- Hindi News
- Business
- High Court Said, Arrest Of Chanda Kochhar, Her Husband In Loan Fraud Case Amounted To Abuse Of Power By CBI
नई दिल्ली59 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
CBI ने 23 दिसंबर 2022 को चंदा और दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने लोन फ्रॉड मामले में चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी को अवैध बताया है। सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि CBI ने चंदा और दीपक कोचर की गिरफ्तारी बिना दिमाग लगाए और कानून का उचित सम्मान किए बिना की है। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा है कि यह पावर का दुरुपयोग है।
जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई और एन आर बोरकर की डिवीजन बेंच ने 6 फरवरी को ICICI बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) चंदा कोचर और दीपक कोचर की गिरफ्तारी को अवैध ठहराया था। वहीं जनवरी 2023 में एक दूसरी बेंच ने उन्हें जमानत देने के अंतरिम आदेश की पुष्टि की थी।
कानून का सम्मान किए बिना इस तरह की गिरफ्तारी शक्ति का दुरुपयोग
अब कोर्ट ने कहा कि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) उन परिस्थितियों या सपोर्टिव मटेरियल को प्रदर्शित करने में असमर्थ रही है, जिसके आधार पर गिरफ्तारी का फैसला लिया गया था। कोर्ट ने कहा कि ऐसी परिस्थितियां गिरफ्तारी को अवैध बना देती हैं। अदालत ने कहा, ‘दिमाग का इस्तेमाल किए बिना और कानून का सम्मान किए बिना इस तरह की नियमित गिरफ्तारी शक्ति का दुरुपयोग है।’
कोर्ट ने जांच एजेंसी की इस दलील को भी मानने से इनकार कर दिया कि गिरफ्तारी इसलिए की गई, क्योंकि कोचर जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। इस पर कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को पूछताछ के दौरान चुप रहने का अधिकार है।
CBI ने 23 दिसंबर 2022 को चंदा और दीपक को किया था गिरफ्तार
वीडियोकॉन-ICICI बैंक लोन मामले में CBI ने 23 दिसंबर 2022 को चंदा और दीपक को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्होंने तुरंत गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया और इसे अवैध घोषित करने की मांग की थी। इसके अलावा अंतरिम आदेश के माध्यम से जमानत पर रिहा करने की मांग भी की थी।
9 जनवरी 2023 को अदालत ने एक अंतरिम आदेश में कोचर को जमानत दे दी थी। यह देखते हुए कि CBI ने लापरवाही से और बिना दिमाग लगाए गिरफ्तारी की थी। वहीं 6 फरवरी के आदेश में बेंच ने कहा कि क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) की धारा 41A को नियमित गिरफ्तारी से बचने के लिए पेश किया गया था।
समझें पूरा मामला…
वीडियोकॉन को लोन देकर फ्रॉड
दीपक और चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने ICICI बैंक की ओर से वीडियोकॉन को दिए गए लोन के जरिए फ्रॉड किया। ये लोन बाद में नॉन परफॉर्मिंग एसेट में बदल गए। इस मामले में दीपक और चंदा कोचर के खिलाफ CBI, ED, SFIO और आयकर विभाग जांच कर रहे हैं।
इसमें साल 2012 में वीडियोकॉन को दिया 3250 करोड़ रुपए का लोन शामिल है। आरोपों के अनुसार, वीडियोकॉन ग्रुप के पूर्व चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने कोचर की कंपनी नूपॉवर रिन्यूएबल्स में वीडियोकॉन को लोन मिलने के बाद करोड़ों रुपए का निवेश किया था।
लोन को एक कमेटी से मंजूरी दी गई थी, जिसमें चंदा कोचर भी एक मेंबर थीं। अक्टूबर 2018 में इस मामले को लेकर चंदा को इस्तीफा देना पड़ा था।
2016 में शुरू हुई थी मामले की जांच
इस मामले की जांच 2016 में शुरू हुई थी जब दोनों फर्मों, वीडियोकॉन ग्रुप और ICICI बैंक में एक निवेशक अरविंद गुप्ता ने लोन अनियमितताओं के बारे में चिंता जताई थी। गुप्ता ने RBI और यहां तक कि प्रधानमंत्री को इस बारे में लिखा था, लेकिन उनकी शिकायत पर उस समय कोई ध्यान नहीं दिया गया। मार्च 2018 में एक अन्य व्हिसल-ब्लोअर ने शिकायत की।
24 जनवरी 2019 को FIR
टॉप मैनेजमेंट के खिलाफ की गई शिकायत के बाद कई एजेंसियों का ध्यान इस ओर गया। हालांकि, उसी महीने बैंक ने बयान जारी कर कहा कि उन्हें चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है। वीडियोकॉन ग्रुप के लोन पास करने में चंदा की कथित भूमिका की जांच के बाद यह बयान दिया गया था। एजेंसियां अपनी जांच करती रही और बैंक पर बढ़ रहे प्रेशर के बाद उसने भी जांच शुरू की। इसके बाद CBI ने 24 जनवरी 2019 को FIR दर्ज की।
चंदा, दीपक, धूत समेत 4 कंपनियों का नाम
CBI ने लोन फ्रॉड मामले में चंदा कोचर, दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को IPC की क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी, चीटिंग और करप्शन से जुड़ी धाराओं के तहत रजिस्टर्ड फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (FIR) में आरोपी बनाया था।
2020 में ED ने किया था अरेस्ट
जनवरी 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने कोचर परिवार की 78 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की थी। इस के बाद एजेंसी ने कई दौर की पूछताछ के बाद दीपक कोचर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था।
{*Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.}
Source link