ओटावा3 मिनट पहले
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पिछले 9 सालों से ट्रूडो कानाडा के प्रधानमंत्री हैं, अब उन्हीं के पार्टी के सांसदों ने उनसे पद छोड़ने को कहा है
कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो को अपनी पार्टी में ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है। लिबरल पार्टी के सांसदों ने ट्रूडो को प्रधानमंत्री पद छोड़ने के लिए 28 अक्टूबर तक की मोहलत दी है। नाराज नेताओं ने ट्रूडो से कहा कि या तो वे पद छोड़ दें या फिर विद्रोह का सामना करने के लिए तैयार रहें।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रूडो की पार्टी के 24 सांसदों ने PM को चुनाव से पहले हटाने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने एक मांग पत्र पर दस्तखत भी किए हैं। सांसदों द्वारा साइन किए गए इस मांग पत्र को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। इस पत्र में सांसदों ने ट्रूडो से अगले साल के आम चुनाव में हार के खतरे को देखते हुए चुनाव से पहले ही इस्तीफा देने की मांग की है।
सांसदों ने ट्रूडो से कहा है कि वे चौथी बार प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल न हों। पिछले 100 वर्षों में किसी भी कनाडाई नेता ने चौथी बार चुनाव नहीं जीता है।
ट्रूडो के सामने ये चुनौती ऐसे समय में आई है जब उनकी सरकार खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत के साथ एक बड़े राजनयिक तनाव में फंसी हुई है।
NDP के खालिस्तान समर्थक नेता जगमीत सिंह ने ट्रूडो सरकार से समर्थन वापस ले लिया था
सांसद बोले- बाइडेन की तरह दावेदारी छोड़ें ट्रूडो PM ट्रूडो ने बुधवार को लिबरल पार्टी के 20 सांसदों से बंद कमरे में मुलाकात भी की। इस बैठक में लिबरल पार्टी से ब्रिटिश कोलंबिया के सांसद पैट्रिक वीलर ने अगले साल चुनाव में जीत हासिल करने के लिए PM के इस्तीफे को जरूरी बताया।
वीलर ने कहा कि अमेरिका में बाइडेन की लीडरशिप में डेमोक्रेटिक पार्टी चुनाव में बहुत पीछे थी। इसके बाद उन्होंने दावेदारी छोड़ी और कमला हैरिस का नाम आगे किया। इससे डेमोक्रेटिक पार्टी की बढ़त मजबूत हो गई। उन्होंने कहा कि कनाडा में भी लिबरल पार्टी इसी तरीके से वापसी कर सकती है।
कनाडा के न्यूफाउंडलैंड से लिबरल सांसद केन मैकडोनाल्ड ने कहा कि ट्रूडो को लोगों की बात सुननी होगी। उन्होंने कहा कि उनके कई सहकर्मी ऐसे हैं जो आगामी चुनाव लड़ना चाह रहे हैं, लेकिन खराब मतदान संख्या और लिबरल्स की गिरती लोकप्रियता के कारण घबराए हुए हैं।
अभी कनाडा की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में लिबरल पार्टी के 153 सांसद हैं।
इस महीने की शुरुआत में ट्रूडो सरकार की सहयोगी पार्टी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) ने अपना से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद से ट्रूडो बिना बहुमत के सरकार चला रहे हैं। एनडीपी खालिस्तानी समर्थक कनाडाई सिख सांसद जगमीत सिंह की पार्टी है।
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हाईकमिश्नर वर्मा ने कहा कि कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी आतंकी भारतीय नहीं, बल्कि कनाडा के नागरिक हैं। ये लोग कनाडा की जमीन से भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं। हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि कनाडा सरकार ऐसे लोगों के साथ काम नहीं करे। ये भारत की संप्रभुता और अखंडता को चुनौती दे रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…
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