MNS leader said- If Pakistani actors come here, they will be beaten up | मनसे नेता बोले- पाकिस्तानी एक्टर यहां आए तो पिटेंगे: थिएटर भी तोड़ देंगे; फवाद खान की फिल्म की इंडिया रिलीज पर विवाद

37 मिनट पहलेलेखक: किरण जैन

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पाकिस्तानी फिल्म ‘द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’’ की इंडिया में रिलीज के ऐलान के बाद, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने एक बार फिर पाकिस्तान के कलाकारों और फिल्मों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता अमय खोपकर ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में साफ-साफ कह दिया कि किसी भी पाकिस्तानी कलाकार या फिल्म को भारत में जगह नहीं मिलेगी। उन्होंने तीखे शब्दों में बॉलीवुड पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तानी कलाकार अगर यहां आकर प्रमोशन करेंगे, तो पिटेंगे।

देश की सुरक्षा और शहीद जवानों का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने अपने विरोध को सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित नहीं रखा, बल्कि पूरे देश में इसे फैलाने का इरादा जताया। पढ़िए बातचीत के कुछ प्रमुख अंश:

पाकिस्तान से कलाकारों के खिलाफ इस कड़े विरोध की असल वजह क्या है?

हमारे देश पर लगातार पाकिस्तान की तरफ से हमले होते रहते हैं। पिछले हफ्ते भी हमले हुए थे, जिनमें हमारे जवान शहीद हो गए थे। हमारे देश के कई शहरों में भी हमले होते हैं, जहां पर हमारे अच्छे पुलिस अफसर शहीद होते हैं। ऐसे में हमें पाकिस्तान की तरफ से कला क्यों चाहिए? क्या हमारे देश में कलाकार नहीं हैं? क्या हमारे यहां फिल्में नहीं बनतीं? हमें पाकिस्तान से कलाकार क्यों चाहिए? मुंबई में जो आतंकी हमला हुआ था, उसमें जिन पुलिस अफसरों ने अपनी जान गंवाई थी, उनके घरों में जब टीवी चालू होगा, तो क्या वो लोग इन पाकिस्तानी कलाकारों के शो देखेंगे? जिनकी वजह से हमारे जवान और पुलिस अफसर शहीद हुए, उनके कलाकार हमें नहीं चाहिए। पाकिस्तान से कोई भी कलाकार या फिल्म हम यहां रिलीज नहीं होने देंगे।

बॉलीवुड में इतने सालों से सब ठीक चल रहा था, अचानक अब पाकिस्तानी कलाकारों की जरूरत क्यों महसूस होने लगी है?

मेरा सवाल भी यही है कि आखिर इसकी जरूरत क्यों है? हमारे यहां बेहतरीन कलाकार और अच्छा टैलेंट है। फिर पाकिस्तान से कलाकार बुलाने की क्या जरूरत है? पाकिस्तान में तो हमारे फिल्मों को रिलीज ही नहीं होने देते, उल्टा उन्हें बैन कर देते हैं।

आपका विरोध सिर्फ महाराष्ट्र तक रहेगा या आप इसे पूरे देश में फैलाने की योजना बना रहे हैं?

हमारी पार्टी महाराष्ट्र तक सीमित है, लेकिन मैं बाकी राज्यों से भी यही कहता हूं कि अपने शहरों में भी कोई पाकिस्तानी कलाकार या फिल्म रिलीज न होने दें और इसका विरोध करें। हम जरूर विरोध करेंगे। महाराष्ट्र में तो पाकिस्तानी फिल्में रिलीज होंगी ही नहीं और इसे धमकी समझा जाए।

मान लीजिए अगर पाकिस्तानी फिल्मों की रिलीज होती है, तो आपकी अगली रणनीति क्या होगी?

थिएटर वालों को भी पता है कि उनके मल्टीप्लेक्स के शीशे काफी महंगे होते हैं। रिलीज होने देंगे नहीं, और ‘नहीं’ मतलब ‘नहीं।’

आर्ट और कल्चर को पॉलिटिक्स से अलग रखने की बात कही जाती है। क्या आपको लगता है कि यह मुमकिन है?

मैं मानता हूं कि आर्ट और कल्चर और पॉलिटिक्स अलग चीजें हैं। लेकिन जब वही आर्ट हमारे देश पर हमला करने वालों की होती है, तो हमें वो आर्ट नहीं चाहिए। हमारे लिए पहले देश आता है, फिर कला। कला की आड़ में हमारे देश पर हमला करने वालों को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। जिस दिन पाकिस्तान की तरफ से हमारे देश पर हमले बंद हो जाएंगे, तब हम बात करेंगे। फिलहाल के लिए बिलकुल नहीं।

बॉलीवुड के उन लोगों के लिए आपका क्या संदेश है, जो पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करने का समर्थन कर रहे हैं?

बॉलीवुड के लोगों को शर्म आनी चाहिए। हमारे देश में इतना टैलेंट है, फिर आपको बाहर से, खासकर पाकिस्तान से, कलाकार बुलाने की जरूरत क्यों है? चाहे जितनी कोशिश कर लें, हम ये मंजूर नहीं करेंगे कि यहां कोई पाकिस्तानी कलाकार आकर परफॉर्म करे या फिल्में दिखाए। अभी बातें हो रही हैं कि पाकिस्तानी कलाकार यहां आकर प्रमोशन करेंगे, तो उन्हें कहना चाहूंगा कि सोचना भी मत। प्रमोशन के बारे में सोचना भी मत, वरना पिटेंगे। हाथ-पैर तोड़ देंगे ।

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