Canada Hindu Temple Khalistani Attack Controversy; Justin Trudeau | Brampton | कनाडा में मंदिर पर हमला, पुलिस अधिकारी सस्पेंड: खालिस्तानी झंडा लहराया था; 3 लोगों पर केस दर्ज; भारत ने कहा था- ट्रूडो सरकार एक्शन ले


3 मिनट पहले

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हिंदू सभा मंदिर के बाहर हुए हमले में कनाडा के पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। - Dainik Bhaskar

हिंदू सभा मंदिर के बाहर हुए हमले में कनाडा के पुलिस अधिकारी भी शामिल थे।

कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर खालिस्तानी समर्थकों के प्रदर्शन में शामिल होने वाले एक पुलिस अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। CBS न्यूज के मुताबिक, हरिंदर सोही नाम का व्यक्ति पील रीजनल पुलिस टीम में अधिकारी के पद पर है।

वह रविवार (3 नवंबर) को मंदिर के बाहर खालिस्तानी झंडा लहराता नजर आया था। पील पुलिस के मीडिया ऑफिसर रिचर्ड चिन ने बताया कि पुलिस को मंदिर के बाहर हिंसा से जुड़े फुटेज मिले हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इसमें पुलिस अधिकारी प्रदर्शन में शामिल नजर आ रहे हैं। मामले की जांच की जा रही है।

अब तक 3 लोगों पर हिंदू मंदिर के बाहर भारतीय कॉन्सुलर अधिकारियों पर हमले के मामले में केस दर्ज किया गया है। पील पुलिस ने बताया कि मंदिर के बाहर हिंसा के बाहर उसके आसपास दूसरी जगहों पर भी प्रदर्शन के मामले सामने आए।

पुलिस ने कहा कि उन्हें पहले ही हमले की जानकारी मिली थी। सभी को प्रदर्शन करने और अपनी बात रखने का अधिकार है। लेकिन इस दौरान किसी भी तरह की हिंसा या अपराध को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

हमले के बाद हिन्दू किशोर को पीटते हुए पुलिसकर्मीयों को विडियो वायरल हो रहा है

हमले के बाद हिन्दू किशोर को पीटते हुए पुलिसकर्मीयों को विडियो वायरल हो रहा है

पुलिस ने भी श्रद्धालुओं से की थी मारपीट

पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने कहा कि हिंसा में जो लोग शामिल थे उन्हें गिरफ्तार करके सजा दी जाएगी। दरअसल, ब्रैम्पटन में 3 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला कर दिया था। हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे। उन्होंने मंदिर में मौजूद लोगों पर लाठी-डंडे बरसाए थे। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने भी श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा कि हमें कनाडा सरकार से कार्रवाई की उम्मीद है। ऐसी घटनाएं हमें कमजोर नहीं कर सकतीं। वहीं विदेश मंत्रालय ने भी कनाडा की सरकार से पूजास्थलों की रक्षा की अपील की थी।

इससे पहले कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है।

हिंदू मंदिर पर हुए हमले का वीडियो कई कनाडाई सांसदों ने अपने X हैंडल पर शेयर किया है।

हिंदू मंदिर पर हुए हमले का वीडियो कई कनाडाई सांसदों ने अपने X हैंडल पर शेयर किया है।

कनाडा में पहले भी हो चुके हैं हिंदू मंदिरों पर हमले

कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में उच्चायोग ने हिंदू सभा मंदिर के बाहर कॉन्सुलर कैंप लगाया था। यह कैंप भारतीय नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगा था। इसमें जीवन प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के 40 साल पूरे होने को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे खालिस्तानी वहां पहुंचे और उन्होंने लोगों पर हमला कर दिया।

कनाडा में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों और समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने से भारतीय समुदाय चिंतित है। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा में बाकी जगहों पर हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है।

भारत का आरोप- वोट बैंक के लिए भारत विरोधी राजनीति कर रहे PM ट्रूडो

भारत और कनाडा के बीच संबंधों में एक साल से भी ज्यादा समय से गिरावट देखी गई है। इसकी शुरुआत जून 2020 में खालिस्तानी समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद हुई। पिछले साल सितंबर में PM ट्रूडो ने संसद में आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसी का हाथ है।

इसके बाद ट्रूडो ने पिछले महीने 13 अक्टूबर निज्जर हत्याकांड में भारतीय राजनयिकों के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत ने संजय वर्मा समेत अपने छह राजनयिकों को वापस बुला लिया।

भारत का कहना है कि कनाडा सरकार के आरोप बेबुनियाद हैं। कनाडा ने भारत सरकार के साथ एक भी सबूत साझा नहीं किया है। वे बिना तथ्य के दावे कर रहे हैं। ट्रूडो सरकार राजनीतिक लाभ उठाने के लिए जानबूझकर भारत को बदनाम करने की कोशिश में जुटी है।

भारत के विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि PM ट्रूडो की भारत से दुश्मनी लंबे समय से जारी है। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं जो खुले तौर पर चरमपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं।

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कनाडाई मंत्री के अमित शाह पर आरोप से भारत नाराज, उच्चायोग का अफसर तलब

भारत ने कनाडा के उस बयान पर आपत्ति जताई, जिसमें कहा गया था कि कनाडा में खालिस्तानियों पर एक्शन के पीछे गृह मंत्री अमित शाह हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार को बताया कि 1 नवंबर को कनाडाई उच्चायोग के अफसर को तलब किया गया। पूरी खबर पढ़ें…

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