नई दिल्ली. डीपफेक और फेक कंटेंट आज के समय में बड़ी चुनौती है. दुनिया भर के देश इस चुनौती से से जूझ रहे हैं. एआई-जनरेटेड गलत सूचना के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए फैक्ट चेकिंग संस्थाओं का संगठन मिसइनफॉर्मेशन कॉम्बैट एलायंस (MCA) ने इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप (Whatsapp) पर एक डेडिकेटेड फैक्ट-चेकिंग हेल्पलाइन (Fact Checking Helpline) शुरू करने के लिए मेटा (Meta) के साथ हाथ मिलाया है.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, यह हेल्पलाइन मार्च 2024 में लॉन्च होने वाली है. इस पहल का मकसद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके बनाई गई फर्जी मीडिया के प्रसार का मुकाबला करना है. वॉट्सऐप हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाले सभी इनबाउंड मैसेज को प्रबंधित करने के लिए एमसीए एक केंद्रीय ‘डीपफेक एनालिसिस यूनिट’ (DAU) स्थापित करेगा.
Use of credible fact checkers to label misinformation is good
All Internet platforms/Intermediaries in India have a legal obligation to ensure no misinformation/deep fakes are posted ln their platforms by their users#SafeTrustedInternet #IndiaTechade https://t.co/UUWWlBDrnE
— Rajeev Chandrasekhar (@Rajeev_GoI) February 19, 2024
गलत सूचना के प्रसार को रोकेगा DAU
एमसीए के अध्यक्ष भरत गुप्ता ने एक बयान में कहा, “डीपफेक एनालिसिस यूनिट देश में सोशल मीडिया और इंटरनेट यूजरों के बीच एआई-इनेबल गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण और समय पर हस्तक्षेप के रूप में काम करेगी. इस पहल में मेटा के सहयोग से आईएफसीएन के हस्ताक्षरकर्ता तथ्य-जांचकर्ता, पत्रकार, आम तकनीकी पेशेवर, अनुसंधान प्रयोगशालाएं और फोरेंसिक विशेषज्ञ एक साथ आएंगे.”
अंग्रेजी और 3 क्षेत्रीय भाषाओं में वॉट्सऐप चैटबॉट
इस सेवा के अंतर्गत यूजर वॉट्सऐप पर सीधा चैटबॉट के जरिए अपने सवालों के उत्तर पा सकेंगे. यूजर अंग्रेजी और 3 क्षेत्रीय भाषाओं में इस वॉट्सऐप चैटबॉट का उपयोग कर पाएंगे.
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Tags: Artificial Intelligence, Whatsapp
FIRST PUBLISHED : February 19, 2024, 20:05 IST
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