Russian activist Oleg Orlov gets 2.5 years in jail for criticising Ukraine war | नोबेल प्राइस जीतने वाले रूसी संगठन के चेयरमैन को सजा: सेना का अपमान किया था; जंग की शुरूआत के बाद लाए गए कानून के तहत जेल हुई


20 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
तस्वीर 70 साल के रूसी एक्टिविस्ट और  मेमोरियल संगठन के चेयरमैन ओलेग ओर्लोव की है। - Dainik Bhaskar

तस्वीर 70 साल के रूसी एक्टिविस्ट और मेमोरियल संगठन के चेयरमैन ओलेग ओर्लोव की है।

रूस ने एक्टिविस्ट ओलेग ओर्लोव को ढाई साल की सजा सुनाई है। उन पर रूसी सेना के अपमान और रूस-यूक्रेन जंग की आलोचना करने के आरोप थे। उनका कहना था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जंग के जरिए रूस को फासीवाद की ओर ले जा रहे हैं।

ओलेग ओर्लोव मेमोरियल संगठन के चेयरमैन हैं। इस संगठन को 2022 में नोबेल पीस प्राइस मिला था। मेमोरियल ने यह प्राइस यूक्रेन के ऑर्गेनाइजेशन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज के साथ शेयर किया था। कोर्ट के फैसले के बाद ओलेग के हाथों में हथकड़ियां लगाई गईं और उन्हें जेल ले जाया गया।

ओलेग ने एक आर्टिकल लिखा था। इस लेख का टाइटल था- ‘वो फासीवाद चाहते हैं। ये उन्हें मिल रहा है।’ सजा सुनाए जाने के बाद ओलेग ने कहा- कोर्ट के फैसले से पता चलाता कि मेरा लेख सटीक और सच्चा था।

पुलिसकर्मियों से घिरे ओलेग ओर्लोव की यह तस्वीर सुनावई से पहले की है।

पुलिसकर्मियों से घिरे ओलेग ओर्लोव की यह तस्वीर सुनावई से पहले की है।

2021 में संगठन पर बैन लगा था
1989 में स्थापित मेमोरियल ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बचाव किया है। संगठन के पास सोवियत नेता जोसेफ स्टालिन के समय से लेकर अब तक हुए मानवाधिकारों के हनन से जुड़े सभी मामलों की जानकारी है। 2021 में रूसी सरकार ने संगठन को ‘विदेशी एजेंट’ कहते हुए इस पर बैन लगा दिया था।

अमेरिका ने निंदा की
सुनवाई के दौरान ओलेग के समर्थक और 18 पश्चिमी डिप्लोमैट्स कोर्ट रूम में मौजूद रहे। सभी ने फैसले की निंदा की। अमेरिकी सरकार ने भी एक्टिविस्ट को सजा सुनाए जाने का विरोध किया है।
ओलेग पर यूक्रेन जंग की शुरुआत के तुरंत बाद पारित कानूनों के तहत आरोप लगाया गया था। इस कानून में रूसी सेना को बदनाम करने या उनके बारे में गलत जानकारी फैलाने के दोषी पाए जाने वालों के लिए जेल की सजा निर्धारित की गई है।

रूस-यूक्रेन जंग 24 फरवरी 2022 को शुरू हुई। जंग से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।

रूस-यूक्रेन जंग 24 फरवरी 2022 को शुरू हुई। जंग से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।

जंग का विरोध, रूसी सेना या पुतिन का अपमान करने पर सजा से जुड़े मामले…

1. यूक्रेन को 4 हजार रुपए दान करने वाली डांसर गिरफ्तार
यह पहली बार नहीं है जब रूस में जंग का विरोध करने पर किसी को सजा सुनाई गई हो। इसके पहले 21 फरवरी को रूसी पुलिस ने एक अमेरिकी-रूसी महिला को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी किया था। रूस का आरोप है कि 33 साल की केन्सिया करेलिना ने करीब 4 हजार रुपए (51 डॉलर) यूक्रेन को दान में दिए। ये दान रूस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए किया गया।

