वॉशिंगटन1 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
इलॉन मस्क चुनाव से पहले लोगों को वोट डालने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसके लिए वे पैसे बांट रहे हैं। डेमोक्रेट्स नेता इसका विरोध कर रहे हैं।
अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने इलॉन मस्क के कैंपन अमेरिका PAC को चेतावनी दी है। मस्क चुनाव से पहले वोट देने वाले वोटर्स को हर रोज 1 मिलियन डॉलर (8.4 करोड़ रुपए) दे रहे हैं। CNN के मुताबिक जस्टिस डिपार्टमेंट ने कहा कि इससे कानून का उल्लंघन हो सकता है।
अमेरिका में 6 नवंबर (भारतीय समय के मुताबिक) को राष्ट्रपति चुनाव हैं। मस्क इसमें में पूर्व प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प का समर्थन कर रहे हैं। वे ट्रम्प के लिए लाखों डॉलर खर्च कर रहे हैं। वोटर्स को पैसे देने का ऐलान भी इसी से जुड़ा है। इसका मकसद स्विंग स्टेट्स में रिपब्लिकन पार्टी के पक्ष में माहौल बनाना है।
मस्क ने कहा था कि वे 17 अक्टूबर से 5 नवंबर तक हर दिन एक रैंडम रूप से चुने गए विजेता को वोटिंग अर्ली स्कीम के तहत 1 मिलियन डॉलर देंगे। इसके लिए उन्होंने शर्तें भी रखी हैं और इसकी वजह से ही सवाल उठ रहे हैं।
मस्क ने 3 विजेताओं के नाम की घोषणा की मस्क हर दिन किसी एक वोटर को लॉटरी के तहत 1 मिलियन डॉलर भी दे रहे हैं। उन्होंने पिछले शनिवार और रविवार को पेंसिल्वेनिया में एक पुरुष और एक महिला को 1 मिलियन डॉलर का चेक भी दिया। उनकी टीम ने बताया कि सोमवार का विजेता नॉर्थ कैरोलिना से चुना गया है।
मस्क बोले- स्कीम किसी एक पार्टी के लिए नहीं मस्क की अर्ली स्कीम योजना को डेमोक्रेट्स नेता कानून का उल्लंघन बताया रहे हैं। पेंसिल्वेनिया के डेमोक्रेट गवर्नर जोश शापिरो ने कहा कि मस्क का ऐलान बेहद चिंताजनक है। मस्क ने इसके बचाव में सोशल मीडिया पर दलील दी है।मस्क ने कहा कि विजेता लॉटरी से चुना जाता है। वे नहीं जानते कि वह रिपब्लिकन या फिर डेमोक्रेटिक पार्टी में से किसका समर्थक है। वे किसी भी पार्टी के हो सकते हैं।
मस्क की अर्ली वोटिंग स्कीम की विजेता। तस्वीर रविवार (20 अक्टूबर) की है।
मस्क की अर्ली स्कीम के पहले विजेता। तस्वीर शनिवार (19 अक्टूबर) की है।
इस बार चुनाव से पहले 70% लोग कर सकते हैं वोटिंग अमेरिका में चुनाव से पहले ही वोट देने को एडवांस पोलिंग या प्री पोल वोटिंग कहा जाता है। अमेरिकी चुनावों में पहले भी एडवांस पोलिंग होती रही है। हालांकि, पहले के चुनावों में प्री पोल वोटिंग में डेमोक्रेट्स का दबदबा रहा था, लेकिन इस बार कुछ प्रमुख राज्यों में रिपब्लिकन ने बढ़त बनानी शुरू कर दी है।
1988 से पहले सिर्फ 6 ऐसे राज्य थे जहां पर शुरुआती वोटिंग का चलन था। 1992 से चुनाव से पहले शुरुआती वोटिंग का चलन बढ़ता चला गया। 1992 के चुनाव में 7% लोगों ने वोट किया था। NBC के मुताबिक इस साल 14.5 मिलियन लोग चुनाव से पहले वोटिंग कर सकते हैं। यह करीब 70% है।
MIT इलेक्शन डेटा एंड साइंस लैब के मुताबिक 2020 में लगभग 60% डेमोक्रेट और 32% रिपब्लिकन वोटर्स ने मेल के जरिए वोटिंग की थी। जाहिर है कि पिछले चुनाव में भी बाइडेन को इसका फायदा मिला था। यही वजह है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कई बार एडवांस पोलिंग के खिलाफ बयान दे चुके हैं। उनका कहना है कि मेल के जरिए वोटिंग करने में धोखाधड़ी होती है।
इसके बावजूद रिपब्लिकन पार्टी इस बार के चुनाव में जल्दी वोटिंग करने को लेकर वोटर्स को जागरूक कर रही है।
…………………………………………..
इलॉन मस्क से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें…
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव- 1.5 करोड़ लोगों ने की एडवांस वोटिंग:मस्क का ऑफर- चुनाव से पहले वोटिंग पर रोज एक व्यक्ति को 8 करोड़ दूंगा
अमेरिका में 6 नवंबर (भारतीय समय के मुताबिक) को वोटिंग होनी है। इससे पहले अमेरिका के कई हिस्सों में शुरुआती मतदान जारी है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक मंगलवार तक करीब 1.50 करोड़ से ज्यादा अमेरिकी वोट डाल चुके हैं। यह वोटिंग 47 से ज्यादा राज्यों में मेल (डाक) के जरिए हुई है। पूरी खबर यहां पढ़ें…
Disclaimer:* The following news is sourced directly from our news feed, and we do not exert control over its content. We cannot be held responsible for the accuracy or validity of any information presented in this news article.
Source link