2 मिनट पहले
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रूस एक बार फिर अपनी सेना में इजाफा करने जा रहा है। CNN के मुताबिक राष्ट्रपति पुतिन ने सोमवार को सैनिकों की संख्या बढ़ाने का आदेश दिया है।
आदेश के मुताबिक रूसी सेना में 1.80 लाख सैनिकों की भर्ती की जाएगी। इससे रूसी आर्मी में कुल सैन्य कर्मियों की संख्या लगभग 23.8 लाख हो जाएगी। इसमें एक्टिव सैनिकों की संख्या 15 लाख होगी।
क्रेमलिन के मुताबिक नई भर्ती दिसंबर में होगी। एक्टिव सैनिकों के मामले में फिलहाल रूस से आगे चीन, भारत और अमेरिका हैं। नई भर्ती के बाद एक्टिव सैन्यकर्मी के मामले में वह दूसरे नंबर पर आ जाएगा।
इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज (IISS) के मुताबिक चीन के पास करीब 20 लाख एक्टिव सैन्यकर्मी हैं। वहीं, भारत के पास करीब 14 लाख एक्टिव और अमेरिका के पास 13 लाख एक्टिव सैन्यकर्मी हैं।
25 महीने में तीसरी बार बढ़ेगा रूसी सेना का आकार फरवरी 2022 में यूक्रेन जंग की शुरुआत होने के बाद यह तीसरी बार है, जब पुतिन ने सेना का आकार बढ़ाया है।
पुतिन ने अगस्त 2022 में 1.37 लाख सैनिकों की बढ़ोतरी का आदेश दिया था। इससे रूसी सेना में कुल सैनिकों की संख्या 20 लाख से ज्यादा हो गई थी। इसमें 11.5 लाख एक्टिव सैनिक थे।
इसके बाद दिसंबर 2022 में रूसी सेना में 1.70 लाख और सैनिक बढ़ाए गए। इससे कुल एक्टिव आर्मी 13.2 लाख हो गई।
रूस ने 80 साल में पहली बार जमीन गंवाई रिपोर्ट के मुताबिक सैनिकों की संख्या बढ़ाने का पुतिन का यह आदेश इसलिए भी अहम है, क्योंकि पिछले महीने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी सेना घुस गई थी। यूक्रेन ने रूस के करीब 1,175 वर्ग किमी इलाके पर कब्जा कर लिया था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद ये पहली बार था जब रूस ने इतनी जमीन गंवाई।
हालांकि अब रूस ने अपनी जमीन वापस हासिल करने की कोशिश तेज कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले हफ्ते रूस और यूक्रेनी सेना के बीच कुर्स्क के कई इलाकों में मुठभेड़ हुईं। इस बीच रूस ने पूर्वी डोनबास इलाके के अहम यूक्रेनी शहर पोक्रोवस्क पर कब्जा करने की कोशिश तेज कर दी है।
जेलेंस्की का मानना है कि यूक्रेन की सुरक्षा और शांति के लिए लंबी दूरी कर मार करने वाले हथियारों की जरूरत है, जिससे रूस को रोका जा सके।
जेलेंस्की ने लंबी दूरी के मिसाइल इस्तेमाल करने की मंजूरी मांगी यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक बार फिर अपने सहयोगी देशों से रूस के रणनीतिक ठिकानों पर हमले की मंजूरी मांगी है। जेलेंस्की ने कहा है कि लंबी दूरी की मिसाइलों से रूस के सैन्य ठिकानों को तबाह कर ही इसका समाधान निकाला जा सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका और ब्रिटेन ने पिछले हफ्ते तक यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें देने का मन बना लिया था, लेकिन पुतिन की चेतावनी के बाद उन्होंने इरादा बदल दिया।
दरअसल, पुतिन ने पश्चिमी देशों को धमकी दी थी कि अगर यूक्रेन को लंबी दूरी तक हमला करने वाली मिसाइल का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा।
पुतिन ने कहा था कि अगर रूस पर लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला होता है तो माना जाएगा कि NATO इस जंग में सीधे तौर पर शामिल है। पुतिन की चेतावनी के बाद व्हाइट हाउस को बयान जारी करना पड़ा। इस बयान में कहा गया कि फिलहाल यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल सप्लाई करने पर कोई फैसला नहीं हुआ है।
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