मॉस्को2 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
रूस की राजधानी मॉस्को में राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस की राजधानी मॉस्को में मंगलवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा की। इस दौरान भारतीय रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत-रूस में साझेदारी की अपार संभावनाएं हैं।
बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा-
भारत-रूस के बीच दोस्ती सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है। भारत हमेशा अपने रूसी मित्रों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी ऐसा ही करता रहेगा।
पुतिन से मुलाकात से पहले राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव से मुलाकात की थी। इस दौरान राजनाथ सिंह ने सतह से हवा में मार करने वाली S-400 मिसाइल सिस्टम की दो बची हुई यूनिट की जल्द डिलीवर पर जोर दिया।
भारत और रूस के बीच 2018 में S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर डील हुई थी। इस डील के तहत, रूस भारत को अब तक 3 यूनिट S-400 सौंप चुका है। ये चीन-पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात हैं। S-400, रूस का एक लंबी दूरी का मिसाइल सिस्टम है। इसे 400 किलोमीटर की दूरी तक विमान, ड्रोन, और मिसाइलों का पता लगाने, ट्रैक करने, और नष्ट करने के लिए बनाया गया है।
रूस दौरे पर गए रक्षा मंत्री से जुड़ी 5 तस्वीरें…
मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करते हुए भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
मॉस्को में सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के 21वें सत्र के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूसी रक्षा मंत्री एंड्री बेलौसोव।
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव (बाएं) स्वागत समारोह के दौरान।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को मॉस्को में अज्ञात सैनिक की कब्र पर श्रद्धांजलि समारोह के दौरान पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे।
मॉस्को में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह।
रूस ने भारत को सौंपा INS तुशिल
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 8 से 10 दिसंबर 2024 तक रूस की यात्रा पर हैं। रक्षा मंत्री ने सोमवार को कालिनिनग्राद का दौरा भी किया, जहां पर वह INS तुशिल की फ्लैग रेजिंग सेरेमनी में शामिल हुए। यह जंगी जहाज एक स्टेल्थ फ्रिगेट है। जिसमें कई एडवांस सिस्टम और मल्टी-रोल वेपन सिस्टम लगे हुए हैं। इससे भारतीय नौसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा।
INS तुशिल जंगी जहाज प्रोजेक्ट 11356 के तहत भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत भारत और रूस में अक्टूबर 2016 में 2.5 बिलियन डॉलर (करीब 21 हजार करोड़ रुपए) की डील हुई थी। इसमें से 2 युद्धपोत का निर्माण रूस (यंतर शिपयार्ड) में और 2 का निर्माण (गोवा शिपयार्ड) में होना है। तुशिल की डिलीवरी करने के बाद रूस भारत को जून-जुलाई 2025 में तमाल सौंपेगा।
तुशिल की कमिशनिंग के मौके पर राजनाथ सिंह के साथ कई दूसरे वरिष्ठ भारतीय अधिकारी मौजूद रहे।
5 महीने में 2 बार रूस गए PM मोदी रक्षा मंत्री की रूस यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को यात्रा और पुतिन के साथ शिखर वार्ता के पांच महीने बाद हुई है। शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों पक्षों ने भारत-रूस रक्षा और सैन्य संबंधों को और बढ़ाने पर जोर देने की बात कही थी।
मोदी ने वार्षिक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अक्टूबर में भी रूस की यात्रा की थी। राष्ट्रपति पुतिन अगले साल प्रधानमंत्री मोदी के साथ वार्षिक शिखर वार्ता करने के लिए भारत आने वाले हैं।
……………………………………………………
राजनाथ सिंह के रूस दौरे से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें…
रूस ने भारत को सौंपा गाइडेड मिसाइल से लैस INS-तुशिल:ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज और हाई रेंज मिसाइलों से लैस; ऐसे 3 युद्धपोत की डिलीवरी बाकी
आधुनिक मल्टी-रोल स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट ‘INS तुशिल’ को सोमवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक यह युद्धपोत रूस के तटीय शहर कैलिनिनग्राद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एडमिरल दिनेश त्रिपाठी की मौजूदगी में भारत को डिलीवर किया गया। पूरी खबर यहां पढ़ें…
Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.
Source link