Imran supporters will march to Islamabad today | पाकिस्तान में इमरान के ऐलान के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू: राजधानी इस्लामाबाद की तरफ बढ़ रहे प्रदर्शनकारी; खान बोले- ये आखिरी मौका


इस्लामाबाद3 मिनट पहले

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पाकिस्तान में प्रोटेस्ट करते इमरान समर्थक। - Dainik Bhaskar

पाकिस्तान में प्रोटेस्ट करते इमरान समर्थक।

जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मांग पर आज उनके सर्मथक देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इमरान ने 13 नवंबर को को एक संदेश दिया था, इसमें उन्होंने समर्थकों से 24 नवंबर रविवार को देशभर में प्रदर्शन करने की मांग की थी। इमरान ने इस प्रदर्शन को फाइनल कॉल बताया था।

इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) और समर्थक 3 मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पहली मांग है कि इमरान खान और PTI कार्यकर्ताओं की जल्द रिहाई की जाए। इसके अलावा 2024 में हुए चुनाव के नतीजों को मानना और पाकिस्तानी संसद में पास अदालतों की ताकत कम करने वाले 26वें संविधान संशोधन एक्ट को वापस लेना।

इमरान खान के ऐलान के बाद शुक्रवार को ही पाकिस्तान में अलर्ट जारी कर दिया गया था। राजधानी इस्लामाबाद के कई इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सुविधाएं सस्पेंड कर दी गई है। प्रोटेस्ट में शामिल होने वालों को अरेस्ट करने की चेतावनी दी गई है। राजधानी इस्लामाबाद आने वाले मुख्य रास्तों को ब्लॉक कर दिए गया है।

खान ने प्रोटेस्ट का ऐलान तब किया है जब एक दिन बाद 25 नवंबर को बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको पाकिस्तान आ रहे हैं। इससे पहले आज उनका डेलिगेशन पाकिस्तान पहुंचेगा।

गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने 23 नवंबर को इस्लामाबाद में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने 23 नवंबर को इस्लामाबाद में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

खान बोले- प्रदर्शन में शामिल हो या पार्टी छोड़ो विरोध प्रदर्शन का ऐलान करते हुए इमरान खान ने समर्थकों से कहा- आपको निर्णय लेना होगा कि आप मार्शल लॉ में रहना चाहते हैं या आजादी में। इमरान ने PTI कार्यकर्ताओं से 24 नवंबर को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने या पार्टी छोड़ने के लिए कहा।

PTI ने भी एक स्टेटमेंट जारी करते हुआ कहा कि 24 नवंबर को इस्लामाबाद की ओर एक मार्च शुरू होगा। सितंबर से लगातार इमरान खान के समर्थक उनकी रिहाई के लिए किसी न किसी स्तर पर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। इमरान खान के प्रोटेस्ट के ऐलान के बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने इसे रोकने की तैयारियां की हैं।

राजधानी इस्लामाबाद, रावलपिंडी और पंजाब प्रांत में जनसभाओं पर रोक लगा दी गई है। 1200 कंटेनरों के जरिए राजधानी इस्लामाबाद आने वाली मुख्य सड़कों को ब्लॉक किया गया है। प्रोटेस्ट रोकने के लिए इस्लामाबाद पुलिस के 6,325 कर्मियों के अलावा अन्य सेनाओं के 21,500 कर्मियों की तैनाती की गई है।

रावलपिंडी में भी दंगा-विरोधी पुलिस के 6000 कर्मियों को तैनात किया गया है।

पाकिस्तान में कंटेनर के जरिए रास्तों को आधा बंद किया गया है। सुरक्षा गार्ड को भी तैनात किया गया है।

पाकिस्तान में कंटेनर के जरिए रास्तों को आधा बंद किया गया है। सुरक्षा गार्ड को भी तैनात किया गया है।

खान पर 100 से ज्यादा मामले

इमरान खान पर 100 से ज्यादा मामले चल रहे हैं। इस्लामाबाद की स्थानीय कोर्ट ने उन्हें 5 अगस्त, 2023 को तोशाखाना के केस में दोषी करार दिया था। इसके बाद उन्हें इस्लामाबाद के जमान पार्क स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। बाद में उन्हें 2 और मामलों में दोषी करार दिया गया था। अंग्रेजी अखबार डॉन के मुताबिक, अगर इमरान जेल से बाहर आते हैं तो, वे पाकिस्तान में दोबारा चुनाव की मांग को उठाएंगे।

इस साल हुए आम चुनाव में इमरान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी आधिकारिक तौर पर हिस्सा नहीं ले पाई थी। इमरान खान के एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर 5 जुलाई को हुई एक पोस्ट में इस साल 8 फरवरी को हुए आम चुनावों को फर्जी बताया गया था। ऐसे में शहबाज सरकार या फौज नहीं चाहेगी की खान किसी भी कीमत पर रिहा हों।

जेल में रहकर भी सबसे ज्यादा सीटें जीतीं

पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए। इनसे पहले खान को एक के बाद एक लगातार 3 मामलों में दोषी करार दे दिया गया था। इससे वे चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाए थे। चुनाव से पहले उनका पार्टी चुनाव चिह्न छीन लिया गया था। पार्टी के सभी नेता निर्दलीय चुनाव लड़े थे। इसके बावजूद खान की पार्टी PTI के समर्थकों को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की 342 सीटों में से 93 सीटें मिलीं। हालांकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग और पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी ने मिलकर सरकार बना ली। शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बने।

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इमरान की पत्नी बुशरा बीबी पर नए केस दर्ज:सऊदी के खिलाफ बयान दिया था

पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी पर सऊदी अरब के खिलाफ बयान देने की वजह से कई केस दर्ज किए गए हैं। बुशरा के खिलाफ 1885 के टेलीग्राफ एक्ट के तहत धार्मिक नफरत भड़काने, जनता को गुमराह करने और एक मित्र देश सऊदी अरब के खिलाफ गलतबयानी का आरोप लगाया गया। पूरी खबर पढ़िए…

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