Pakistan Election 2024 Result | Nawaz Shahbaz Sharif vs Asif Ali Zardari Bilawal Bhutto; Imran Khan | नवाज-जरदारी में गठबंधन के कयास: रिपोर्ट में दावा- 3 साल शाहबाज और 2 साल बिलावल PM रहेंगे; बलूचिस्तान में हो चुका है प्रयोग


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इस्लामाबाद/लाहौर1 घंटे पहले

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इस्लामाबाद के बिलावल हाउस में सोमवार रात पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सेंट्रल एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में भाषण देते बिलावल। - Dainik Bhaskar

इस्लामाबाद के बिलावल हाउस में सोमवार रात पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सेंट्रल एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में भाषण देते बिलावल।

पाकिस्तान में 8 फरवरी को हुए जनरल इलेक्शन में किसी पार्टी को बहुमत (134 सीट) नहीं मिला। अब सरकार बनाने के लिए नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) समीकरण तैयार कर रही हैं।

सोमवार शाम ‘जियो न्यूज लाइव’ की रिपोर्ट में नया दावा सामने आया। इसके मुताबिक- दोनों पार्टियां पॉवर शेयरिंग फॉर्मूले पर विचार कर रही हैं। इसके तहत पांच साल के कार्यकाल में से 3 साल शाहबाज शरीफ और 2 साल बिलावल भुट्टो जरदारी वजीर-ए-आजम यानी प्रधानमंत्री रहेंगे।

2013 में बलूचिस्तान प्रांत में किसी को बहुमत नहीं मिला था। तब PML-N और नेशनल पार्टी (NP) ने मुख्यमंत्री पद के लिए इसी तरह का समझौता किया था।

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 336 सीटें हैं। इनमें से 265 सीटों पर चुनाव हुए। एक सीट पर चुनाव टाल दिया गया, जबकि एक सीट NA-88 के नतीजों को खारिज कर दिया गया है। यहां 15 फरवरी को फिर से वोटिंग होगी। बाकी 70 सीटें रिजर्व हैं।

सोमवार रात PPP की सेंट्रल एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में मौजूद जरदारी और बिलावल।

सोमवार रात PPP की सेंट्रल एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में मौजूद जरदारी और बिलावल।

राज्यों में भी यही फॉर्मूला इस्तेमाल होगा

  • रिपोर्ट के मुताबिक- रविवार 11 फरवरी की रात पूर्व प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने आसिफ अली जरदारी और उनके बेटे बिलाबल भुट्टो से मुलाकात की थी। तब जरदारी ने शाहबाज से कहा था कि वो सेंट्रल एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग के बाद ही कोई फैसला करेंगे। बहरहाल, ऑफिशियली अब तक दोनों पार्टियों ने इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है।
  • बताया जाता है कि 11 फरवरी की रात लाहौर के बिलावल हाउस में शाहबाज, आसिफ अली जरदारी और बिलावल के बीच जो बातचीत हुई, उसमें यह सहमति बनी कि मुल्क को इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत पॉलिटिकल स्टेबिलिटी यानी राजनीतिक स्थिरता की है। अगर दोनों पार्टियां किसी पुख्ता नतीजे पर पहुंचती हैं तो उन्हें सियासी तौर पर भी फायदा होगा।
  • मीटिंग के बाद जारी बयान में कहा गया- बातचीत बहुत अच्छे माहौल में हुई। सभी की राय थी कि कोई ऐसा फैसला लिया जाना चाहिए, जिससे पाकिस्तान को नुकसान न हो और इकोनॉमी दुरुस्त की जा सके। अवाम ने जो मेंडेट दिया है, उसका सम्मान किया जाना चाहिए।
माना जा रहा है कि नवाज खुद प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। वो छोटे भाई शाहबाज को ही PM बनाएंगे। शाहबाज पिछली सरकार में 16 महीने वजीर-ए-आजम रहे थे। (फाइल)

माना जा रहा है कि नवाज खुद प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। वो छोटे भाई शाहबाज को ही PM बनाएंगे। शाहबाज पिछली सरकार में 16 महीने वजीर-ए-आजम रहे थे। (फाइल)

निर्दलीय भी शामिल होंगे

  • रिपोर्ट के मुताबिक- बातचीत की पहल नवाज शरीफ की तरफ से की गई थी और उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि मुल्क को संभालने के लिए सभी पार्टियों को साथ आना होगा। अब खबर ये है कि कुछ निर्दलीय भी जल्द ही नवाज या इस संभावित गठबंधन का हिस्सा बनेंगे और उन्हें भी मिनिस्टर बनाया जाएगा। इसका फैसला नवाज और आसिफ अली जरदारी करेंगे।
  • इस मामले में पहला पेंच ये है कि PPP की सेंट्रल एग्जीक्यूटिव कमेटी पहले ही मांग कर चुकी है कि अगर बिलावल को प्रधानमंत्री नहीं बनाया जाता तो PPP को सरकार में शामिल नहीं होना चाहिए। PPP की तरफ से यह मांग आने के बाद ही कोई ऐसा हल निकालने की कवायद शुरू हुई जो दोनों पार्टियों को मंजूर हो और सरकार पूरे पांच साल चले।
  • यह भी तय किया जा रहा है कि इमरान खान की पार्टी PTI को सिर्फ खैबर पख्तूनख्वा में सरकार बनाने का मौका दिया जाए। बाकी तीन सूबों यानी राज्यों पंजाब, बलूचिस्तान और सिंध में भी PPP और PML-N सरकार बनाएं। इस दौरान छोटी पार्टियों को भी साथ लिया जाए।
बिलावल भुट्टो शाहबाज सरकार में विदेश मंत्री थे। उनके पिता आसिफ अली जरदारी चाहते हैं कि बिलावल प्रधानमंत्री बनें। इसके लिए वो सियासी दांव-पेंच खेल रहे हैं। (फाइल)

बिलावल भुट्टो शाहबाज सरकार में विदेश मंत्री थे। उनके पिता आसिफ अली जरदारी चाहते हैं कि बिलावल प्रधानमंत्री बनें। इसके लिए वो सियासी दांव-पेंच खेल रहे हैं। (फाइल)

नवाज और आसिफ अली जरदारी सिर्फ नजर रखेंगे
इस रिपोर्ट के मुताबिक- दोनों पार्टियों के बीच अगर सरकार बनाने के लिए अलायंस होता है तो नवाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी मार्गदर्शक की भूमिका में होंगे। ये दोनों ही लगातार सरकार के कामकाज और को-ऑर्डिनेशन पर नजर रखेंगे।

अप्रैल 2022 में इमरान की सरकार गिरने के बाद शाहबाज ने 16 महीने सरकार चलाई थी। तब 13 पार्टियों का अलायंस था और मौलान फजल-उर-रहमान पर्दे के पीछे से इसकी कमान संभाल रहे थे। इस बार यह काम नवाज और आसिफ अली जरदारी कर सकते हैं। मौलाना भी सरकार में शामिल हो सकते हैं।

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