33 मिनट पहले
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प्रोड्यूसर डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म 12th फेल ने विक्रांत मैसी को इंडस्ट्री में उस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया है जहां पर पहुंचना हर एक्टर्स का एक सपना होता है। लेकिन छोटे परदे से निकल कर फिल्मों में अपनी एक अलग पहचान बनाना, विक्रांत मैसी के लिए इतना भी आसान नहीं रहा है।
पहली फिल्म लुटेरा के ऑडिशन में वो रिजेक्ट हो गए थे। जिस समय विक्रांत मैसी फिल्मों में अपने लिए बेहतर अवसर की तलाश कर रहे थे, उस समय छोटे पर्दे के एक्टर को फिल्मों में गंभीरता से नहीं लिया जाता था। विक्रांत मैसी का टीवी पर बहुत बड़ा नाम रहा है, जिस समय उन्होंने फिल्मों में करियर बनाने की सोची उस समय सीरियल में उन्हें हर महीने के 35 लाख रुपये मिलते थे, लेकिन फिल्मों में करियर बनाने के लिए उन्होंने टीवी का 35 लाख का ऑफर ठुकरा दिया।
विक्रांत ने करियर की शुरुआत टीवी इंडस्ट्री से किया था।
जीवन का पहला ऑडिशन
फिल्मों में सबसे पहला मौका विक्रांत मैसी को डायरेक्टर विक्रमादित्य मोटवानी की फिल्म लुटेरा में मिला। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान विक्रांत मैसी ने कहा, ‘उसी समय मेरा एक टीवी शो बाबा ऐसा वर ढूंढो खत्म ही हुआ था। मैं सोच रहा था कि नया शो लूं या यह फिल्म करूं। तभी कास्टिंग डायरेक्टर अतुल मोंगिया ने मुझे लुटेरा के ऑडिशन के लिए बुलाया था।
हाल ही में पिता बने हैं विक्रांत मैसी।
वह मेरे जीवन का पहला ऑडिशन था, लेकिन मैं रिजेक्ट हो गया था। लेकिन जो एक्टर ये किरदार करने वाले थे उन्होंने शूटिंग से दो हफ्ते पहले ही मना कर दिया। तब मेरे पास कॉल आया और मैंने ये फिल्म की। यह भाग्य का ही खेल रहा। मैं अपने को काफी भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे फिल्मों में अच्छे डायरक्टर्स के साथ लगातार काम करने का मौका मिला।
फिल्मों में आने के लिए आर्थिक स्थिति से भी जूझे थे विक्रांत।
टीवी एक्टर को फिल्म वाले बहुत जलील करते हैं
विक्रांत मैसी ने फिल्मों के लिए टीवी को छोड़ने का मन ऐसे समय बनाया जब उन्हें टेलीविजन पर एक महीने के 35 लाख रुपये मिल रहे थे। विक्रांत मैसी कहते हैं, ‘जब फिल्मों में काम करना शुरू किया,सब लोग फर्राटेदार अंग्रेजी में बात कर रहे होते थे और तब अंग्रेजी में मेरा हाथ काफी तंग था। टीवी एक्टर को फिल्म वाले बहुत जलील करते हैं। मैं यह नहीं कहता कि मेरे साथ वहां ऐसा हुआ, लेकिन आम तौर पर ऐसा होता है।
पत्नी शीतल ठाकुर के साथ विक्रांत मैसी।
खुद को साबित करना मेरे लिए चैलेंज था
विक्रांत मैसी कहते है, ‘टीवी पर काम करने वाले एक्टर को फिल्म वाले गंभीरता से नहीं लेते हैं। फिल्म वाले सोचते हैं कि टीवी एक्टर बॉडी बना कर घूमते रहते हैं,बस। खुद को साबित करना मेरे लिए चैलेंज था। मेरी यही सोच रही कि फिल्मों जो काम मिल रहा है, उसे पूरी ईमानदारी के साथ बखूबी करना है।
मैं अपने को काफी भाग्यशाली मनाता हूं कि मुझे अच्छे डायरक्टर्स के साथ काम करने का मौका भी मिला, चाहे वो विक्रमादित्य मोटवानी हो, जोया अख्तर ,मेघना गुलजार, कोंकणा सेन शर्मा या फिर विधु विनोद चोपड़ा।
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