मुंबई13 मिनट पहलेलेखक: किरण जैन और अभिनव त्रिपाठी
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रील टू रियल के नए एपिसोड में हमने टीवी सीरियल की मेकिंग प्रोसेस को जानने की कोशिश की है।
किसी टीवी सीरियल का एक एपिसोड 22 मिनट का होता है। इस एक एपिसोड को शूट करने में घंटों लगते हैं। इसके पीछे सैकड़ों लोगों की मेहनत होती है। एपिसोड को शूट करने से लेकर उसके टेलिकास्ट होने के बीच चार दिन का लंबा-चौड़ा प्रोसेस होता है। रील टू रियल के इस एपिसोड में हम इसी प्रोसेस को समझेंगे।
इसके लिए हमने टीवी की मशहूर एक्ट्रेस दीपिका सिंह, तोरल रासपुत्रा, कलर्स चैनल पर आने वाले सीरियल ‘डोरी’ के क्रिएटिव डायरेक्टर सिद्धार्थ वनकर और सीरियल ‘मंगल लक्ष्मी’ के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर दीपक शर्मा से बात की है।
इन्होंने बताया कि TRP न मिलने पर कहानी में बदलाव किया जाता है, ताकि दर्शकों को कुछ नया मिल सके। एक्टर्स का 90 दिनों का कॉन्ट्रैक्ट होता है। शो जॉइन करने के 90 दिनों बाद ही उनका पेमेंट होता है।
शो का कॉन्सेप्ट आने के 6 महीने बाद शुरू होती है शूटिंग
क्रिएटिव डायरेक्टर सिद्धार्थ वनकर ने कहा, ‘शो का कॉन्सेप्ट आने के 3 से 6 महीने बाद एक्चुअल शूटिंग शुरू होती है। इन 6 महीनों में सेट तैयार करने से लेकर, राइटर्स को ऑन बोर्ड करना, स्क्रिप्टिंग करना और एक्टर्स की कास्टिंग जैसे अहम काम किए जाते हैं।’
पहले ऑडिशन लिए जाते हैं, फिर मॉक टेस्ट के बाद फाइनल होते हैं एक्टर
एक एक्टर के लिए किसी शो से जुड़ने का प्रोसेस क्या होता है? एक्ट्रेस दीपिका सिंह ने जवाब में कहा, ‘सबसे पहले ऑडिशन लिए जाते हैं। उसके बाद मॉक टेस्ट होता है। फिर एक्टर फाइनलाइज किए जाते हैं। उनका शो के साथ एग्रीमेंट फिक्स होता है। एग्रीमेंट में फीस वगैरह की बात होती है। इसके बाद अंत में एक्टर शो के लिए ऑन बोर्ड होता है।’
पॉपुलर एक्टर्स को मिलती है ज्यादा फीस
टीवी एक्टर्स के फीस का पैरामीटर क्या है? उन्हें कैसी फीस मिलती है? इसके जवाब में दीपिका कहती हैं, ‘टीवी इंडस्ट्री का पे स्केल अच्छा है। अगर आप टैलेंटेड और मेहनती हैं, तो पैसे काफी अच्छे मिलेंगे। यहां ऐसे लोगों की जरूरत है कि जो 12-13 घंटा बिना किसी शिकन के काम कर सकें। इसके अलावा जो एक्टर्स पॉपुलर हैं, या जिनके पास अनुभव ज्यादा है, उनकी फीस ऑटोमेटिकली ज्यादा ही रहती है।’
दीपिका सिंह ‘दिया और बाती हम’ से फेमस हुई थीं। फिलहाल वो टीवी सीरियल मंगल लक्ष्मी में नजर आ रही हैं।
जिस दिन TRP कम हुई, सीरियल बंद होने के कगार पर आ जाता है
TRP का कितना बड़ा रोल होता है? क्या प्रोड्यूसर के साथ एक्टर्स के लिए भी यह एक जरूरी पॉइंट हो जाता है? दीपिका ने कहा, ‘टीवी एक्टर्स की लाइफ में TRP का बहुत बड़ा रोल होता है। हमारा ध्यान बिल्कुल इस चीज पर रहता है कि अपना सीरियल कैसा परफॉर्म कर रहा है।
जाहिर सी बात है कि यह एक बिजनेस की तरह ही है। जब तक TRP आएगा, तब तक सीरियल चलता रहेगा। जिस दिन TRP मिलनी बंद हुई, उसके बाद सीरियल भी धीरे-धीरे बंद हो जाता है। इसलिए यहां सब TRP का ही खेल है।’
TRP न मिलने पर रातों-रात चेंज की जाती है स्क्रिप्ट
डायरेक्टर सिद्धार्थ वनकर ने कहा कि कभी-कभी ऐसा भी समय आता है, जब सीरियल को उतनी अच्छी TRP नहीं मिल पाती। उस वक्त रातों-रात स्क्रिप्ट चेंज कर दी जाती है। कहानी को बदल दिया जाता है, ताकि दर्शकों को कुछ नया मिल सके।
