काहिरा/दोहा4 मिनट पहले
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हमास की मांग है कि सबसे पहले गाजा के बेघर हुए लोगों के हिफाजत से लौटने की गारंटी दी जाए। (फाइल)
इजराइल और हमास के बीच सीजफायर के लिए चल रही बातचीत बिना किसी फैसले के खत्म हो गई है। यह बातचीत इजिप्ट की राजधानी काहिरा में चल रही थी। अमेरिका, इजिप्ट, कतर, इजराइल और हमास किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके। सिर्फ एक अच्छी खबर है कि सभी पक्ष अगले हफ्ते बातचीत पर सहमत हो गए हैं।
ज्यादातर पक्ष चाहते थे कि रमजान के पहले सीजफायर हो जाए, लेकिन कुछ बातों पर सहमति नहीं बन सकी। हमास के प्रवक्ता ने माना है कि बातचीत जारी रहेगी, लेकिन इसके लिए तारीख तय नहीं है।
इजराइली सरकार पर बंधकों की रिहाई को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है। तेल अवीव में आए दिन सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। (फाइल)
हमास की वजह से अटकी बात
- इजिप्ट के एक अफसर ने ‘अरब न्यूज’ से कहा- हमास ये तो चाहता है कि रमजान के पहले सीजफायर का ऐलान हो, लेकिन उसकी शर्तें अजीब हैं। फिर भी सुकून इस बात का है कि ये बातचीत अगले हफ्ते जारी रहेगी। हो सकता है रविवार से हम एक बार फिर इस मसले पर विचार करें।
- दूसरी तरफ, हमास के स्पोक्सपर्सन जिहाद ताहा ने कहा- सीजफायर के बारे में हम कोई गारंटी नहीं दे सकते। जो लोग बेघर हुए हैं, उन्हें पूरी हिफाजत के साथ घर लौटने की गारंटी मिलनी चाहिए। अगले हफ्ते बातचीत शुरू होगी तो कुछ मुद्दों पर तस्वीर साफ हो जाएगी।
- इजिप्ट के अफसरों का दावा है कि हमास परमानेंट सीजफायर चाहता है, जबकि बाकी पक्ष चाहते हैं कि 6 हफ्ते का सीजफायर हो और इसके लिए फेज तय किए जाएं। इसके अलावा पहले पहले फेज में वो 40 बंधकों को रिहा करने के मामले में भी खुलकर कोई भरोसा नहीं दिला रहा है।
- ‘अरब न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक- इजराइल चाहता है कि हमास एक बार में सभी 134 बंधक रिहा करे। दूसरी तरफ, इजराइल 40 से ज्यादा होस्टेज रिहा नहीं करना चाहता। इसके अलावा वो इजराइल की जेलों में कैद खूंखार आतंकियों की रिहाई चाहता है। इजराइल को ये नामंजूर है।
- हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइली सीमा के करीब बसे शहरों पर हमला किया था। इसमें 1200 लोग मारे गए थे। 253 को बंधक बना लिया था। नवंबर 2023 में इनमें से 110 को छोड़ दिया गया था। बाकी अब भी हमास के कब्जे में हैं।
हमास ने सीजफायर प्रपोजल के लिए जो ड्राफ्ट तैयार किया है, उसमें एक मांग यह भी है कि गाजा में फूड और मेडिसिन समेत तमाम सप्लाई बहाल की जाएंगी। (फाइल)
इजराइल को क्या शक
- बुधवार को ‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ की रिपोर्ट में कहा गया था- इजराइली अफसरों को शक है कि बंधकों की रिहाई को लेकर हमास इसलिए टालमटोल कर रहा है, क्योंकि इनमें से शायद अब कुछ जिंदा नहीं हैं। इसके अलावा महिला बंधकों को लेकर अलग-अलग आशंकाएं हैं।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर गाजा और इजराइल में अमन बहाली करनी है तो ‘स्टेप बाय स्टेप’ बढ़ना होगा। हमास ने पिछले हफ्ते कतर और इजिप्ट के अलावा अमेरिका को नया सीजफायर प्लान भेजा था। न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के पास इस ड्राफ्ट की कॉपी मौजूद है।
- ड्राफ्ट में हमास ने कहा- सीजफायर तीन फेज में होना चाहिए। हर फेज में 45 दिन जंग बंद रखनी होगी। इस दौरान इजराइल अपनी कैद में मौजूद लोगों (हमास आतंकियों समेत) को छोड़ेगा। इसके बाद हमास सभी बंधकों को रिहा करेगा। इसी दौरान गाजा का री-कन्सट्रक्शन शुरू होगा। इजराइली सेना गाजा से पूरी तरह वापसी करेगी।
- अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन कतर और इजिप्ट में मीडिएटर्स से बातचीत के बाद इजराइल पहुंच चुके हैं। माना जा रहा है जंग शुरू होने के बाद सीजफायर की यह गंभीर और सीरियस कोशिश है। इसका मकसद है कि सीजफायर के बाद दोबारा जंग शुरू नहीं होना चाहिए, जैसा पिछले साल नवंबर में सात दिन के सीजफायर के बाद हुआ था।
तस्वीर 2016 की है। तब कतर के अमीर हमाद अल थानी ने दोहा में हमास के दो नेताओं इस्माइल हानिया (दाएं) और खालिद मशाल से मुलाकात की थी। (फाइल)
हमास का प्रपोजल
- हमास के ड्राफ्ट के मुताबिक- पहले फेज में 45 दिन का सीजफायर होगा। इस दौरान हमास की कैद में मौजूद सभी महिलाएं और 19 साल से कम उम्र के पुरुष रिहा किए जाएंगे। इसके बदले इजराइल फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों को रिहा करेगा। दूसरे फेज और तीसरे फेज में बाकी कैदियों की अदलाबदली होगी। तीसरा फेज खत्म होने के पहले दोनों पक्ष यानी इजराइल और हमास जंग के खात्मे को लेकर समझौता करेंगे।
- हमास का कहना है कि उसे 1500 फिलिस्तीनियों की रिहाई की उम्मीद है। इनमें से करीब 600 महिलाएं हैं। इनमें से कुछ फिलिस्तीनी कैदी ऐसे हैं जिन्हें इजराइली अदालतों ने सजा-ए-मौत सुनाई है।
- हमास के ड्राफ्ट में कहा गया है कि सीजफायर के दौरान गाजा में फूड, मेडिसन और बाकी जरूरी चीजों की सप्लाई तेज की जाएगी। हमास का दावा है कि इजराइली हमलों में गाजा में अब तक 31 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं।
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