Russia Presidential Election Violence Photos Update; Vladimir Putin | Ukraine War | रूस में राष्ट्रपति चुनाव, वोटिंग के बीच हिंसा: यूक्रेनी बॉर्डर से सटे शहर में आगजनी; कई पोलिंग बूथ में तोड़फोड़, हिरासत में 8 लोग


मॉस्को9 मिनट पहले

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यूक्रेन बॉर्डर से सटे बेलगोरोड शहर में पुतिन विरोधी लोगों ने कई जगह आगजनी की है। हिंसा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। - Dainik Bhaskar

यूक्रेन बॉर्डर से सटे बेलगोरोड शहर में पुतिन विरोधी लोगों ने कई जगह आगजनी की है। हिंसा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

रूस में राष्ट्रपति पद के चुनाव की वोटिंग के बीच आगजनी और हिंसा हो रही है। यूक्रेन बॉर्डर से सटे बेलगोरोड शहर में पुतिन विरोधी लोगों ने कई जगह आग लगा दी। वहीं, राजधानी मॉस्को में लोगों ने कई पोलिंग बूथ में तोड़फोड़ की। पुलिस ने हिंसा के मामले में अब तक 8 लोगों को हिरासत में लिया है।

रूस में 15 मार्च को राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हुई। पहली बार तीन दिन वोटिंग हो रही है। रूसी नागरिक जो किसी क्रिमिनल केस में जेल की सजा न काट रहा हो, वो 17 मार्च तक वोट कर सकते हैं। वहीं, नतीजे मॉस्को के समय के मुताबिक, 17 मार्च की रात तक जारी हो सकते हैं।

फुटेज साइबेरिया का है। यहां बैलट बॉक्स जलाने की कोशिश की गई।

फुटेज साइबेरिया का है। यहां बैलट बॉक्स जलाने की कोशिश की गई।

महिला ने पोलिंग बूथ में स्याही डाली
न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, सेंट पीटर्सबर्ग में एक लड़की ने स्कूल में बनाए गए पोलिंग बूथ में आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि 20 साल की एक लड़की ने पुतिन के खिलाफ विरोध जताने के लिए आग लगाई। उसे हिरासत में लिया गया है।

वहीं, राजधानी मॉस्को में एक महिला ने बैलट बॉक्स में स्याही डाल दी। मॉस्को के अन्य पोलिंग बूथ को भी आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने ऐसा करने वाली एक अन्य महिला को भी हिरासत में लिया। इधर, स्याही डालने वाली महिला को चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने के मामले में हिरासत में लिया गया।

सेंट पीटर्सबर्ग, मॉस्को के अलावा वोरोनिश, कराचे-चर्केसिया और रोस्तोव शहर से भी लोगों को हिरासत में लिया गया है। साइबेरियाई क्षेत्र खांटी-मानसी में एक महिला ने बैलट बॉक्स जलाने की कोशिश की।

तस्वीर मॉस्को के एक पोलिंग बूथ की है। इसमें महिला बैलट बॉक्स में स्याही डालती नजर आ रही है।

तस्वीर मॉस्को के एक पोलिंग बूथ की है। इसमें महिला बैलट बॉक्स में स्याही डालती नजर आ रही है।

पुतिन ने ऑनलाइन वोट डाला
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने ऑनलाइन वोट डाला। 14 मार्च को रूस के चुनाव आयोग ने कहा था- देश में 11.23 करोड़ मतदाता हैं। इन वो लोग भी शामिल हैं जो रूसी कब्जे वाले यूक्रेनी क्षेत्र के नागरिक भी शामिल हैं। इसके अलावा करीब 19 लाख वोटर देश से बाहर रहते हैं। इस बार रूस में ऑनलाइन वोटिंग की भी सुविधा रहेगी। यह सुविधा रूस के 27 क्षेत्रों और क्रीमिया में होगी। क्रीमिया यूक्रेन का वही क्षेत्र है, जिस पर रूस ने साल 2014 में कब्जा कर लिया था।

