India America Relations | US Ambassador Eric Garcetti on Gurpatwant Singh Pannu | पन्नू मामले पर US बोला- लक्ष्मण रेखा पार न करें: अमेरिकी एंबैसडर ने कहा- जांच में दोनों देश शामिल, कई बार सोच अलग होती है


नई दिल्ली/वॉशिंगटन7 मिनट पहले

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अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने माना है कि भारत और अमेरिका के बीच कई मुद्दों पर राय अलग होती है। (फाइल) - Dainik Bhaskar

अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने माना है कि भारत और अमेरिका के बीच कई मुद्दों पर राय अलग होती है। (फाइल)

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को कथित तौर पर मारे जाने की साजिश के मामले की जांच भारत और अमेरिका मिलकर कर रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में यह बात भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कही।

पन्नू मामले पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में एरिक ने कहा- एक रेड लाइन यानी लक्ष्मण रेखा होती है, किसी को इसे पार नहीं करना चाहिए। किसी देश या सरकार के कर्मचारी को किसी विदेशी नागरिक को मारने की साजिश में भी शामिल नहीं होना चाहिए।

एक सवाल के जवाब में गार्सेटी ने माना कि कई मुद्दों पर भारत और अमेरिका की सोच अलग होती है और इसमें कुछ नया नहीं है।

यह देश के सम्मान का सवाल

  • पन्नू मामले पर सवाल का विस्तार से जवाब देते हुए अमेरिकी एंबैसडर ने कहा- हमारे लिए यह मुश्किल मामला है। हर चीज में एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए। अगर एक देश का कर्मचारी किसी दूसरे देश में तैनात हो और वो उस देश के किसी नागरिक को मारने की साजिश रचे तो क्या होगा। मुझे लगता है कि इस तरह के मामले में उस देश का सम्मान और संप्रभुता जुड़ी होती है। यही लक्ष्मण रेखा है।
  • गार्सेटी से जब यह पूछा गया कि पन्नू तो भारत को आए दिन धमकियां देता है? इस पर उन्होंने कहा- अमेरिका में बोलने की आजादी है और इसकी रक्षा की जाती है। हम किसी को आरोपी को दूसरे देश के हवाले अपने कानून के हिसाब से करते हैं। अगर सिर्फ बोलने पर किसी को गिरफ्तार किया जाने लगा तो हालात हाथ से निकलकर खतरनाक हो जाएंगे।

नुकसान हमें भी होता है

  • फ्री स्पीच पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में एरिक ने कहा- कई लोग कहते हैं कि हम ऐसे (पन्नू) लोगों को गिरफ्तार क्यों नहीं करते? इसका जवाब ये है कि हमारा सिस्टम अलग है। मैं एंबैसडर हूं और नियम नहीं बदल सकता। कई बार हमें भी नुकसान होता है। मैं यहूदी हूं और कई बार मेरे सामने मेरे ही शहर में यहूदियों के बारे में गलत बोला जाता है। लेकिन, हम उन लोगों को भी गिरफ्तार नहीं करते। हां, अगर वो हिंसा करते हैं तो कानून अपना काम करता है।
  • पन्नू मामले की जांच के बारे में गार्सेटी ने कहा- मैं बहुत खुश हूं कि भारत हमारे साथ इस मामले की जांच कर रहा है। हम जानना चाहते हैं कि कहीं किसी को मर्डर के लिए सुपारी तो नहीं दी गई। अब तक हमने भारत से जो भी सहयोग मांगा, वो हमें मिला है। और यही हमने भी किया है।
तस्वीर 2 फरवरी की है। तब एरिक गार्सेटी जयपुर में एक प्रोग्राम में शिरकत के लिए गए थे।

तस्वीर 2 फरवरी की है। तब एरिक गार्सेटी जयपुर में एक प्रोग्राम में शिरकत के लिए गए थे।

CAA पर सफाई

  • भारत के CAA कानून के नोटिफिकेशन पर गार्सेटी ने कहा- कई बार असहमति के लिए भी सहमति जरूरी हो जाती है। इस कानून को कैसे लागू किया जाता है, हम इस पर नजर रखेंगे।
  • भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी के बयान को खारिज कर करते हुए इसे अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी बताया था। इस कानून के बारे में गार्सेटी ने कहा- मजबूत लोकतंत्र के लिए मजहबी आजादी जरूरी है और कई बार इस पर सोच अलग होती है। दोनों देशों के करीबी रिश्ते हैं। कई बार असहमति होती है, लेकिन इसका असर हमारे रिश्तों पर नहीं पड़ता। हमारे देश में ढेरों खामियां हैं और आलोचना सहन भी करते हैं।

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