Nawaz Sharif, Bilawal Bhutto’s Parties Strike Deal On Pak Coalition Government | पाकिस्तान में नवाज-बिलावल की गठबंधन सरकार होगी: शाहबाज प्रधानमंत्री होंगे, आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति पद संभालेंगे


18 मिनट पहले

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बिलावल की पार्टी PPP और नवाज की पार्टी PML-N ने मंगलवार देर रात बैठक में सरकार बनाने पर सहमति जताई। - Dainik Bhaskar

बिलावल की पार्टी PPP और नवाज की पार्टी PML-N ने मंगलवार देर रात बैठक में सरकार बनाने पर सहमति जताई।

पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए नवाज की पार्टी PML-N और बिलावल की पार्टी PPP गठबंधन को तैयार हो गई हैं। मंगलवार देर रात दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की शर्तों पर सहमति बनी।

बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा- एक बार फिर शाहबाज शरीफ प्रधानमंत्री होंगे। आसिफ अली जरदारी प्रेसिडेंट पद संभालेंगे। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) समर्थित उम्मीदवार और सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (SIC) केंद्र में सरकार बनाने के लिए संसद में बहुमत हासिल नहीं कर सके। PPP और PML-N को सरकार बनाने के लिए बहुमत मिल गई है। अब हम सरकार बनाने बना सकते हैं।

पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव हुए थे। किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत (134 सीट) नहीं मिला, इसलिए नतीजे आने के 12 दिन बीत जाने के बाद भी पाकिस्तान में किसी की सरकार नहीं बन सकी है।

तस्वीर में- शाहबाद शरीफ (बाएं) आसिफ अली जरादी (बीच में), बिलावल (दाएं)। PML-N और PPP ने मंगलवार देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन सरकार बनाने की जानकारी दी।

तस्वीर में- शाहबाद शरीफ (बाएं) आसिफ अली जरादी (बीच में), बिलावल (दाएं)। PML-N और PPP ने मंगलवार देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन सरकार बनाने की जानकारी दी।

खान समर्थित उम्मीदवारों को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं
चुनावी नतीजों में इमरान समर्थक निर्दलीयों को सबसे ज्यादा 93 सीटें मिली थीं। इसके बाद 19 फरवरी को इमरान समर्थक निर्दलीयों ने पाकिस्तान की धार्मिक पार्टी सुन्नी इत्तिहाद काउंसिल (SIC) में शामिल होने का फैसला किया। चुनाव में इस पार्टी ने केवल 1 सीट पर जीत दर्ज की थी।

PTI के चेयरमैन गौहर खान ने 19 फरवरी को कहा था- केंद्र में 70 और पूरे देश में 227 में रिजर्व सीटें हैं। ये सीटें सिर्फ राजनीतिक पार्टियों को ही दी जाती हैं। अपने हक की रिजर्व सीटों को बचाने के लिए हमने SIC में शामिल होने का फैसला किया है।

सरकार बनाने के लिए PTI समर्थक निर्दलीयों को किसी पार्टी का हिस्सा होना जरूरी था
दरअसल, सरकार बनाने की दावेदारी पेश करने के लिए इमरान के निर्दलीयों को किसी पार्टी या गठबंधन का हिस्सा होना पड़ता। ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव से पहले इलेक्शन कमीशन ने खान की पार्टी पर बैन लगा दिया था। खान को भी अयोग्य घोषित कर दिया था।

चुनाव के बाद से गठबंधन को लेकर बातचीत हो रही थी
ML-N और PPP के बीच 8 फरवरी के बाद से ही गठबंधन सरकार बनाने को लेकर बातचीत हो रही थी। सरकार बनाने के लिए बिलावल ने कुछ शर्तें रखी थीं। इस पर नवाज की पार्टी सहमत नहीं हो पा रही थी। यही वजह है कि अब तक सरकार नहीं बन सकी।

बिलावल ने 18 जनवरी को एक रैली में कहा था- PML-N ने मुझे दो साल के लिए प्राइम मिनिस्टर बनने का ऑफर दिया था। ये मुझे कबूल नहीं है। मैं जब भी प्रधानमंत्री बनूंगा तब पाकिस्तान की जनता ही मुझे चुनेगी। बिलावल के इस बयान पर नवाज की पार्टी के सीनियर लीडर इशाक डार ने कहा- पॉलिटिकल पार्टीज के बीच कुछ बातें बंद कमरों में तय होती हैं। इन्हें इस तरह किसी रैली में नहीं बताया जाना चाहिए।

बिलावल पिछले साल तक शाहबाज शरीफ सरकार में फॉरेन मिनिस्टर थे। इमरान की सरकार गिरने के बाद शाहबाज ने सत्ता संभाली थी। 13 दलों की सरकार ने 16 महीने सरकार चलाई थी।



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