पुतिन ने राष्ट्रपति भवन- क्रेमलिन में अपने ऑफिस के कंप्यूटर से वोट किया।

पुतिन ने राष्ट्रपति भवन- क्रेमलिन में अपने ऑफिस के कंप्यूटर से वोट किया।

रूसी कब्जे वाले यूक्रेनी शहरों में भी वोटिंग
रूस के अलावा यूक्रेन के डोनेट्स्क, लुहांस्क, जपोरीजिया और खेरसॉन जैसे क्षेत्रों में वोटिंग हो रही है। ये वही जगहे हैं, जहां 2022 में यूक्रेन के खिलाफ जंग की शुरुआत के बाद रूस ने कब्जा कर लिया था। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये क्षेत्र पूरी तरह से रूस के कंट्रोल में नहीं हैं। यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने यहां मतदान कराने की निंदा की है। कुछ क्षेत्रों में शुरुआती वोटिंग पहले से ही शुरू हो चुकी है।

पुतिन का छठी बार राष्ट्रपति बनना तय
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, चुनाव से पहले ही पुतिन को फिर से राष्ट्रपति बनना तय माना जा रहा है। दरअसल, पुतिन पिछले 24 साल से रूसी की सत्ता पर काबिज हैं। पुतिन के ज्यादातर विरोधी इस वक्त या तो जेल में है या फिर चुनाव आयोग ने उन्हें इलेक्शन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है।

तस्वीर पुतिन के सबसे बड़े विरोधी एलेक्सी नवलनी की है। चुनाव से 1 महीने पहले यानी 16 फरवरी को नवलनी की संदिग्ध मौत हो गई थी।

तस्वीर पुतिन के सबसे बड़े विरोधी एलेक्सी नवलनी की है। चुनाव से 1 महीने पहले यानी 16 फरवरी को नवलनी की संदिग्ध मौत हो गई थी।

2036 तक रूस के राष्ट्रपति रह सकते हैं पुतिन
इसके अलावा पुतिन ने साल 2021 में ऐसा कानून बनाया था जिसके तहत वो 2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। दरअसल, साल 2018 के चुनावों तक रूस में कोई भी राष्ट्रपति लगातार 2 कार्यकाल से ज्यादा समय तक राष्ट्रपति नहीं रह सकता था। इसी वजह से साल 2000 से 2008 तक राष्ट्रपति रहने के बाद पुतिन ने 2008 में राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ा था।

इसके बाद वो 2012 में फिर से रूस की सत्ता में लौटे थे। हालांकि, 2008-12 तक पुतिन रूस के प्रधानमंत्री थे। नए कानून के मुताबिक लगातार 2 बार राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा करने के बाद भी पुतिन चुनाव लड़ सकते हैं।

पुतिन के अलावा चुनाव में 3 और उम्मीदवार
रूस के चुनाव आयोग के दस्तावेजों में पुतिन निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनके अलावा बैलट पेपर पर कम्यूनिस्ट पार्टी के निकोलई खरितोनोव, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के लियोनिड स्लट्स्की और न्यू पीपुल पार्टी के व्लादीस्लाव दावानकोव का नाम है।

तीनों ही राजनीतिक दलों को क्रेमलिन-समर्थित पार्टी माना जाता है। ये पुतिन की नीतियों और यूक्रेन के खिलाफ जंग के समर्थक हैं। लियोनिड अमेरिका विरोधी हैं और इन पर यौन शोषण के आरोप हैं। वहीं व्लादीस्लाव ने अपनी पार्टी का गठन 2020 में ही किया है, और यह उनका पहला चुनाव है। 2018 के चुनाव में पुतिन को 76.7% वोट मिले थे, जबकि कम्युनिस्ट पार्टी को 11.8% वोट हासिल हुए थे।

कैसा है रूस का पॉलिटिकल सिस्टम
रूस की संसद जिसे फेडरल असेंबली कहते हैं, इसके भी भारत की तरह 2 हिस्से हैं। ऊपरी सदन को काउंसिल ऑफ फेडरेशन कहा जाता है और निचला सदन स्टेट डुमा। रूस में राष्ट्रपति का पद सबसे पावरफुल होता है।

भारत में प्रधानमंत्री का जो रोल है रूस में वो पावर राष्ट्रपति के पास होती है। पावर के नाम पर दूसरा नंबर आता है प्रधानमंत्री का, तीसरा सबसे शक्तिशाली शख्स होता है फेडरल काउंसिल (ऊपरी सदन) का अध्यक्ष।

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