AI the greatest invention of our lifetime | AI हमारे जीवनकाल का सबसे बड़ा आविष्कार: नीति आयोग के पूर्व CEO बोले- न्यूज कंजंप्शन के पूरी तरह डिजिटल होने में AI बड़ी भूमिका निभाएगा


नई दिल्ली13 मिनट पहले

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नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत, Meity सेक्रेटरी एस कृष्णन और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर। - Dainik Bhaskar

नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत, Meity सेक्रेटरी एस कृष्णन और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर।

सरकार AI के फायदों को पहचानने के साथ-साथ इसकी चुनौतियों का भी सक्रिय रूप से समाधान कर रही है। मैं नहीं मानता कि हमें टेक्नोलॉजी से डरना चाहिए। AI हमारे जीवनकाल का सबसे बड़ा आविष्कार है। आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने DNPA कॉन्क्लेव और अवार्ड्स 2024 में ये बात कही।

उन्होंने कहा हमारा ध्यान इस बदलाव का विरोध करने पर नहीं बल्कि इसका पूरी तरह से दोहन करने पर होना चाहिए। यह तय है कि एआई हमारे जीवन को गहराई से आकार देगा, बदलेगा और ट्रांसफॉर्म करेगा। जिसे हम सामान्य मानते हैं उसे फिर से परिभाषित करेगा।

हमें AI प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही तय करने की जरूरत है, जिससे इन प्लेटफार्म्स की सेफ्टी और ट्रस्ट सुनिश्चित हो सके। चाहे आप अमेरिका या भारत की कंपनी हों, या एक छोटी या बड़ी एंटिटी हों, आप उपभोक्ताओं को जो भी प्रदान करते हैं वह सुरक्षित और विश्वसनीय होना चाहिए।

न्यूज कंजंप्शन के पूरी तरह से डिजिटल होने में AI बड़ी भूमिका निभाएगा
वहीं नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत का मानना ​​है कि दुनिया में अपलोड की सबसे ज्यादा संख्या के साथ, न्यूज कंजंप्शन भी पूरी तरह से डिजिटल होने की ओर अग्रसर है और AI ऐसा करने में एक बड़ी भूमिका निभाएगा।

नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत का मानना है कि न्यूज कंजंप्शन के पूरी तरह से डिजिटल होने में AI बड़ी भूमिका निभाएगा। (फाइल फोटो)

नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत का मानना है कि न्यूज कंजंप्शन के पूरी तरह से डिजिटल होने में AI बड़ी भूमिका निभाएगा। (फाइल फोटो)

अखबार की खबरें पुरानी, हम हर तीन सेकंड में एक इंटरनेट यूजर जोड़ रहे
कांत ने स्टोरीबोर्ड18 DNPA कॉन्क्लेव और अवार्ड्स 2024 में कहा, ‘मैं रियल टाइम न्यूज एक्सेस कर सकता हूं। जब तक मुझे अगले दिन अखबार में खबर मिलती है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है, यह पुराना हो चुका होता है।

रात में, दुनिया के अन्य हिस्सों में कई अन्य चीजें घटित हो चुकी होती हैं जिन्हें आप जानना चाहते हैं वो भी अखबार में नहीं होती। इसीलिए हम हर तीन सेकेंड में एक इंटरनेट यूजर जोड़ रहे हैं। हमने एक बड़ा बदलाव किया है।’

मीडिया आउटलेट को नया रेवेन्यू मॉडल अपनाने की जरूरत
कांत ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि तकनीकी प्रगति ने न्यूज इंडस्ट्री को कैसे प्रभावित किया है। उन्होंने मीडिया आउटलेट को रीच बढ़ाने के लिए नए रेवेन्यू मॉडल को अपनाने की जरूरत को भी हाइलाइट किया।

एआई और जनरेटिव एआई से न्यूज कंटेंट स्थानीय बोलियों में मिलेगा
उनका मानना ​​है कि एआई और जनरेटिव एआई न्यूज कंटेंट को स्थानीय बोलियां बोलने वाली डायवर्स ऑडियंस तक पहुंचाने और एक ऑल-इन्क्लूसिव न्यूज एनवॉयर्नमेंट बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने AI-बेस्ड ट्रांसलेशन टूल भाषिनी AI का उदाहरण दिया। ये टूल रियल-टाइम में विभिन्न भारतीय भाषाओं को ट्रांसलेट करता है। इसने लैंगवेज बैरियर को तोड़ा है। AI और जनरेटिव AI समाचार की दुनिया में अगला बड़ा व्यवधान होगा।

कानून उन इश्यूज से डील नहीं कर रहे, जिनसे उन्हें डील करने की जरूरत
वहीं Meity सेक्रेटरी एस कृष्णन ने भी AI के बारे में बात की और यह डिजिटल इंडिया एक्ट को कैसे प्रभावित करेगा यह बताया। उन्होंने कहा- लोग अब AI के खतरों के प्रति जागरूक हो रहे हैं। हमें नहीं लगता कि हमारे कानून वर्तमान में उन इश्यूज से डील कर रहे हैं जिनसे उन्हें डील करने की जरूरत हैं।

Meity सेक्रेटरी एस कृष्णन भी DNPA कॉन्क्लेव और अवार्ड्स 2024 में शामिल हुए।

Meity सेक्रेटरी एस कृष्णन भी DNPA कॉन्क्लेव और अवार्ड्स 2024 में शामिल हुए।

डिजिटल इंडिया एक्ट विकसित हो रहा, कोई भई वर्जन फाइनल नहीं
Meity सेक्रेटरी ने कहा, डिजिटल इंडिया एक्ट विकसित हो रहा है। फिलहाल, इस एक्ट का कोई भी संस्करण जो चलन में है, सही या फाइनल वर्जन नहीं है। कृष्णन का भी मानना ​​है कि AI का इस्तेमाल प्रोडक्टिविटी में बाधा डालने के बजाय प्रोडक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में होगा।

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