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UNSC की बैठक को संबोधित करते यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग रुकवाने के लिए सिर्फ बातचीत काफी नहीं है। अलजजीरा के मुताबिक, न्यूयॉर्क में UNSC की बैठक में जेलेंस्की ने कहा, “पुतिन अंतरराष्ट्रीय अपराध कर रहे हैं। वे अब तक इतने सारे कानून तोड़ चुके हैं कि अब वे खुद नहीं रुकेंगे।”
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, “यह जंग खुद से खत्म नहीं होगी। पुतिन थककर युद्ध नहीं रोकने वाले हैं। रूस को शांति के लिए मजबूर करना होगा। रूस ने UN चार्टर का इतना ज्यादा उल्लंघन किया है कि अब इसके अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।”
जेलेंस्की ने बताया कि उन्हें दूसरे पीस समिट की तैयारी करनी होगी। इसके लिए वे पहले ही भारत, चीन और कई दूसरे देशों को न्योता दे चुके हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर रूस को रोकना है तो सभी देशों को साथ मिलकर काम करना होगा।
जेलेंस्की ने दावा किया है कि उनका विक्ट्री प्लान रूस-यूक्रेन के बीच पुल का काम करेगा।
बाइडेन के सामने ‘विक्ट्री प्लान’ पेश करेंगे जेलेंस्की जेलेंस्की गुरुवार (26 सितंबर) को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के सामने अपना ‘विक्ट्री प्लान’ रखने वाले हैं। इसके लिए वह सहयोगी देशों से समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। इस प्लान की शर्तों को फिलहाल सीक्रेट रखा गया है लेकिन जेलेंस्की ने कहा है कि यह जंग रुकवाने में एक पुल की तरह काम करेगा।
UNSC की बैठक में 15 में से 14 देशों के मंत्री शामिल हुए। वही रूस ने इस मीटिंग में UN में मौजूद अपने स्थायी प्रतिनिधि वैसिली नेबेन्जिया को भेजा। नेबेन्जिया ने कहा कि एक बार फिर UN में जेलेंस्की को खास अहमियत दी जा रही है।
पुतिन ने कहा था- जंग रोकने के लिए भारत-चीन मध्यस्थता कर सकते हैं इससे पहले सितंबर की शुरुआत में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि वे जंग में समझौते के लिए यूक्रेन से बातचीत करने को तैयार हैं। पुतिन ने कहा था कि भारत, चीन या ब्राजील दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं। वहीं 23 अगस्त को PM मोदी की यूक्रेन यात्रा के बाद जेलेंस्की ने कहा था कि वे भारत में दूसरा पीस समिट करवाना चाहते हैं।
24 फरवरी 2022 को शुरू हुई रूस-यूक्रेन जंग को ढाई साल पूरे हो चुके हैं। इस बीच अब तक यूक्रेन के 10 हजार आम नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 18,500 लोग घायल हुए हैं। रूस ने यूक्रेन की 20% से कम जमीन पर कब्जा कर रखा है। यूक्रेन का दावा है कि जंग में रूस 3.92 लाख सैनिक गंवा चुका है। इस बीच अमेरिका ने रूस की 500 रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा रखे हैं।
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