ELSS Mutual Fund Investment Explained; Interest Rate, Return And Tax Saving | बेहतर रिटर्न और टैक्स-छूट के लिए ELSS में करें निवेश: 1 साल में मिला 59% तक का रिटर्न, 3 साल के लिए ब्लॉक रहता है पैसा


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नई दिल्ली53 मिनट पहले

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वित्त वर्ष 2023-24 का आखिरी महीना शुरू हो चुका है और इसको खत्म होने में महज 24 दिन का समय बचा है। ऐसे में अगर आपने अभी तक टैक्स सेविंग्स प्लानिंग नहीं की है तो अभी भी इसके लिए निवेश कर सकते हैं। अगर आप टैक्स बचाने के साथ निवेश पर अच्छा रिटर्न चाहते हैं तो इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम यानी ELSS म्यूचुअल फंड में निवेश करने का ऑप्शन चूज कर सकते हैं।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, ELSS कैटेगिरी के म्यूचुअल फंड ने एक साल में 58.98% तक का रिटर्न दिया है। आइए अब सबसे पहले ELSS फंड के बारे में जानते हैं और उसके बाद एक साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले टॉप-10 ELSS म्यूचुअल फंड के बारे में भी जानते हैं।

ELSS म्यूचुअल फंड क्या होता है?
ELSS यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्‍स स्‍कीम ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनमें 3 साल के लिए इन्वेस्टर्स का पैसा ब्लॉक हो जाता है। म्‍यूचुअल फंड की इस कैटेगरी में IT एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपए तक निवेश पर टैक्स छूट मिलती है। हालांकि, शेयर मार्केट लिंक्ड होने के चलते इसमें FD या NSC जैसी स्माल सेविंग्स की तुलना में इसमें ज्यादा जोखिम होता है।

अन्य टैक्स सेविंग स्कीम के मुकाबले इसमें कम लॉक-इन पीरियड
टैक्स सेविंग FD, पब्लिक प्रोविडेंट फंड सहित अन्य टैक्स सेविंग स्कीम के मुकाबले ELSS म्यूचुअल फंड में लॉक-इन पीरियड काफी कम होता है। जहां टैक्स सेविंग FD में इन्वेस्टर्स का पैसा 5 साल और पब्लिक प्रोविडेंट फंड में 15 साल तक लॉक रहता है। वहीं, ELSS म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टर्स का पैसा 3 साल तक ब्लॉक रहता है।

हालांकि, पैसा ब्लॉक रहने का एक बड़ा फायदा यह है कि लंबी अवधि तक अनुशासित रहकर निवेश को बढ़ावा मिलता है। यही आगे आपकी वेल्थ क्रिएशन में मदद कर सकता है। 3 साल का लॉक-इन खत्‍म होने का मतलब यह नहीं है कि आपको फंड से बाहर निकलना जरूरी होगा, आप इसे आगे तक एक्सटेंड कर सकते हैं।

बेंचमार्क क्या है?
बेंचमार्क आम तौर पर भारतीय शेयर बाजार के BSE सेंसेक्स और निफ्टी जैसे मार्केट सूचकांक होते हैं, जिसके साथ म्यूचुअल फंड के रिटर्न को कंपेयर किया जाता है।

इसको एक एग्जांपल से समझते हैं…
अगर आपके किसी खास म्यूचुअल फंड ने किसी खास समय के दौरान 59% का रिटर्न दिया है। वहीं, इस दौरान उसके बेंचमार्क ने 70% रिटर्न दिया है तो इससे यह पता चलता है कि उस फंड ने बेंचमार्क की तुलना में कम रिटर्न दिया है। बेंचमार्क की तुलना में जो म्यूचुअल फंड जितना ज्यादा रिटर्न देता है उसका परफॉर्मेंस उतना बेहतर माना जाता है।

लंबे समय में SIP के जरिए निवेश करने पर ज्यादा फायदा
अन्य इक्विटी फंड की तहर इस कैटेगरी के फंड में भी निवेश लंबे समय में ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। इसकी वजह यह है इक्विटी फंड में लंबे समय तक SIP करने से शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का जोखिम कम हो जाता है। शेयर बाजार के निचले स्तर और ऊंचे स्तर का एक औसत रिटर्न बनता है और साथ ही कम्पाउंडिंग का फायदा भी मिलता है।

क्या SIP निवेश का सबसे अच्छा तरीका है?
शायद इसे निवेश का सबसे अच्छा तरीका कहना तो उचित नहीं होगा लेकिन यह नियमित आय वाले लोगों के लिए निवेश का अच्छा तरीका जरूर हो सकता है जैसे वेतनभोगी और कारोबारी जिनकी हर महीने एक निश्चित आय तय है। SIP से निवेश जेब पर भारी नहीं पड़ता और छोटी- छोटी राशि लगातार निवेश करने से लम्बे समय में एक अच्छी खासी रकम जुटाई जा सकती है।

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