Bollywood Holi Party Interesting Facts; Raj Kapoor Amitabh Bachchan | Karan Johar – Deepika Padukone | किन्नरों के साथ होली मनाते थे राज कपूर: मीरा के भजन से बना- रंग बरसे भीगे चुनर वाली; होली से सिनेमा का रिश्ता 92 साल पुराना

14 घंटे पहलेलेखक: ईफत कुरैशी

  • कॉपी लिंक

होली का त्योहार फिल्मी गानों के बिना अधूरा रहा है। रंग बरसे भीगे चुनर वाली…, होली के दिन दिल मिल जाते हैं…., अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना…, ये गाने सालों से होली में चार चांद लगाते रहे हैं, लेकिन असल में होली और सिनेमा का रिश्ता 92 साल पुराना है।

सबसे पहले 1932 की फिल्म गुलरू जरीना में पहली बार होली सॉन्ग होरी मुझे खेलने को टेसू मंगा दे दिखाया गया था। हालांकि, ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों के दौर में होली के असल रंग नहीं दिखे।

इसकी खानापूर्ति महबूब खान की फिल्म आन से हुई, जिसका गाना खेलो रंग हमारे संग जबरदस्त हिट रहा। होली पर बने मशहूर गाने- रंग बरसे और होली खेले रघुवीरा के बनने की भी दिलचस्प कहानी है। कोई गाना मीरा के भजन से बना, तो कोई गाना हरिवंश राय बच्चन की कलम से निकलीं पक्तियों से सालों बाद गाने में तब्दील किया गया।

फिल्मी गानों के अलावा फिल्म इंडस्ट्री की होली पार्टियों का भी जबरदस्त क्रेज था। शोमैन राज कपूर हर साल होली पर बड़ी पार्टी रखते थे, जिसमें तमाम छोटे-बड़े सितारे शिरकत कर रंगों और भांग से समा बांधा करते थे।

आज होली के खास मौके पर पढ़िए फिल्मी दुनिया से होली के रिश्ते, ट्रेंड, गानों और फिल्मी पार्टियों से जुड़े मजेदार फैक्ट्स-

महबूब खान ने पहली बार पर्दे पर दिखाए होली के रंग
साल 1932 की ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म गुलरू जरीना में पहली बार होली गीत होरी मुझे खेलने को टेसू मंगा दे रखा गया था। इस फिल्म को जे.जे.मदन ने डायरेक्ट किया था। गुलरू जरीना के बाद महबूब खान ने 1940 की फिल्म औरत में होली का गाना जमुना तट पर खेलो होली रखा था। फिल्म में सुरेंद्र, सरदार अख्तर और याकूब अहम किरदारों में थे।

आगे उन्होंने रंगीन फिल्म आन (1952) में होली सॉन्ग खेलो रंग हमारे संग रखा था। दिलीप कुमार और निम्मी पर फिल्माया गया ये गाना जबरदस्त हिट रहा और इसे हर होली पर बजाया जाने लगा।

जब महबूब खान ने 1958 में फिल्म मदर इंडिया बनाई, तो उसमें भी उन्होंने होली सॉन्ग होली आई रे कन्हाई रखा था, जो उस जमाने का सबसे मशहूर होली सॉन्ग बना था।

राज कपूर ने शुरू किया ट्रेंड, निधन के बाद RK स्टूडियो में कभी नहीं मनी होली
60 के दशक में हिंदी सिनेमा में राज कपूर पहले ऐसे सेलिब्रिटी थे, जिन्होंने होली सेलिब्रेशन के लिए आरके स्टूडियो में पार्टी रखनी शुरू की। इनकी पार्टी में दो बड़े कंटेनर में पानी भरकर उनमें हर तरह के रंग मिलाए जाते थे। पार्टी में शामिल होने वाले गेस्ट को सबसे पहले इन कंटेनर में डाला जाता था और रंगने के बाद ही वो अंदर पार्टी में शामिल होते थे। इस पार्टी में उस दौर के हर छोटे-बड़े कलाकार को बुलाया जाता था। कई लोग तो इसे भांग एंड फूड फेस्टिवल तक कहते थे। 1988 में राज कपूर के निधन के बाद आरके स्टूडियो में होली पार्टी का जश्न फिर कभी नहीं मनाया गया।

किन्नरों को सुनाते थे अपकमिंग फिल्मों के गाने
राज कपूर अपनी हर होली पार्टी में किन्नरों को बुलाकर उनके साथ होली का जश्न मनाते थे। राज कपूर, किन्नरों पर इतना भरोसा करते थे कि रंग- गुलाल लगाने के बाद वो उन्हें अपनी अपकमिंग फिल्म के गाने बिना झिझक सुना देते थे। जब उनकी तरफ से हरी झंडी मिलती थी, तब ही फिल्म में वो गाना लिया जाता था।