गिरफ्तारी के बाद केन्सिया को कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान उसके आंखों पर पट्टी और हाथों में हथकड़ियां थीं। रूसी की फेडरल सिक्योरिटी सर्विस का कहना था कि 24 फरवरी 2022 को शुरू हुई रूस-यूक्रेन जंग के बीच केन्सिया लगातार यूक्रेनी सेना के लिए फंड जुटा रही है। इस फंड का इस्तेमाल यूक्रेन सैनिकों के इलाज और गोला-बारूद खरीदने में करते हैं।

केन्सिया की यह तस्वीर कोर्ट में पेशी के दौरान की है। उसे आंखों पर पट्टी बांधकर कोर्ट ले जाया गया था।

केन्सिया की यह तस्वीर कोर्ट में पेशी के दौरान की है। उसे आंखों पर पट्टी बांधकर कोर्ट ले जाया गया था।

2. 19 साल की लड़की को आतंकी घोषित किया था
जनवरी 2023 में रूस ने एक 19 साल की लड़की को आतंकी घोषित कर उसका नाम आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल कर दिया था। उसे घर में नजरबंद भी कर दिया था। ओलेसा क्रिवत्सोवा ने अक्टूबर 2022 में यूक्रेन जंग को लेकर रूस का विरोध किया था।​​​​​​​

रूसी पुलिस ने ओलेसा क्रिवत्सोवा के पैर पर ट्रैकिंग डिवाइस लगा दिया था। इसके बाद ओलेसा ने अपने पैर पर एक स्पाइडर का टैटू बनवाया। इस स्पाइडर की बॉडी को पुतिन के चेहरे से रिप्लेस कर दिया था।

रूसी पुलिस ने ओलेसा क्रिवत्सोवा के पैर पर ट्रैकिंग डिवाइस लगा दिया था। इसके बाद ओलेसा ने अपने पैर पर एक स्पाइडर का टैटू बनवाया। इस स्पाइडर की बॉडी को पुतिन के चेहरे से रिप्लेस कर दिया था।

3. जंग में सैनिकों की भर्ती का विरोध करने वाले एक्टिविस्ट को जेल
17 जनवरी 2024 को ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट अल्सिनोव को जेल की सजा सुनाई। उसने पिछले साल रूस-यूक्रेन जंग के लिए बश्कोर्तोस्तान शहर के लोगों की सेना में भर्ती का विरोध किया था। 2023 से अब तक 63 लोगों को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इसमें से 37 लोग दोषी पाए गए हैं।

फुटेज रूसी क्षेत्र बश्कोर्तोस्तान के बेमक शहर का है। इसमें एक्टिविस्ट को सजा सुनाए जाने से नाराज प्रदर्शनकारी पुलिस पर बर्फ के गोले फेंकते नजर आ रहे हैं।

फुटेज रूसी क्षेत्र बश्कोर्तोस्तान के बेमक शहर का है। इसमें एक्टिविस्ट को सजा सुनाए जाने से नाराज प्रदर्शनकारी पुलिस पर बर्फ के गोले फेंकते नजर आ रहे हैं।

4. 40 परिवारों को देश छोड़ना पड़ा था​​​​​​​
2022 में यूक्रेन पर हमले के विरोध में अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े होने वाले 40 रूसी परिवारों को देश छोड़ना पड़ा था। इनमें से एक थीं मॉस्को की मैथ टीचर इरिना जोलकिना। उन्होंने युद्ध विरोधी प्रदर्शन में भाग लिया था। नतीजा ये हुआ कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया। कुछ घंटे बाद उसे छोड़ा गया, लेकिन इतना डरा दिया गया कि उसने अपने चार बच्चों और बेटी के बॉयफ्रेंड के साथ रूस ही छोड़ दिया।

यह खबर भी पढ़ें…

पुतिन ने रूस में युद्ध को ‘NO’ कहने वाले मासूमों को लॉक-अप में बंद किया, जंग का कर रहे थे विरोध

7 से 11 साल की उम्र से बच्चे रूस-यूक्रेन युद्ध का विरोध करने के लिए अपनी मां के साथ मॉस्को में युक्रेन दूतावास के बाहर पहुंचे थे। नन्हें-नन्हें हाथों में ‘नो टू वॉर’ के बैनर लिए यह बच्चे पुतिन सरकार को बिलकुल भी हजम नहीं हुए और इन्हें रूस पुलिस अपनी वैन में बिठाकर पुलिस स्टेशन ले गई। पढ़ें पूरी खबर…



Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.

Source link

Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *