4 मिनट पहले
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ 75% विवाद हल होने वाले बयान को लेकर सफाई दी है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि उनके कहने का मतलब सिर्फ सैनिकों के पीछे हटने को लेकर था।
विदेश मंत्री ने कहा कि चीन के साथ दूसरे मुद्दों पर अभी भी चुनौती बनी हुई है। जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ भारत का इतिहास मुश्किलों से भरा रहा है। वे न्यूयॉर्क में एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट में बोल रहे थे।
जयशंकर ने कहा कि चीन साथ LAC पर हमारा साफ समझौता था। लेकिन उन्होंने साल 2020 में कोरोना महामारी के दौरान कई सैनिकों को तैनात कर समझौते का उल्लंघन किया। इसके बाद आशंका थी कि कोई हादसा होगा और ऐसा हुआ भी। झड़प हुई और दोनों तरफ के लोग हताहत हुए।
जयशंकर ने कहा कि चीन के इस फैसले से दोनों तरफ के रिश्ते प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि अब हम टकराव वाले बिंदुओं पर पीछे हटने के ज्यादातर मामलों को सुलझाने में सक्षम हैं। लेकिन गश्त से जुड़े कुछ मुद्दों को हल करने की जरूरत है। अब अगला कदम तनाव कम करना होगा।
जयशंकर ने कहा कि समस्या का समाधान ढूंढ़ने के लिए दोनों पक्षों में बातचीत चल रही है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने 12 सितंबर को जेनेवा में एक समिट में कहा था कि भारत ने चीन के साथ सीमा वार्ता में सफलता मिल रही है और लगभग 75% विवाद सुलझ गए हैं। उन्होंने कहा था कि सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं का एक-दूसरे के करीब होना एक बड़ा मुद्दा है। अगर सीमा विवाद का समाधान हो जाता है, तो भारत-चीन संबंधों में सुधार संभव है।
जयशंकर ने कहा था कि 2020 में चीन और भारत के बीच गलवान में हुई झड़प ने दोनों देशों के रिश्तों को बुरी तरह प्रभावित किया। सीमा पर हिंसा होने के बाद कोई यह नहीं कह सकता कि बाकी रिश्ते इससे प्रभावित नहीं होंगे।
LAC पर शांति कायम करने को लेकर बीजिंग में हुई थी बैठक
इससे पहले भारत और चीन के बीच 29 अगस्त को बीजिंग में सीमा मामले को लेकर 31वीं बैठक हुई थी। दोनों देशों ने द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के मुताबिक सीमा इलाके में जमीन शांति कायम करने का फैसला किया था। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों पक्षों ने LAC की स्थिति पर चर्चा की। इस दौरान राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से संपर्क बढ़ाने पर भी सहमति जताई।
गलवान घाटी में क्या हुआ था? 15 जून 2020 को चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगह पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं।
भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि LAC पर गोलियां चलीं।
इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। बाद में भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें करीब 60 चीनी जवान मारे गए थे।
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विदेश मंत्री जयशंकर ने गुरुवार (12 सिंतबर) को कहा कि चीन के साथ विवाद का 75% हल निकल गया है। विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि सीमा पर बढ़ते सैन्यीकरण का मुद्दा अभी भी गंभीर है। पूरी खबर पढ़ें…
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