किन्ररों को पसंद न आए तो फिल्म से हटा देते थे गाना
जब राज कपूर ने एक होली पार्टी में किन्नरों को अपनी अपकमिंग फिल्म राम तेरी गंगा मैली के गाने सुनाए तो एक गाना किन्नरों को पसंद नहीं आया। राज कपूर का उन पर ऐसा अटूट विश्वास था कि उन्होंने तुरंत कंपोजर रविंद्र जैन को बुलाकर इसे बदलने को कहा।

उस गाने के रिप्लेसमेंट में ‘सुन साहिबा सुन’ गाना तैयार किया गया। जब फिर किन्नरों को ये गाना सुनाया गया तो जवाब मिला, ये गाना दशकों तक याद रखा जाएगा। हुआ भी ऐसा ही। सुन साहिबा सुन गाना चार्टबस्टर था, जो आज भी लोगों की जुबान पर है। कंपोजर रविंद्र जैन को इस फिल्म के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था।

एक नजर राज कपूर की होली पार्टी की 10 यादगार तस्वीरों पर-

आरके स्टूडियो में हुए होली सेलिब्रेशन के दौरान ली गई ऋषि कपूर के बचपन की तस्वीर।

आरके स्टूडियो में हुए होली सेलिब्रेशन के दौरान ली गई ऋषि कपूर के बचपन की तस्वीर।

आरके स्टूडियो की होली में राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया।

आरके स्टूडियो की होली में राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया।

1988 में राज कपूर के निधन के बाद आरके स्टूडियो में होली पार्टी का जश्न फिर कभी नहीं मनाया गया।

1988 में राज कपूर के निधन के बाद आरके स्टूडियो में होली पार्टी का जश्न फिर कभी नहीं मनाया गया।

अमिताभ बच्चन की होली पार्टी में मेहमानों को दी जाती थी भांग
अमिताभ बच्चन भी अपने बंगले में होली की बड़ी पार्टी दिया करते थे। इनके बंगले में मेहमानों को भांग सर्व की जाती थी। 2004 में बिग बी के बंगले जलसा में हुई पार्टी खूब सुर्खियों में रही थी, क्योंकि यहां शाहरुख खान और राजनेता अमर सिंह के बीच की सालों से चली आ रही लड़ाई गले मिलकर खत्म हुई थी।

प्रतीक्षा बंगले में पत्नी जया बच्चन को गोद में उठाए हुए अमिताभ बच्चन।

प्रतीक्षा बंगले में पत्नी जया बच्चन को गोद में उठाए हुए अमिताभ बच्चन।

अमिताब बच्चन की पार्टी में हुई शरारत के बाद करण जौहर ने कभी नहीं खेली होली
अमिताभ बच्चन की होली पार्टी ही वो वजह है जिसके डर से पॉपुलर फिल्ममेकर करण जौहर आज भी होली से घबराते हैं। दरअसल 10 साल के करण जौहर अपने पिता हीरू जौहर के साथ बिग बी के घर होली पार्टी में गए थे। करण को बचपन से ही रंग लगवाने से नफरत थी। वो पार्टी में ये बात सबको बताने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही अभिषेक बच्चन ने दोस्तों के साथ शरारत करते हुए करण को रंग से भरे पूल में फेंक दिया। इससे करण इतने सहम गए कि उन्होंने जिंदगी में कभी होली नहीं खेली।

बचपन में अर्जुन कपूर के साथ अभिषेक ने की थी मस्ती
अर्जुन कपूर को हमेशा से ही रंग खेलने में कोई खास दिलचस्पी नहीं है। एक कारण ये भी है कि अर्जुन को रंगों से एलर्जी है। एक बार बचपन में अर्जुन कपूर पिता बोनी कपूर के साथ अमिताभ बच्चन की होली पार्टी में पहुंचे थे। इस पार्टी में अभिषेक बच्चन और किरण खेर के बेटे सिकंदर खेर ने उन्हें रंगों से भरे पूल में धक्का दे दिया था। इसके बाद से ही उन्होंने कभी होली नहीं खेली।

अब पढ़िए- होली के सबसे यादगार गानों के बनने की कहानी-

अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन ने लिखे होली के सबसे यादगार गाने
1981 की फिल्म सिलसिला का गाना रंग बरसे आज भी सुना जाता है। इस गाने के बनने की कहानी काफी दिलचस्प है। दरअसल, ये गाना मीरा के भजन रंग बरसे ओ मीरन से बना है। अमिताभ, बचपन में अपने पिता से ये भजन सुना करते थे और अक्सर खुद भी गुनगुनाया करते थे।

एक बार अमिताभ बच्चन राज कपूर की होली पार्टी में शामिल हुए थे। जब अमिताभ ने ये भजन गुनगुनाया तो यश चोपड़ा की इसमें दिलचस्पी बढ़ी। उन्हें ये भजन इतना पसंद आया कि उन्होंने इसे अपनी फिल्म सिलसिला में इस्तेमाल किया। भजन के लिरिक्स को हरिवंशराय बच्चन ने ही गाने में बदला और अमिताभ बच्चन ने इसे आवाज दी। गाने को रेखा और अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया था।

