13 मिनट पहले
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तस्वीर यूक्रेन जंग में मारे गए 30 साल के भारतीय नागरिक मोहम्मद अफसान की है।
रूस-यूक्रेन जंग में लड़ने के लिए धोखे से रूसी सेना में भर्ती किए गए एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई है। 30 साल का मोहम्मद असफान हैदराबाद का रहने वाला था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, असफान के परिजनों ने AIMIM नेता और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी से संपर्क कर उसे घर वापस लाने में मदद की मांग की थी।
हालांकि, जब AIMIM ने मॉस्को में भारतीय दूतावास से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि असफान की मौत हो गई है। उसकी पत्नी और 2 बच्चे हैदराबाद में ही रहते हैं। हालांकि अब तक इस मामले की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है।
23 फरवरी को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा था- कुछ भारतीयों ने रूसी आर्मी में हेल्पर की नौकरी के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। बाद में इन्हें जंग लड़ने भेज दिया गया। विदेश मंत्रालय ने कहा था- भारतीयों को वापस लाने की कोशिश की जा रही है। इस बीच हम सभी भारतीयों से अपील करते हैं कि वो पूरी सतर्कता बरतते हुए जंग से दूर रहें।
तस्वीर यूक्रेन में मारे गए हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया की है। (क्रेडिट- टाइम्स ऑफ इंडिया)
यूक्रेन जंग में गुजरात के युवक की भी मौत
कुछ ही दिन पहले गुजरात के सूरत में रहने वाले हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया की यूक्रेन में मौत हुई। हेमिल को रूसी कंपनी में नौकरी जॉइन कराई गई थी। बाद में कंपनी ने उसे जंग लड़ने के लिए भेज दिया था। हेमिल को धोखे से वैगनर आर्मी जॉइन करा दी गई थी। मरने से कुछ घंटे पहले हेमिल ने घरवालों से करीब 2 घंटे बात की थी।
5 मार्च को रूस में धोखे से ले जाए गए भारतीयों से जुड़ी एक रिपोर्ट सामने आई थी। इसके मुताबिक रूस में फंसे इन भारतीयों ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भारत लौटने में मदद करने की अपील की थी। पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले 7 लोगों ने इससे जुड़ा एक वीडियो जारी किया था।
वीडियो में दिख रहे 7 लोग पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले हैं। इन्होंने दावा किया कि रूस सभी को जबरदस्ती यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए भेज रहा है।
एजेंट ने रूस के हाईवे पर छोड़ा, पुलिस ने पकड़कर आर्मी को सौंपा
105 सेकेंड के वीडियो में 7 लोग एक गंदे कमरे में खड़े हैं। उनमें से गगनदीप सिंह नाम का व्यक्ति पूरा मामला बता रहा है। बाकी 6 कोने में छिपे हुए हैं। गगनदीप बताता है कि वे नए साल में रूस घूमने आए थे। एक एजेंट ने उन्हें कई जगहों पर घुमाया। इसके बाद एजेंट ने कहा कि वो बेलारूस ले जाएगा।
उन लोगों को नहीं पता था कि बेलारूस घूमने के लिए वीजा लगता है। इसके बाद एजेंट पैसा मांगने लगा। सभी लोगों ने जितने पैसे थे, एजेंट को दे दिए। इसके बाद बाकी पैसे न देने पर एजेंट ने उन भारतीयों को हाईवे पर छोड़ दिया, जहां उन्हें पुलिस ने पकड़कर रूस की आर्मी को दे दिया।
रूस की आर्मी ने धमकी दी कि सभी लोग जॉब करने को लेकर एक कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लें, नहीं तो उन्हें 10 साल की सजा होगी। इसके बाद आर्मी ने सभी से हस्ताक्षर करवा कर ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी। तब जाकर भारतीयों को पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है।
तस्वीर में रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूसी आर्मी में फंसे भारतीयों की है। इनकी पहचान छिपाने के लिए चेहरा ब्लर किया गया है। (क्रेडिट- द हिंदू)
एजेंट्स ने नौकरी के बदले 3 लाख सैलरी का लालच दिया
22 फरवरी को टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पहली बार भारतीयों को धोखा देकर यूक्रेन जंग में भेजने की बात सामने आई थी। इसके बाद 29 फरवरी को विदेश मंत्रालय ने बताया था कि रूस में फिलहाल 20 भारतीय नागरिक फंसे हैं और इन्हें निकालने की कोशिश जारी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ित पहली बार नवंबर 2023 में एजेंट्स से मिले थे। एजेंट्स ने हेल्पर की नौकरी के लिए लाखों की सैलरी बताई थी। इसके बाद दिसंबर 2023 में भारतीयों को विजिटर वीजा पर रूस ले जाया गया। सभी ने चेन्नई एयरपोर्ट से उड़ान भरी।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये भारतीय दुबई में नौकरी करते थे। उनकी सैलरी 30-40 हजार रुपए थी। एजेंट्स ने 2 लाख की सैलरी वाली नौकरी का झांसा दिया था। एक परिजन ने बताया कि नौकरी दिलाने के नाम पर एजेंट्स ने भारतीयों से 3 लाख रुपए भी लिए।
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