37 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी
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वरुण धवन की भतीजी अंजिनी धवन की फिल्म ‘बिन्नी एंड फैमिली’ आज थिएटर में रिलीज हुई है। अंजिनी इस फिल्म से डेब्यू कर रही हैं। फिल्म में अंजिनी के अलावा पंकज कपूर, राजेश कुमार, हिमानी शिवपुरी, चारु शंकर, नमन त्रिपाठी और ताई खान की अहम भूमिकाएं हैं। इस फिल्म की लेंथ 2 घंटे 20 मिनट की है। दैनिक भास्कर ने इस फिल्म को 5 में से 3 स्टार रेटिंग दी है।
फिल्म की कहानी क्या है?
यह फिल्म हल्की-फुल्की कॉमेडी-ड्रामा है, जो पारिवारिक संबंधों और पीढ़ीगत संघर्षों को दर्शाती है। फिल्म की कहानी बिंदिया सिंह उर्फ बिन्नी (अंजिनी धवन) पर केंद्रित है। बिन्नी लंदन में रहने वाली एक स्वतंत्र सोच वाली लड़की है। कहानी नया मोड़ तब लेती है जब उनके दादा (पंकज कपूर) उनके घर रहने आते हैं और परिवार के बीच सांस्कृतिक और जीवनशैली के अंतर को उजागर करते हैं।
स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?
पंकज कपूर ने अपने किरदार में बेहतरीन गहराई और संवेदनशीलता दिखाई है। उनके और बिन्नी के बीच के भावनात्मक दृश्य फिल्म का दिल हैं। वहीं, अंजिनी धवन ने अपने डेब्यू में शानदार प्रदर्शन किया है। राजेश कुमार ने बिन्नी के पिता के रोल शानदार काम किया है, ऐसा लगता है राजेश मॉडर्न पिता के रोल में आज के दौर के सबसे फिट कलाकार हैं, चारु शंकर ने भी सपोर्टिंग रोल में ठीक काम किया है, जबकि हिमानी शिवपुरी का किरदार छोटा लेकिन प्रभावी रहा। नमन त्रिपाठी का किरदार फिल्म में सरप्राइज पैकेज है।
डायरेक्शन कैसा है?
फिल्म के डायरेक्टर संजय त्रिपाठी ने हर किरदार के बीच के रिश्तों को खूबसूरती से उभारा है। फिल्म का इमोशनल पहलू दर्शकों को छूने में कामयाब रहता है। फिल्म की लंबाई थोड़ी ज्यादा महसूस हो सकती है और कुछ जगहों पर कहानी धीमी पड़ती है। इस फिल्म की कहानी लंदन की पृष्ठिभूमि पर आधारित है, इसलिए फिल्म के ज्यादातर संवाद इंग्लिश में हैं। छोटे कस्बे के दर्शकों को समझना थोड़ा सा मुश्किल है। बावजूद इसके यह फिल्म दर्शकों पर भावनात्मक रूप से काफी प्रभावित करती है।
म्यूजिक कैसा है?
फिल्म का संगीत कहानी के साथ ठीक-ठाक मेल खाता है, हालांकि यह ज्यादा प्रभावशाली नहीं है। फिल्म का बैकग्राउन्ड म्यूजिक भी सामान्य है।
फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं?
अगर आप पारिवारिक और इमोशनल ड्रामा पसंद करते हैं तो बिन्नी एंड फैमिली जरूर देखें। यह फिल्म आपको आपके दादा-दादी की याद दिलाएगी और एक हल्की मुस्कान के साथ थिएटर से बाहर जाने पर मजबूर करेगी। खास करके बड़े शहरों में परिवार से दूर रहने वाले युवा पीढ़ी को फिल्म जरूर देखनी चाहिए।
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