होली खेले रघुवीरा- गाने के बनने की कहानी
ये गाना भी अमिताभ बच्चन ने अपने पिता हरिवंश राय बच्चन से सुना था। जब फिल्म बागबान बन रही थी, तब फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर आदेश श्रीवास्तव ने अमिताभ बच्चन से किसी होली सॉन्ग का सजेशन मांगा। उन्होंने आदेश श्रीवास्तव को पिता का लिखा गाना होली खेले रघुवीरा सुनाया और बात बन गई।

दोनों ने मिलकर एक रात में लिरिसिस्ट समीर के साथ गाने की पूरी लिरिक्स तैयार कर ली और इसे रिकॉर्ड भी किया। गाने को सुखविंदर, अलका याग्निक, उदित नारायण के साथ अमिताभ ने भी अपनी आवाज दी है।

अंग से अंग लगाना गाने में खुशनुमा माहौल दिखाने के लिए सेट पर होती थी असली पार्टी
डर फिल्म का गाना अंग से अंग लगाना शूट करना भी यश चोपड़ा के लिए चैलेंजिंग था। शूटिंग लोनावला में हुई, जिसे साउथ के पॉपुलर कोरियोग्राफर तरुण कुमार ने कोरियोग्राफ किया था। जब यश चोपड़ा ने डांस रिहर्सल देखी तो उन्होंने कोरियोग्राफर से कहा कि स्टेप्स काफी सीरियस हैं। यश के कहने पर स्टेप्स बदल दिए गए।

गाने की शूटिंग देखने के लिए हनी ईरानी, डिंपल कपाड़िया, यश चोपड़ा की पत्नी पामेला और जूही चावला के कुछ रिश्तेदार भी लोनावला पहुंच गए। सेट पर मस्ती भरा माहौल रखने के लिए सब वर्ड पजल खेलते थे और यश सभी लोगों के लिए मजेदार खाना बनवाते थे, जिससे असल में सेट पर पार्टी का माहौल दिखे।

डू मी अ फेवर गाने की शूटिंग के दौरान लोगों ने देखा चमत्कार
फिल्म वक्त का गाना डू मी अ फेवर अपनी तरह का एक शानदार गाना है। होली थीम पर बना ये गाना खूब बजाया गया और पसंद भी किया गया। इस गाने की शूटिंग के दौरान सेट पर मौजूद लोगों ने चमत्कार देखा। दरअसल विपुल शाह चाहते थे कि उन्हें रंग बरसे गाने की टक्कर का कोई गाना मिले।

म्यूजिक डायरेक्टर अनु मलिक से चर्चा की तो 3 महीने में उन्होंने डू मी अ फेवर गाना तैयार कर विपुल को सुनाया। अनु ने इतने बेहतरीन ढंग से डू मी अ फेवर लेट्स प्ले होली कहा कि विपुल ने उन्हें ही गाने को आवाज देने के लिए इंसिस्ट किया। शूटिंग के दौरान विपुल शाह चाहते थे कि बदली में गाना फिल्माया जाए, लेकिन बारिश ना हो। गाने के लिए सेट तैयार करवाया गया था, जिसमें एक विशाल तालाब भी बनवाया गया था।

गाने की शूटिंग शुरू हुई तो बदली छा गई और जब तक शूटिंग चलती रही बदली कायम रही, जो अमूमन होता नहीं है। जैसे ही गाने की शूटिंग पूरी हुई और डायरेक्टर ने पैक-अप कहा- वैसे ही तेज बारिश शुरू हो गई, जिससे पूरा सेट तबाह हो गया।

बलम पिचकारी गाने की शूटिंग के समय हुआ दीपिका के साथ प्रैंक, गाने में हैं रियल एक्सप्रेशन
नए जमाने में बलम पिचकारी होली थीम का सबसे पसंदीदा गाना माना जाता है। इस गाने की शूटिंग के दौरान डायरेक्टर अयान मुखर्जी और रणबीर कपूर ने दीपिका के साथ प्रैंक किया था। सेट पर रंग से भरा एक पूल तैयार किया गया था, जिसके बारे में सिर्फ अयान और रणबीर को ही पता था।

जैसे ही दीपिका और कल्कि सेट पर तैयार होकर पहुंचीं तो दोनों ने उन्हें उठाकर पूल में फेंक दिया। इस समय कैमरा रोलिंग में था। इस प्रैंक से आए रियल एक्सप्रेशन ही गाने में लिए गए थे।

मॉडर्न सिनेमा आते ही बड़े पर्दे से गायब हुआ होली का त्योहार
​​​​​​​
90 के दशक तक फिल्मों में होली खूब दिखाई गई। पहले होली के जश्न के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते थे और होली खेलते थे, जिन्हें पर्दे पर उकेरा जाता था, लेकिन बदलते दौर और मॉडर्नाइजेशन के बीच होली की चहल-पहल कम हो गई, जिससे पर्दे पर भी होली महज खानापूर्ति के लिए दिखाई जाने लगी।



{*Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.}

Source by [author_name]

Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *