ओटावाकुछ ही क्षण पहले
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कनाडा की एक कोर्ट ने मंदिरों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा, मंदिर के 100 मीटर के दायरे में खालिस्तानी न फटकें। ओंटारियो की सुपीरियर कोर्ट ऑफ जस्टिस ने प्रदर्शन के नाम पर आने वाले खालिस्तान समर्थकों पर रोक लगा दी है।
टोरंटो में स्कारब्रॉ के लक्ष्मीनारायण मंदिर की याचिका पर कोर्ट ने कहा, मंदिर में शनिवार को होने वाले कॉन्सुलर कैंप के दौरान प्रदर्शनकारियों के 100 मीटर दायरे में आने पर मनाही रहेगी। इस परिधि में प्रदर्शनकारियों को पुलिस गिरफ्तार करे। कोर्ट ने कहा कि हिंसा की आशंका के चलते यह फैसला किया गया है।
यह मनाही शनिवार सुबह 8 बजे से लेकर 6 बजे तक लागू रहेगी। कोर्ट ने ऐसे हर आदमी या सामान को हटाने का आदेश दिया है, जो लोगों को मंदिर तक जाने से रोकता है।
3 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तानियों ने किया था हमला
पन्नू का संगठन दे चुका है धमकी
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) भारतीय उच्चायोग की ओर से लगाए जाने वाले कॉन्सुलर कैंप पर हमलों की धमकी दे चुका है। लक्ष्मीनारायण मंदिर और ब्रैम्प्टन में 3 नवंबर को हुए हमले में भी SFJ से जुड़े लोगों का हाथ सामने आया था। ब्रैम्प्टन कॉन्सुलर कैंप में हिंसा में पुलिस अफसर हरिंदर सोही को दोषी पाया था, लेकिन जांच में ही क्लीनचिट दे दी।
भारतीय राजनयिकाों पर रखी जा रही है नजर
कनाडा में भारतीय राजनयिकों पर भी नजर रखी जा रही है। इसकी जानकारी गुरुवार को भारत सरकार ने संसद को दी थी। सरकार ने बताया कि वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों के ऑडियो और वीडियो मैसेजेस की निगरानी की जा रही थी और उनके निजी मैसेजेस को पढ़ा जा रहा था। कनाडा के अधिकारियों ने हाल ही में इसकी सूचना भारतीय वाणिज्य दूतावास को दी थी।
कनाडा ने भारतीय अधिकारियों की सुरक्षा मुहैया से इनकार किया था
भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदम पर गुरुवार को विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि भारत, कनाडा के साथ लगातार संपर्क में है। हमने उन्हें हमारे राजनयिकों को हर वक्त जरूरी सुरक्षा मुहैया करने को कहा है।
मंत्री ने कहा कि कनाडाई अधिकारी भारतीय राजनयिकों और राजनयिक संपत्तियों को सुरक्षा मुहैया करते रहे हैं, लेकिन हाल ही में उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि कॉन्सुलर कैंपों को अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों की हिंसक कार्रवाइयों से रक्षा करने में असमर्थता जाहिर की है।
कनाडा में 18 लाख भारतीयों को नाकरिकता मिली है। इसके अलावा 10 लाख भारतीय कनाडा में रहते हैं।, जिसमें से 4.27 लाख स्टूडेंट हैं। अगर दोनों देशों में तनाव बढ़ता है तो इसका असर कनाडा में रहने वाले भारतीयों पर पड़ेगा। कनाडा को भारतीय छात्रों के आने से आर्थिक फायदा मिलता है।
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