इस्लामाबादकुछ ही क्षण पहले
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आसिफ अली जरदारी दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। वो 2008 में भी पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने थे।
पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक और उनकी पार्टी PTI के कार्यकर्ता आज दोपहर पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन चुनाव में हुई धांधली को लेकर किया जा रहा है।
पाकिस्तानी मीडिया ‘द डॉन’ के मुताबिक, PTI 8 फरवरी को हुए चुनाव के बाद से आरोप लगा रही है कि उनका जनादेश चोरी हुआ है और चुनाव में धांधली हुई है। इसके विरोध में खान समर्थक और PTI कार्यकर्ता लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
आज होने वाला प्रदर्शन ऐसे समय होना है जब आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं। जरदारी आज शाम 4 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ लेगें। पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा उन्हें शपथ दिलाएंगे।
इधर, खान समर्थकों का कहना है कि पाकिस्तान की आवाम कभी भी भ्रष्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को स्वीकार नहीं करेगी।
तस्वीर 9 फरवरी की है। इस्लामाबाद में PTI के कार्यकर्ताओं ने चुनाव में धांधली के खिलाफ प्रदर्शन किया था। उस दिन पाकिस्तान के 19 शहरों में प्रदर्शन हुए थे।
चीन ने बधाई दी
9 मार्च को पाकिस्तान में राष्ट्रपति पद के चुनाव हुए। इसमें आसिफ अली जरदारी ने जीत हासिल की है। वो पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति चुने गए। चीन ने उन्हें बधाई दी है।
जरदारी ने इमरान खान के कैंडिडेट महमूद खान अचकजई को 230 वोटों से हराया। उन्हें 411 वोट मिले, जबकि अचकजई सिर्फ 118 वोट हासिल कर पाए। वहीं, राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करते हुए पाकिस्तान नेशनल असेंबली के कुछ सदस्यों ने इमरान खान जिंदाबाद के नारे लगाए थे।
इमरान खान के समर्थन में संसद में नारेबाजी करते PTI समर्थक सांसद फैजल जावेद।
दूसरी बार राष्ट्रपति बने जरदारी
आसिफ अली जरदारी दूसरी बार पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति चुने गए हैं। वो देश की पहली महिला प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टों के पति और PPP चेयरमैन बिलावल भुट्टो के पिता हैं। जरदारी को पाकिस्तान में मिस्टर 10% कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वे बेनजीर की सरकार के दौरान किसी भी प्रोजेक्ट की शुरुआत या सरकार से लोन की इजाजत दिलवाने के बदले 10% के कमीशन की मांग करते थे।
भ्रष्टाचार, बैंक फ्रॉड, किडनैपिंग और हत्या के आरोपों में जरदारी ने करीब साढ़े 8 साल जेल की सजा काटी है। बेनजीर ने अपनी राजनीतिक वसीयत में जरदारी को पार्टी नेता के रूप में अपना उत्तराधिकारी नामित किया था।
2007 में भुट्टो की हत्या के बाद नवाज की पार्टी PML-N के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और जनरल परवेज मुशर्रफ को सत्ता से बेदखल कर दिया था। इसके बाद 6 सितंबर 2008 को जरदारी पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने थे।
1988 से जरदारी पर घोटाले के आरोप लगे
1988 में एक प्लेन क्रैश में पाकिस्तान के तत्कालीन तानाशाह जनरल जिया-उल-हक की मौत हो गई। इसके बाद बेनजीर की पार्टी ने आम चुनावों में जीत हासिल की और भुट्टो देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। जरदारी ज्यादातर बेनजीर सरकार से दूर ही रहते थे। हालांकि, इस दौरान सरकार से जुड़े कई मामलों में जरदारी पर घोटाले के आरोप लगने लगे।
1990 में भुट्टो की सरकार गिर गई। मीडिया रिपोर्ट्स में जरदारी को इसकी एक अहम वजह बताया गया। सरकार गिरने के बाद बेनजीर-जरदारी के देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी गई। इसके बाद पाकिस्तान के केयरटेकर PM बने गुलाम मुस्तफा जटोई ने जरदारी पर भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई शुरू कर दी।
जटोई ने जरदारी पर आरोप लगाया कि वो अपनी पत्नी के प्रधानमंत्री होने का फायदा उठाते थे। वे किसी भी प्रोजेक्ट की शुरुआत या सरकार से लोन की इजाजत दिलवाने के बदलने 10% के कमीशन की मांग करते थे। यहीं से जरदारी को मिस्टर 10% कहा जाने लगा।
इसके बाद जरदारी के ऊपर भ्रष्टाचार, किडनैपिंग, बैंक फ्रॉड और हत्या की साजिश जैसे कई आरोप लगे। उन्हें 1997 से 2004 तक जेल में रखा गया। नवंबर 2004 में जमानत दे दी गई। हालांकि, हत्या के मुकदमे की सुनवाई में शामिल न होने के बाद उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। बेनजीर और जरदारी को एक स्विस कंपनी से जुड़े मामले में रिश्वत लेने का दोषी ठहराया गया। भुट्टो परिवार ने हमेशा इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया।
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