US-TREASURY DEPARTMENT-CHINA HACK | चीनी हैकर्स ने US ट्रेजरी डिपार्टमेंट को हैक किया: कई वर्कस्टेशन में सेंध लगाकर डॉक्यूमेंट हासिल किए; दिसंबर की शुरुआत में हुआ था साइबर अटैक


वॉशिंगटन3 मिनट पहले

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चीनी हैकर्स के अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट को हैक करने का मामला सामने आया है। अमेरिकिी अधिकारियों के मुताबिक, चीन के स्टेट स्पॉन्सर्ड हैकर ने ट्रेजरी डिपार्टमेंट के थर्ड-पार्टी सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर के सिस्टम में सेंध मारकर कई इम्पलॉयी वर्कस्टेशन और कुछ अनक्लासीफाइड डॉक्यूमेंट हासिल किए हैं।

यह सेंधमारी दिसंबर की शुरुआत में हुई थी, जिसके बारे में ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने अब जानकारी दी है। डिपार्टमेंट ने सांसदों को एक लेटर लिखकर इसके बारे में बताया है। डिपार्टमेंट ने इस सेंधमारी को ‘बड़ी घटना’ बताते हुए जानकारी दी है कि FBI और बाकी एजेंसियां मिलकर जांच कर रही हैं कि इसका क्या नतीजा हो सकता है।

जनवरी में खुलासा हुआ था- US में 5 साल जासूसी करते रहे चीनी हैकर्स

7 जनवरी 2024 को जारी एक जॉइंट सिक्योरिटी ग्रुप की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के हैकर्स अमेरिकी इन्फ्रास्ट्रक्चर में पांच साल तक घुसपैठ करते रहे और यहां की एजेंसियों को बहुत बाद में इसकी खबर लग सकी।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के हैकर्स ग्रुप्स ने अमेरिका के कम्युनिकेशन, एनर्जी, ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम और वेस्ट-वॉटर मैनेजमेंट जैसे अहम सेक्टर्स के बारे में तमाम जानकारियां हासिल कर लीं।

पांच देशों के एक्सपर्ट का सिक्योरिटी ग्रुप

  • इस जॉइंट सायबर सिक्योरिटी एडवाइजरी ग्रुप में अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन के एक्सपर्ट्स शामिल हैं।
  • रिपोर्ट कहती है- सायबर ऑपरेशन्स का टारगेट सिर्फ खुफिया जानकारी जुटाना नहीं है, बल्कि इसके जरिए किसी देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच हासिल करके उस पर कंट्रोल के तरीके भी खोजते हैं। सबसे बड़ा खतरा यह है कि अगर अमेरिका और चीन के बीच टकराव बहुत बड़ जाता है तो चीन ने अपने हैकर्स ग्रुप्स के जरिए जो जानकारी जुटाई है, उसका इस्तेमाल करके वो अमेरिका और उसके सहयोगी देशों में बहुत मुश्किल हालात पैदा कर सकता है।
  • रिपोर्ट के मुताबिक- चीन के हैकर्स ने न सिर्फ खुफिया जानकारी जुटाई, बल्कि उसने अमेरिका में अपने टारगेट भी फिक्स कर लिए हैं। अगर दोनों देशों में जंग के हालात बनते हैं तो चीन इस मामले में अमेरिका पर भारी पड़ेगा।



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