Sri Lankan Parliamentary Elections – President Dissanayake’s party close to majority | श्रीलंका संसदीय चुनाव- राष्ट्रपति दिसानायके की पार्टी बहुमत के करीब: 62% से ज्यादा वोट हासिल किए; बहुमत के लिए 113 सीटें जरूरी


कोलंबो2 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
दिसानायके ने सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी। - Dainik Bhaskar

दिसानायके ने सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी।

श्रीलंका में गुरुवार को संसदीय चुनाव के लिए वोटिंग हुई। आज यानी शुक्रवार, 15 नवंबर को वोटों की गिनती जारी है। अब तक सामने आए नतीजों के मुताबिक राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ गठबंधन नेशनल पीपल्स पावर (NPP) बहुमत की तरफ बढ़ता नजर आ रहा है।

शुक्रवार को अब तक सामने आए नतीजों के मुताबिक NPP को कुल मतदान के 62% यानी 44 लाख से ज्यादा वोट मिल चुके हैं। NPP ने जिलों के आधार पर तय होने वाली 196 सीटों में से 35 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है। दूसरे स्थान पर 18% वोट और 8 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी SJB पार्टी मौजूद है।

इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के समर्थन वाले नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट को 5% से भी कम वोट हासिल हुए, उसके खाते में सिर्फ 1 सीट आई है। वहीं श्रीलंका की राजनीति में दबदबा रखने वाले राजपक्षे परिवार की श्रीलंका पीपल्स फ्रंट (SLPP) पार्टी 2 चौथे स्थान पर है हालांकि उसे 2 सीटें मिली हैं।

पूरे नतीजे आने में 1 से 2 दिन का समय लग सकता है।

पूरे नतीजे आने में 1 से 2 दिन का समय लग सकता है।

बहुमत के लिए 113 सीटें जरूरी

श्रीलंका की संसद में 225 सीटे हैं। बहुमत के लिए 113 का आंकड़ा जरूरी है। राष्ट्रपति दिसानायके के लिए इस चुनाव में बहुमत हासिल करना बेहद जरूरी है। संसद से मंजूरी मिलने के बाद ही राष्ट्रपति दिसानायके सरकार की महत्वपूर्ण नीतियों को लागू कर सकते हैं।

फिलहाल संसद में उनकी पार्टी के सिर्फ 3 सांसद हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिसानायके को चुनाव में पूर्ण बहुमत मिल सकता है।

श्रीलंका में आखिरी बार अगस्त 2020 में संसदीय चुनाव हुए थे। ऐसे में नए चुनाव अगले साल होने थे लेकिन इसी साल सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद अनुरा कुमारा दिसानायके ने संसद को भंग कर दिया था। इसके बाद संसदीय चुनाव का ऐलान किया गया था। 2020 में हुए चुनावों के नतीजे कुछ इस प्रकार थे-

दिसानायके ने कार्यकारी राष्ट्रपति की शक्ति कम करने का वादा किया

श्रीलंकाई चुनाव आयोग के मुताबिक 8,821 प्रत्याशियों ने संसदीय चुनाव में किस्मत आजमाई है। मतदाता आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत 22 निर्वाचन क्षेत्रों से संसद के लिए 196 सदस्यों का सीधे चुनाव करते हैं। बाकी 29 सीटें आनुपातिक वोट के मुताबिक बांटी जाती हैं।

चुनाव में जिस पार्टी को जितने वोट मिलेंगे, उसके मुताबिक ही उसे 29 सीटों में हिस्सा मिलता है। एक वोटर प्राथमिकता के आधार पर 3 प्रत्याशियों को वोट दे सकते हैं।

अलजजीरा के मुताबिक राष्ट्रपति दिसानायके का मानना है कि देश की शक्ति काफी हद तक ‘कार्यकारी राष्ट्रपति’ के अधीन है। वे इस पावर को कम करने का वादा लेकर चुनाव में उतरे हैं, लेकिन उन्हें संविधान में बदलाव की जरूरत होगी। उन्हें इसके लिए दो-तिहाई सीटें चाहिए। दिसानायके जनता से इतनी सीटें जिताने की अपील कर रहे हैं।

श्रीलंका में कार्यकारी राष्ट्रपति पद पहली बार 1978 में अस्तित्व में आया था। इसके बाद से ही इसकी आलोचना होती रही है, लेकिन सत्ता में आने के बाद अब तक किसी भी दल ने इसकी ताकत को खत्म करने की कोशिश नहीं की है।

दिसानायके ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और रानिल विक्रमसिंघे के दौर में IMF के साथ हुई डील में सुधार करने का वादा किया है।

——————————

श्रीलंका से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथी दिसानायके जीते:42% वोट मिले, कल शपथ ले सकते हैं; पहले भारत का विरोध किया था फिर संबंध सुधारे

श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को जीत मिली। दिसानायके देश के 10वें राष्ट्रपति बने। उन्होंने रानिल विक्रमसिंघे की जगह ली। पूरी खबर यहां पढ़ें…

खबरें और भी हैं…



Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.

Source link

Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *