर हमले से पहले ईरान ने भारत आ रहे पुर्तगाल के झंडे वाले एक जहाज को ओमान की खाड़ी में होर्मुज पास से जब्त किया था। इसकी जानकारी 13 अप्रैल को दी गई थी। इस पर 25 क्रू मेंबर मौजूद थे जिनमें 17 भारतीय भी हैं। इन्हें लेकर विदेश मंत्रालय की तरफ से कोई नई जानकारी नहीं दी गई है। 14 अप्रैल को बताया गया था कि ईरान में भारतीय अफसर उनसे मुलाकात करेंगे।
भारत आ रहे जहाज के साथ क्या हुआ था?
13 अप्रैल को होर्मुज स्ट्रेट से गुजर रहे एक इजराइली अरबपति के जहाज MCS एरीज को ईरान की सेना ने कब्जे में ले लिया था। ईरान के रेवाल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडो UAE से रवाना हुए जहाज पर एक हेलीकॉप्टर से जहाज पर उतरे थे। ईरान ने आरोप लगाया था कि जहाज बिना इजाजत उनके इलाके से गुजर रहा था।
जहाज लंदन बेस्ड जोडिएक मैरीटाइम कंपनी की बताई गई है। इसमें इजराइली अरबपति की हिस्सेदारी है।
भारत ने अब तक क्या किया?
जब्त किए जहाज पर भारतीयों के होने की पुष्टि होते ही न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि भारत डिप्लोमेटिक चैनल्स के जरिए उन्हें छुड़ाने की कोशिश कर रहा है।
इसके बाद 14 अप्रैल को विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने ईरान के विदेश मंत्री से बात की है। उन्होंने बताया कि भारतीय अधिकारियों को जल्द क्रू में शामिल भारतीय नागरिकों से मिलने की इजाजत दी जाएगी।
होर्मुज पास से गुजरता है दुनिया का 20% तेल
ईरान ने जिस होर्मुज पास से भारत आ रहे जहाज पर कब्जा किया है वहां से दुनिया का 20% तेल गुजरता है।
ईरानी सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA ने 2023 में दावा किया था कि ईरान ने होर्मुज पास में कई सौ बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें तैनात की हैं। जो एक के बाद एक लगातार कई टारगेट पर हमला कर सकती हैं।
न सिर्फ ईरान बल्कि अमेरिका ने भी तेजी से इस इलाके में सैनिकों और हथियारों की तैनाती की थी। अमेरिका ने अपना A-10 थंडरबोल्ट 2 वॉरप्लेन, F-16 और F-35 फाइटर जेट तैनात किए हैं। इसके अलावा अमेरिका के कई युद्धपोत भी इस इलाके में मौजूद हैं।
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