चैनल का अप्रूवल भी जरूरी
सिद्धार्थ वनकर के मुताबिक, राइटर्स क्रिएटिव डायरेक्टर्स को पहले कहानी सुनाते हैं। क्रिएटिव डायरेक्टर्स को लगता है कि कुछ बदलाव होने चाहिए तो राइटर्स को सुझाव देते हैं। अप्रूवल के लिए स्टोरी को चैनल के पास भी भेजना होता है। वहां मौजूद अथॉरिटी को अगर वो कहानी पसंद आई, तभी आगे का काम शुरू होता है।’
सेट पर 30 मिनट का लंच टाइम मिलता है, मेकअप में लगता है एक घंटा
एक्ट्रेस तोरल रासपुत्रा ने बताया कि सेट पर आर्टिस्ट की लाइफ कैसी होती है। उन्होंने कहा, ‘मैं खुद ही ड्राइव करती हूं। 8 बजे घर से निकल जाती हूं, 9 बजे तक सेट पर पहुंचती हूं। सेट पर पहुंचते ही मेकअप रूप में चली जाती हूं। गेटअप में आने के लिए एक घंटा लगता है। इसके बाद अपने सीन्स की शूटिंग के लिए सेट पर चली जाती हूं। दोपहर में आधे घंटे का लंच टाइम होता है।
मैं घर से ही ब्रेकफास्ट, लंच और स्नैक्स वगैरह ले आती हूं। कॉफी भी खुद का ही रखती हूं और खुद से बनाती भी हूं। जिस दिन प्रेशर ज्यादा रहता है, स्पॉट वाले से कहकर बनवा लेती हूं। जिस दिन शूटिंग कम रहती है, तब वैनिटी वैन में कुछ देर के लिए सो भी जाती हूं।’
तोरल फेमस टीवी शो उतरन से पॉपुलर हुई थीं। इस वक्त वे सीरियल डोरी में दिख रही हैं।
एक्टर्स को हर 90 दिन में एक बार पेमेंट मिलता है
तोरल ने कहा कि एक्टर्स को शो जॉइन करने के 90 दिन बाद पेमेंट मिलना स्टार्ट होता है। उन्होंने कहा, ‘एक्टर्स को शो से जुड़ने के तीन महीने तक एक भी पैसा नहीं मिलता है। तीन महीने यानी 90 दिन के बाद एक साथ सारे पैसे मिल जाते हैं। कॉन्ट्रैक्ट तीन महीने का होता है। शो जितना भी लंबा चले, हर तीन महीने बाद ही पेमेंट होता है। एक्टर्स की फीस डेली के हिसाब से तय की जाती है।’
प्रोड्यूसर को एक दिन पहले मिलती है स्टोरी, इस हिसाब से अगले दिन की शेड्यूलिंग होती है
किसी शो का प्रोडक्शन कैसे होता है? टीवी सीरियल मंगल लक्ष्मी के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर दीपक शर्मा ने कहा, ‘सबसे पहले हमें स्टोरी मिलती है, हमें बता दिया जाता है कि अगला एपिसोड क्या होने वाला है। इसके हिसाब से हम एक्टर्स की उपलब्धता पता करते हैं। हम यह भी प्लान करते हैं कि सीन्स कितने होने वाले हैं, इसको ध्यान में रखते हुए डिसाइड करते हैं कि कल किस एक्टर को किस टाइम बुलाना है।’
कभी-कभी एक दिन में बनाने पड़ते हैं एपिसोड
दीपक शर्मा ने कहा, ‘कभी-कभी ऐसा भी समय आता है कि सुबह शूट हुए एपिसोड को रात तक टेलिकास्ट करना होता है। ऐसी स्थिति में एक्स्ट्रा चिप मंगा कर रखने पड़ते हैं। एक-एक सीन शूट होने के साथ ही उसे तुरंत पोस्ट प्रोडक्शन टीम को भेजते जाते हैं। हालांकि ऐसी स्थिति बहुत कम आती है।’
सेट पर एक्टर्स की डेली लाइफ कैसी होती है?
सेट पर खाली समय में एक्टर्स क्या करते हैं? दीपिका सिंह ने कहा, ‘वो डिपेंड करता है कि किस सीक्वेंस की शूटिंग होनी है। अगर किसी सीरियस टॉपिक की शूटिंग होनी है तो हम अपने जोन में रहते हैं। लंच भी अलग-अलग ही करते हैं। अपने डायलॉग्स की प्रैक्टिस करते हैं। नॉर्मल शूट वाले दिन हम लोग रिलैक्स रहते हैं। एक-दूसरे के साथ चिल करते हैं। जैसे अभी होली खत्म हुई है। होली वाले सीक्वेंस में हम एक-दूसरे के साथ खूब हंसी-मजाक करते हैं।’
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