वॉशिंगटन28 मिनट पहले
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राशिदा मिशिगन से सांसद हैं। वो अमेरिकी संसद के लिए चुनी जाने वाली पहली फिलिस्तीनी मूल की महिला सांसद हैं। (फाइल)
इजराइल पर 7 अक्टूबर 2023 को आतंकी संगठन हमास ने हमला किया था। इस दौरान 1200 लोग मारे गए थे। कई महिलाओं के साथ आतंकियों ने रेप किया था। 234 लोगों को बंधक बनाया गया था। इसमें से 107 रिहा हो चुके हैं। मारे गए लोगों में 33 अमेरिकी भी थे।
बुधवार को अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में हमास की इस हरकत की निंदा के लिए प्रस्ताव लाया गया। इस दौरान प्रेसिडेंट जो बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य राशिदा तालिब ने विरोध में वोट दिया। वो पहले भी हमास का समर्थन करती रही हैं।
सफाई भी पेश नहीं की
- राशिदा मिशिगन से सांसद हैं। वो अमेरिकी संसद के लिए चुनी जाने वाली पहली फिलिस्तीनी मूल की महिला सांसद हैं। इजराइल पर 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमलों के लिए निंदा प्रस्ताव डेमोक्रेट पार्टी के सांसद लुईस फ्रेंकेल लाईं थीं।
- इस प्रस्ताव में कहा गया था- अमेरिकी संसद दूसरे देशों से भी अपील करती है कि वो महिलाओं से रेप और सेक्शुअल वॉयलेंस करने वालों की निंदा करें और उन्हें जिम्मेदार ठहराएं। आतंकी रेप का इस्तेमाल हथियार के तौर पर कर रहे हैं। प्रस्ताव के पक्ष में 418 सांसदों ने वोट दिए। सिर्फ राशिदा विरोध में रहीं।
- ‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने जब इस बारे में राशिदा का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने और उनके प्रवक्ता ने जवाब नहीं दिया।
- आतंकियों ने 7 अक्टूबर को नोवा म्यूजिक फेस्टिवल के दौरान हमला किया था। इस दौरान महिलाओं से न सिर्फ रेप किया गया, बल्कि कुछ को तो बेहद हैवानियत से मार भी डाला गया। इसकी पुष्टि मेडिकल एग्जामिनेशन और पोस्टमॉर्टम में हो चुकी है।
नवंबर 2023 में अमेरिकी संसद के निचले सदन 7 अक्टूबर के हमलों पर चर्चा हुई थी। तब भी राशिदा ने रेप, मर्डर, सिर काटना और किडनैपिंग को गलत नहीं ठहराया था। (फाइल)
रिहा हुई महिलाओं ने भी पुष्टि की थी
- नवंबर में इजराइल और हमास के बीच पहला सीजफायर हुआ था। उस दौरान कई महिलाओं को हमास ने रिलीज किया था। इनमें से कई ने हमास की वहशियाना हरकतों और रेप के बारे में बताया था। इजराइल में अब भी इस मामले की जांच चल रही है।
- अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दिसंबर में CNN को दिए इंटरव्यू में कहा था- हमास के आतंकियों ने महिलाओं के साथ जो किया, उसके सबूत खुद मैंने देखे हैं। इस तरह के हैवानियत के बारे में इससे पहले न तो मैंने कभी देखा और न सुना। हैरानी की बात है कि कई इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन आज भी इस मामले पर चुप्पी साधे हैं।
दिसंबर में राशिदा ने कहा था- फिलिस्तीनी भूख से मर रहे हैं और बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन अब तक इजराइल का साथ दे रही है। (फाइल)
नवंबर में तालिब को चर्चा से रोका गया था
- नवंबर 2023 में निचले सदन में इसी मामले पर चर्चा हुई थी। तब भी राशिदा ने 7 अक्टूबर 2023 को हुए रेप, मर्डर, सिर काटना और किडनैपिंग को गलत नहीं ठहराया था। राशिदा ने कहा था- हमास ने जो कुछ किया वो इजराइल की ज्यादतियों का जवाब था। इसके बाद राशिदा को उस चर्चा में आगे हिस्सा लेने और वोटिंग से रोक दिया गया था।
- इसके बाद राशिदा ने सोशल मीडिया पर लिखा था- फ्रॉम रिवर टू सी, फिलिस्तीन विल वी फ्री। यानी नदी से समंदर तक, फिलिस्तीनी आजाद होकर रहेंगे। खास बात यह है कि यही नारा इजराइल विरोधी और हमास के आतंकी भी लगाते हैं। राशिदा दावा करती रही हैं कि इजराइली हमलों में सबसे ज्यादा बेकसूर फिलिस्तीनी मारे गए हैं। गाजा में मदद के पैसे का इस्तेमाल टनल्स बनाने का भी वो समर्थन कर चुकी हैं।
गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री का दावा है कि इजराइली हमलों में अब तक 28 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं। हजारों बच्चे भी इन हमलों की चपेट में आए हैं। (फाइल)
‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
- हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है।
- गाजा पर हमास का कब्जा है। इसकी हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक- इजराइली हमलों में अब तक 28 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं।
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