Brain Chip Telepathy; Neuralink Patient Twitter (X) Post goes Viral | ब्रेन में न्यूराचिप लगे पेशेंट ने ‘केवल सोचकर’ किया X-पोस्ट: तीन दिन पहले चेस खेल रहा था, जनवरी में मस्क की कंपनी ने लगाई थी चिप


न्यूयॉर्क19 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
न्यूराचिप पेशेंट नोलैंड आर्बॉघ (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

न्यूराचिप पेशेंट नोलैंड आर्बॉघ (फाइल फोटो)

ब्रेन में न्यूराचिप लगे दुनिया के पहले पेशेंट नोलैंड आर्बॉघ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पहली बार कोई पोस्ट किया है। आर्बॉघ ने ‘केवल सोचकर’ यह पोस्ट किया है।

एलन मस्क की स्टार्टअप कंपनी न्यूरालिंक ने इसी साल जनवरी में इस पेशेंट के दिमाग में साइबरनेटिक इंप्लांट के जरिए न्यूरालिंक चिप लगाई थी। करीब 8 साल पहले एक एक्सिडेंट के चलते आर्बॉघ का शरीर​​​​​​ लकवा का शिकार हो गया था।

सोचकर लिखा- ट्विटर ने मुझे एक बॉट समझकर बैन कर दिया था
नोलैंड आर्बॉघ ने अपने पोस्ट में मजाकिया अंदाज में लिखा, ‘ट्विटर ने मुझे एक बॉट समझकर बैन कर दिया था’, लेकिन X और मस्क ने मुझे फिर से परमिशन दी क्योंकि मैं एक बॉट हूं।’

नोलैंड के पोस्ट को कोट करते हुए मस्क ने लिखा, ‘न्यूरलिंक टेलीपैथी डिवाइस की मदद से पहली बार ‘केवल सोच कर’ पोस्ट किया गया!’

तीन दिन पहले ऑनलाइन चेस खेलते हुए वीडियो शेयर किया था
तीन दिन पहले, आर्बॉघ ने ऑनलाइन चेस खेलते हुए एक वीडियो शेयर किया था। तब, उसने कहा था, ‘मैंने वह गेम खेलना छोड़ दिया था, लेकिन अब इसे फिर से खेल पा रहा हूं।’ मस्क ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा ‘न्यूरालिंक ने टेलीपैथी का प्रदर्शन किया’।

आर्बॉघ ने वीडियो गेम और चेस खेलते हुए एक वीडियो शेयर किया था।

आर्बॉघ ने वीडियो गेम और चेस खेलते हुए एक वीडियो शेयर किया था।

पैरालिसिस के मरीज चल-फिर सकेंगे
यह डिवाइस एक छोटे सिक्के के आकार की है, जो ह्यूमन ब्रेन और कंप्यूटर के बीच सीधे कम्युनिकेशन चैनल बनाती है। अभी इसका ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। अगर ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा तो चिप के जरिए दृष्टिहीन लोग देख पाएंगे। पैरालिसिस के मरीज चल-फिर सकेंगे और कंप्यूटर भी चला सकेंगे। कंपनी ने इस चिप का नाम ‘लिंक’ रखा है।

न्यूरालिंक डिवाइस क्या है?

1. फोन को सीधे ब्रेन से जोड़ेगा
न्यूरालिंक ने सिक्के के आकार का एक डिवाइस बनाया है जिसे “लिंक” नाम दिया गया है। ये डिवाइस कंप्यूटर, मोबाइल फोन या किसी अन्य उपकरण को ब्रेन एक्टिविटी (न्यूरल इम्पल्स) से सीधे कंट्रोल करने में सक्षम करता है। उदाहरण के लिए, पैरालिसिस से पीड़ित व्यक्ति मस्तिष्क में चिप के प्रत्यारोपित होने के बाद केवल यह सोचकर माउस का कर्सर मूव कर सकेंगे कि वे इसे कैसे मूव करना चाहते हैं।

2. कॉस्मैटिक रूप से अदृश्य चिप
न्यूरालिंक ने कहा, हम पूरी तरह से इम्प्लांटेबल, कॉस्मैटिक रूप से अदृश्य ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस डिजाइन कर रहे हैं, ताकि आप कहीं भी जाने पर कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस को कंट्रोल कर सकें। माइक्रोन-स्केल थ्रेड्स को ब्रेन के उन क्षेत्रों में डाला जाएगा जो मूवमेंट को कंट्रोल करते हैं। हर एक थ्रेड में कई इलेक्ट्रोड होते हैं जो उन्हें “लिंक” नामक इम्प्लांट से जोड़ते हैं।

3. रोबोटिक प्रणाली डिजाइन की
कंपनी ने बताया कि लिंक पर थ्रेड इतने महीन और लचीले होते हैं कि उन्हें मानव हाथ से नहीं डाला जा सकता। इसके लिए कंपनी ने एक रोबोटिक प्रणाली डिजाइन की है जिससे थ्रेड को मजबूती और कुशलता से इम्प्लांट किया जा सकता है।

इसके साथ ही न्यूरालिंक ऐप भी डिजाइन किया गया है ताकि ब्रेन एक्टिविटी से सीधे अपने कीबोर्ड और माउस को बस इसके बारे में सोच कर कंट्रोल किया जा सके।

डिवाइस को चार्ज करने की भी जरूरत होगी। इसके लिए कॉम्पैक्ट इंडक्टिव चार्जर भी डिजाइन किया गया है जो बैटरी को बाहर से चार्ज करने के लिए वायरलेस तरीके से इम्प्लांट से जुड़ता है।

यह खबर भी पढ़ें…
न्यूरालिंक ने इंसानी दिमाग में चिप लगाई: मस्क बोले- पेशेंट की रिकवरी बेहतर; पैरालिसिस का मरीज चल-फिर सकेगा, दृष्टिहीन देख पाएंगे

टेस्ला के मालिक एलन मस्‍क के स्टार्टअप न्यूरालिंक ने इंसान के दिमाग में सर्जरी के जरिए चिप इम्प्लांट की है। यह डिवाइस एक छोटे सिक्के के आकार की है, जो ह्यूमन ब्रेन और कंप्यूटर के बीच सीधे कम्युनिकेशन चैनल बनाएगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

खबरें और भी हैं…



{*Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.}

Source link

Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *