इस्लामाबाद/लाहौरकुछ ही क्षण पहले
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पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। (फाइल)
पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों को कुछ लेटर मिले हैं। इनमें कथित तौर पर जहरीला पदार्थ है। सभी लेटर में एक ही तरह की बातें लिखी हुई हैं। इनमें कहा गया है कि मुल्क की अदालतें फौज और खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर काम करती हैं।
खास बात यह है कि इस मामले की जांच के लिए एक रिटायर्ड जज को अपॉइंट किया गया था, लेकिन उन्होंने जांच से इनकार कर दिया। अब सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है।
एक संगठन ने जिम्मेदारी ली
- मंगलवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के सभी 8 जजों को यह लेटर मिले। इन्हें अंग्रेजी में लिखा गया है और पाकिस्तान के जस्टिस सिस्टम को बेकार बताया गया है। इस्लामाबाद पुलिस ने इस मामले में दर्ज एफआईआर में लिखा है कि खत में कथित तौर पर धमकी दी गई है कि इसमें बेसिलस एंथ्रासिस है और इससे एंथ्रेक्स जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी हो सकती है।
- बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों को भी इसी तरह के खत भेजे गए। इसमें चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा भी शामिल हैं। लाहौर हाईकोर्ट के पांच जजों को भी इस तरह के लेटर भेजे गए। पुलिस के मुताबिक- इसमें कथित तौर पर जहरीला पदार्थ है।
- जजों को भेजे गए लेटर्स की जिम्मेदारी ‘तहरीक-ए-नामूस’ नाम के संगठन ने ली है। इन सभी लेटर्स को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि वास्तव में इन लेटर्स में जो सफेद पाउडर है, वो कौन सा केमिकल है।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट के 8 जजों को यह कथित तौर पर जहर वाले खत भेजे गए हैं। इनमें से 6 जजों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है।
पुलिस ने क्या कहा
- ‘अलजजीरा’ न्यूज चैनल से बातचीत में एक पुलिस अफसर ने कहा- हम अपनी जांच कर रहे हैं। जैसे ही कुछ पता लगता है, मीडिया को बताएंगे।
- तहरीक-ए-नामूस का नाम पहली बार पिछले साल सितंबर में सामने आया था। तब एक बिल्डिंग से एक बैग बरामद हुआ था। इसमें एक हैंड ग्रेनेड, एक पिस्टल और कुछ कारतूस के साथ ही एक लेटर भी मिला था।बैग से मिले लेटर में भी पाकिस्तान के ज्यूडिशियल सिस्टम को घटिया बताया गया था। इसमें धमकी दी गई थी कि जजों और फौजी जनरलों को जल्द ही सबक सिखाया जाएगा। इस मामले की जांच अब भी चल रही है।
- हालिया लेटर कांड ऐसे वक्त सामने आया है जबकि इस्लामाबाद हाईकोर्ट के 6 जजों ने सुप्रीम कोर्ट को एक लेटर लिखा है। इसमें कहा गया है कि ISI उनके काम में दखलंदाजी करती है।
पाकिस्तान चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा ने कुछ दिन पहले कहा था कि कोर्ट्स पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला जा सकता। (फाइल)
जजों को परेशान किया जाता है
- सुप्रीम कोर्ट को लिखे लेटर में जजों ने कहा- हमें परेशान करने के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। इनमें गुपचुप निगरानी के अलावा फैमिली मेंबर्स को अगवा करके टॉर्चर करना शामिल है। इनके जरिए जजों को मनमाने फैसले देने के लिए मजबूर किया जाता है। इनमें से कुछ फैसले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के केसेज से जुड़े हैं।
- इतने बड़े बवाल के बावजूद अब तक ISI या फौज ने कोई बयान नहीं दिया है। यह मामला सामने आने के बाद सरकार ने एक सदस्यीय जांच आयोग बनाया लेकिन, उन्होंने जांच से इनकार कर दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्यीय बेंच को मामले की जांच सौंपी गई। इसकी पहली मीटिंग बुधवार को हुई। अगली मीटिंग 29 अप्रैल को होगी।
- कराची के एक वकील ने अब्दुल मोईद जाफरी ने कहा- समझ नहीं आता कि इन लेटर्स को भेजने का मकसद क्या हो सकता है।
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