8 मिनट पहले
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रविवार को ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानी समर्थकों ने हमला किया।
कनाडा के ब्रैम्पटन में मौजूद हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला किया। खालिस्तानी झंडा लिए हुए हमलावरों ने मंदिर में मौजूद लोगों पर लाठी-डंडे बरसाए। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है।
घटना पर सोमवार को कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का बयान आया। उन्होंने कहा- ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में आज हुई हिंसा अस्वीकार्य है। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है।
कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोलीवरे ने कहा कि ऐसे हमले पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। कनाडा के सभी लोगों को शांति से अपने धर्म का पालन करने में सक्षम होना चाहिए।
वहीं, घटना के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति है। भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बरतने को कहा है। साथ ही कहा कि हिंसा और आपराधिक कृत्यों को बर्दाश्त नहीं जाएगा।
हमले पर किसने क्या कहा….
ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन धार्मिक स्वतंत्रता कनाडा में एक आधारभूत मूल्य है। हर किसी को अपने पूजा स्थल पर सुरक्षित महसूस करना चाहिए। मैं पूजा स्थल के बाहर किसी भी तरह की हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं। पुलिस शांति बनाए रखने और हिंसा करने वालों को जवाबदेह ठहराने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र में सब कुछ करेगी।
टोरंटो के सांसद केविन वुओंग हिंदू कनाडाई लोगों पर हमला देखना चिंताजनक है। खालिस्तानी चरमपंथियों से लेकर आतंकवादी कॉस्प्लेयर तक कनाडा कट्टरपंथियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है। हमारे नेता हिंदुओं की रक्षा करने में विफल रहे हैं, क्योंकि उन्होंने ईसाई और यहूदी कनाडाई लोगों को हिंसा से बचाया है। हम सभी शांति से पूजा करने के हकदार हैं।
हिंदू कैनेडियन फाउंडेशन हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तानी आतंकवादी हमला कर रहे हैं। बच्चों, महिलाओं और पुरुषों पर हमला किया जा रहा है। यह सब खालिस्तानी राजनेताओं के समर्थकों के समर्थन में हो रहा है।
खालिस्तानी चरमपंथियों ने रेड लाइन कर ली खालिस्तानी चरमपंथियों ने रेड लाइन कर ली है, जो कनाडा में बेशर्म हिंसक उग्रवाद के बढ़ने को दर्शा रहा है। ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के परिसर के अंदर हिंदू-कनाडाई भक्तों पर खालिस्तानियों का किया हमला दिखाता है कि कनाडा में खालिस्तानी हिंसक उग्रवाद कितना गहरा और बेशर्म हो गया है।
मुझे लगने लगा है कि इन रिपोर्टों में थोड़ी सच्चाई है कि कनाडाई राजनीतिक तंत्र के अलावा, खालिस्तानियों ने हमारी कानून एजेंसियों में घुसपैठ की है। खालिस्तानी चरमपंथी कनाडा के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कानूनों का लाभ उठा रहे हैं, और उन्हें मुफ्त पास मिल रहा है।
इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत खालिस्तानी चरमपंथियों को कनाडा में खुली छूट मिल रही है। जैसा कि मैं लंबे समय से कह रहा हूं कि हिंदू-कनाडाई लोगों को अपने समुदाय की सुरक्षा और संरक्षा के लिए आगे आकर अपने अधिकारों का दावा करना चाहिए और राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराना चाहिए।
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